ओटीए अपडेट के बाद ‘रेड मी 1एस’ स्मार्टफोन के साथ वापस आया ‘सियोमी’

Updated on 17-Nov-2014
HIGHLIGHTS

हाल ही में यूजर्स की शिकायत पर सियोमी ने इसके रेड मी 1एस स्मार्टफोन में ओटीए अपडेट करने की बात कही थी। इस अपडेट के साथ रेड मी 1एस भारतीय बाजार में वापस आ चुका है। इसका यह अपडेट उपभोक्ताओं की शिकायत दूर करने में कितना कारगर है, जानने के लिए हमने भी इसे दुबारा टेस्ट किया।

अगर आप तकनीक की दुनिया और इसकी खबरों से अपडेट रहते हैं तो कुछ दिनों पहले ही चाइनीज स्मार्टफोन कंपनी ‘सियोमी’ द्वारा इसके रेड मी 1एस स्मार्टफोन में ओटीए (OTA) अपडेट करने की घोषणा शायद आपको याद हो। उपभोक्ताओं द्वारा फोन के गर्म होने, बैटरी फंक्शन में परेशानी आने तथा कई अन्य तरह की परेशानियों की शिकायतें आने पर सियोमी ने यह कदम उठाया था। अब जब अपडेट के बाद रेड मी वापस आ गया है, आइए देखते हैं कि हमारे लैब टेस्ट में इसने क्या रिजट्स दिए और टेस्टिंग में कितना खरा उतरा।

अपने फेसबुक पोस्ट में कंपनी के उपाध्यक्ष ह्यूगो बारा ने फोन के गर्म होने की समस्या, रैम, डिवाइस परफॉर्मेंस की परेशानी तथा सीपीयू-जेड (CPU-Z) जैसे एप्स का स्मार्टफोन पर कंपनी द्वारा बताई गई विशेषताओं के अनुसार काम न करने जैसी गड़बड़ियों को हल करने का विश्वास जताया। आइए एक-एक कर इनका जायजा लेते हैं:

गर्म होने की समस्या

ऑरिजनल रेड मी 1एस के हमारे रिव्यू में हमने बताया था कि गर्म होने के बाद इस स्मार्टफोन का परफॉर्मेंस बेहद खराब हो जाता है। बारा के इस पोस्ट के अनुसार ‘थर्मल कंट्रोल एल्गरिदम’ को ठीक कर यह समस्या हल कर दी गई है। इसे परखने के लिए हमने कई दिनों तक इसका टेस्ट किया। इसके बाद हम यह कह सकते हैं कि रेड मी 1एस अभी भी थोड़ा गर्म होता ही है और इसके साथ ही इसकी परफॉर्मेंस भी अभी भी खराब होती है। इसमें हमने कोई भी उल्लेखनीय बदलाव नहीं पाया।
थर्मल कंट्रोल यहां काम जरूर करता है लेकिन बस इतना कि इसके कारण अब पहले के मुकाबले डिवाइस तेजी से ठंढा होता है।

रीयल रेसिंग 3 खेलते हुए हमने एक नई कमी भी पता चली

पहले के मुकाबले इस बार हमें रेड मी 1एस का परफॉर्मेंस थोड़ा और कम लगा। एमआईयूआई (MiUI 5) अभी भी इसपर पहले की ही तरह तेज चलता है, या यूं कहें कि पहले से कहीं बढ़िया चलता है तो गलत नहीं होगा। इतना तो सभी मानते हैं कि बजट स्मार्टफोन में हाई-एंड गेम्स खेलना थोड़ा मुश्किल भरा होता है। इसलिए हमने कुछ एसफाल्ट 8, रीयल रेसिंग3, टेंपल रन2, स्पाइडरमैन अनलिमिटेड जैसे लोअर-एंड गेम्स डाउनलोड किए। पर एक बार फिर निराशा हाथ लगी।

रैम की उपलब्धता

रैम के मामले रेड मी 1एस को थोड़ा बेहतर जरूर किया गया है। ऑरिजनल डिवाइस की हमारी टेस्टिंग में मुश्किल से 350 एमबी फ्री रैम तक यह डिवाइस जाती थी, लेकिन इस बार हमने इसका रैम 420 एमबी तक पाया जो कई बार 450 एमबी तक भी गया।

यूआई (UI) परफॉर्मेंस

जैसा कि हमने ऊपर भी कहा है, रेड मी 1एस में यूआई की कमी साफ नजर आती थी। हलांकि पिछली समीक्षा में डिवाइस की कम कीमत को देखते हुए इसे नजअंदाज कर दिया गया था पर इस बार यह कमी और ज्यादा नजर आई। ‘बिग जीमेल विजेट’ को स्क्रीन पर रखने पर आप भी इसे पता कर सकते हैं। फोन में बार-बार की-बोर्ड हैंग होने की समस्या भी आती है। 

डिवाइस

रेड मी 1एस डिवाइस कुछ एप्लिकेशंस पर अच्छी तरह काम नहीं कर रहे थे। डिवाइस में लिथियम पॉलीमर बैटरी का उपयोग किया है जबकि सीपीयू-जेड जैसे एप्स के लिए इसमें लिथियम आयन बैटरी दी गई है। इसके बावजूद सीपीयू-जेड के अनुसार रेड मी 1एस लिथियम आयन बैटरी पर चलता है।

बॉटमलाइन

ऐसा लगता है कि ओटीए इशू को हल कर देने का दावा सियोमी बस रैम के आधार पर कर रहा है जबकि बाकी समस्याएं आज भी वैसे की वैसी ही हैं। गर्म होने की परेशानी कुछ हद तक हल की गई है लेकिन इसके कारण कई अन्य गड़बडियां सामने आई हैं। इसकी प्राइस रेंज में रेड मी 1एस आज भी उपभोक्ताओं को लुभा रहा है। इसलिए सियोमी को दुबारा अपने अपडेट पर विचार करना चाहिए ताकि जल्द से जल्द उपभोक्ताओं की सभी शिकायतें वास्तव में हल की जा सकें।

Prasid Banerjee

Trying to explain technology to my parents. Failing miserably.

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