पिछले साल आई NSPCC की एक रिपोर्ट के अनुसार कुछ चौंकाने वाले तथ्यों का खुलासा किया गया था. 11 से 16 साल के 53% बच्चों ने ऑनलाइन अश्लील चीज़ें देखी, (Children visits porn and adult sites) और इनमें से 94% बच्चे 14 साल के थे. 28% बच्चों के सामने ये चीज़ें अचानक पॉपअप विज्ञापनों के माध्यम से आई. 14% बच्चों का मानना था कि उन्होंने खुद की बिना कपड़ों वाली फोटो खिंची और 7% ने उन्हें शेयर भी किया.
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फ़ोन पर गेम खेलते समय बीच में आने वाले विज्ञापन अश्लील हो सकते हैं. हो सकता है बच्चे उन्हें देखते हों, उनकी और आकर्षित होते हों. अपने बच्चों का ध्यान रखें. पता करते रहे कि वो फ़ोन में क्या देख रहे हैं.
तरीके:-
अगर ज़रूरी न हो तो बच्चे को स्मार्टफोन दें ही नहीं.
अगर दे दिया है तो समय समय पर बच्चों का फ़ोन चेक करते रहें.
पैरेंटल कण्ट्रोल एप्प्स (Parental Control Apps) का इस्तेमाल करें.
स्मार्टफोन भी बच्चों के यौन शोषण (Child Abuse) की एक वजह हो सकता है.
ये हैं एप्प (List of Parental Control Apps)
Covenant Eyes
Kids Place – Parental Control
Abeona – Parental Control & Device Monitor (Not available in India)
ESET Parental Control for Android
Norton Family Parental Control (for Android)
SecureTeen Parental Control
Net Nanny
इन एप्प का प्रयोग करके आप अपने बच्चों पर नज़र रख सकते हैं. लेकिन बेहतर यही होगा कि आप बच्चों को स्मार्टफ़ोन का आदि न होने दें.