टेस्टेड: गूगल हिंदी वॉइस सर्च

Updated on 01-Dec-2014
HIGHLIGHTS

गूगल ने विशेष रूप से भारतीय यूजर्स के लिए हिंदी वॉइस रेकग्निशन के साथ हिंदी की-बोर्ड लॉन्च करने की घोषणा की है। हमने इसकी कार्यपद्धति जानने की कोशिश की कि आखिर उपभोक्ताओं के लिए यह किस तरह काम करेगा और कितना फायदेमंद साबित हो सकता है।

अगर भारत में स्मार्टफोन का बड़ा और महत्त्वपूर्ण बाजार होने की संभावनाओं पर अभी भी आपको यकीन नहीं है तो सोमवार को गूगल द्वारा की गई घोषना आपको इसपर दुबारा सोचने के लिए मजबूर कर देगी। ‘इंडियन लैंग्वेज इंटरनेट एलायंस’ की घोषणा करते हुए कंपनी ने एंड्रॉयड पर हिंदी वॉयस रिकॉग्नीशन और की-बोर्ड सपोर्ट की बात भी कही।

जैसा कि हम ऐसी सभी नई तकनीकों के साथ करते हैं, इसकी वास्तविक उपयोगिता को भी हमने जांच के घेरे में परखने की कोशिश की। इसके लॉन्च पर हम भी मौजूद थे इसलिए कंपनी द्वारा बताई जा रही इसकी सर्विसेस के फर्स्ट लुक को देखने के साथ ही हमें इसके साथ पूरा दिन गुजारने क मौका मिला। इसलिए ज्यादा भूमिका नहीं बनाते हुए हम भारतीय बाजार में पहुंच बनाने की गूगल के इस लेटेस्ट अटेम्प्ट पर अपनी राय आपके समक्ष रख रहे हैं।

हिंदी वॉइस रेकग्निशन

इसने हमें बेहाद प्रभावित किया। सिस्टम हिंदी में बोले गए शब्दों की स्पष्ट रूप से पहचान करते हुए रिजल्ट्स भी बेहद तेज गति से देता है। हमने हिंदी के कई शब्दों के साथ इसे आजमाया लेकिन इसने कहीं भी हमे निराश नहीं किया। यहां तक कि हिंदी के कई कठिन शब्दों को भी हमने आजमाया लेकिन इसने उतनी ही आसानी से इसकी पहचान कर ली। इतना ही नहीं, अलग प्रकार से उच्चारित या गलत उच्चारण की भी इसने सही रूप से पहचान की।

सर्च रिजल्ट

सर्च रिजल्ट यहां थोड़ा निराश करता है। टॉपिक के अनुरूप संतोषजनक सर्च रिजल्ट नहीं मिलता लेकिन इसके लिए गूगल को दोष नहीं दिया जा सकता क्योंकि सर्च रिजल्ट न आने का कारण हिंदी में उपलब्ध कंटेट की कमी होना है।

हमारे टेस्ट में कई बार रिजल्ट इंगलिश के कंटेट के रूप में भी आया और यह भी शायद हिंदी में कंटेट न होने के कारण ही था।

एक सर्च रिजल्ट यहां खास तौर पर उल्लेखनीय है जब हमने सिस्टम से भारत के प्रधानमंत्री के विषय में पूछा और सर्च रिजल्ट में इंफीबीम वेबसाइट पर उपलब्ध भारतीय प्रधानंत्री के विषय में लिखी गई किताब का पेज सामने आ गया। इसके बाद हमने इससे सवाल किया कि ‘भारत के राष्ट्रपति कौन हैं?’ और रिजल्ट में भारत के राष्ट्रपति की लिस्ट वाला एक वेब पेज हमारे सामने आया जिसमें ऐसे तो अब तक के राष्ट्रपति का नाम था लेकिन वर्तमान राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का नाम कहीं नहीं था जबकि अंग्रेजी में कई रिजल्ट सामने आते हैं और सिस्टम बोलकर भी आपको बताता है कि ‘इट इज़ प्रणव मुखर्जी’। इस तरह अगर देखें तो सिस्टम में अभी बहुत सुधार की गुंजाइश है।

अगर न्यूज सर्च करते हैं तब बहुत हद तक हिंदी वॉइस सर्च का रिजल्ट आपके सर्च के अनुरूप ही मिलता है। इसका एक बड़ा कारण बड़ी संख्या में हिंदी न्यूज वेबसाइट्स का होना है जिसके हिंदी में इसके सर्च रिजल्ट आसानी से मिल जाते हैं। भारतीय नामों, खासकर किसी सेलिब्रिटी के नाम के सर्च में भी रिजल्ट आपको बहुत हद तक ऐसा ही मिलता है।

ओके गूगल (Ok Google)

इसके लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। अंग्रेजी की तुलना में हिंदी का वॉइस कमांड उतनी अच्छी तरह काम नहीं करता। हमने कुछ गूगले कर्मचारियों से इस संबंध में बात की तो इन्होंने इसपर काम चलने की बात कही।

नेविगेशन

अंग्रेजी में आप कह सकते हैं कि ‘टेक मी टू एक्स वाई जेड प्लेस’ या ‘नेविगेट टू एक्स वाई जेड प्लेस’ नेविगेशन रिजल्ट्स आ जाते हैं लेकिन हिंदी में अभी तक यह संभव नहीं है। यहां हमने इसे भी उन फीचर्स में जाना जिसे काम करने के संबंध में पूछने पर ‘इसपर काम चलने’ का जवाब मिला।

कुल मिलाकर

गूगल के हिंदी वॉइस रेकग्निशन कमांड हिंदी की पहचान अच्छी है लेकिन इसके अलावे इसमें अभी बहुत सारी कमियां हैं जिनमें सुधार करने की सख्त जरूरत है। हालांकि गूगल ने इसके लांच की घोषणा की लेकिन इसने इसे भारतीय भाषाओं में इंटरनेट सर्च को सुलभ बनाने के लिए अपना पहला कदम नहीं बताया। फिर भी हिंदी की स्पष्ट पहचान की इसकी क्षमताएं अच्छी हैं जिसे हिंदी कंटेट की उपलब्धता के साथ उपयोगी बनाया जा सकता है।

Prasid Banerjee

Trying to explain technology to my parents. Failing miserably.

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