दुनिया का सबसे सस्ता जिसकी कीमत महज़ 251 रुपये रखी गई है, Freedom 251 आधिकारिक तौर पर लॉन्च हो गया है… लेकिन क्या मैं जो सोच रहा हूँ वही आप भी सोच रहे हैं? मैं सोच रहा हूँ अगर आप एक प्रोडक्ट को खरीदने के लिए अपने कुछ पैसे निवेश करते हैं तो आप अपने जहन में इस बात को जरुर रखते हैं कि उस प्रोडक्ट को आप कुछ समय के लिए इस्तेमाल करेंगे. बेशक को निवेश बहुत कम ही क्यों न हो… तो क्या आपके जहन में यही बात आ रही है कि अगर आप अपने 251 रुपये किसी फोन के लिए खर्च कर रहे हैं तो वह फ़ोन कुछ समय के लिए सही प्रकार से चले और काम करें… कहीं ऐसा न हो कि आप इस स्मार्टफ़ोन को लें और एक दिन, दो दिन, एक सप्ताह या एक महीने बाद यह स्मार्टफ़ोन ख़राब हो जाये…
मैं ऐसा इस लिए भी कह रहा हूँ क्योंकि इस स्मार्टफ़ोन के लॉन्च इवेंट में पर मुझे कुछ समय के लिए ये स्मार्टफ़ोन इस्तेमाल करने के लिए मिला और मैंने इसे इस्तेमाल करके यह अनुभव किया कि यह उतना प्रभावित नहीं है जितना कि कहा जा रहा है… पहली झलक में देखने पर यह किसी बच्चे के खेलने वाला साधारण सा विडियो गेम लगता है. और अगर आप इसे पास से देखते हैं तो आपको यह काफी साधारण सा डिजाईन वाला स्मार्टफ़ोन लगेगा. इसके डिजाईन पर ध्यान देने पर मुझे यह आईफ़ोन का सबसे सस्ता और चीनी वर्ज़न जैसा लगा जिसे बिना किसी अच्छे मटेरियल के इस्तेमाल के बना दिया गया हो, लेकिन कुछ लोगों को और बाद में मुझे भी यह स्मार्टफ़ोन Adcom Ikon 4 की हुबहू नक्ल लगा जिसे एक नया सा रूप देकर पेश किया गया है.
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फ़ोन की डिस्प्ले 4-इंच की QHD IPS डिस्प्ले बताई जा रही है जो मुझे कतई प्रभावित नहीं कर पाई है. इसके साथ ही इसका कैमरा और बनावट खासकर बिलकुल अच्छी नहीं लगी, लग रहा था कि एक प्लास्टिक के खिलोने को ऐसे ही आपको दे दिया गया है. स्मार्टफ़ोन की कीमत कम है इसका मतलब यह नहीं है कि आप किसी को धोखा दे सकते हैं. इस स्मार्टफ़ोन की कीमत को देखते हुए इसके मटेरियल को उसी कीमत में रखा गया है.
कहा जा रहा है कि स्मार्टफोन के चिपसेट को ताइवान से आयात किया गया और यह 1.3Ghz का क्वाड-कोर चिपसेट है लेकिन कंपनी के डायरेक्टर अशोक चड्ढा ने इस कंपनी के बारे में कुछ नहीं बताया है. इसके साथ ही आपको बता दें कि इतनी कम कीमत में एक स्मार्टफ़ोन को निकालने के लिए बड़ी हिम्मत चाहिए क्योंकि आजकल हर व्यक्ति कहीं न कहीं से अपना फायदा जरुर देखता है. लेकिन चड्ढा जी का कहना है कि हम अपना कोई फायदा नहीं देख रहे हैं बस हम डिजिटल इंडिया पहल को आगे बढाने के लिए ये कदम उठा रहे हैं. अब यहाँ से शंका शुरू हो जाती है. इसके साथ ही कहूँ तो BJP के लोगों को इस इवेंट में देखे जाने से यह शंका और भी बढ़ जाती है.
कुछ खबरों में कहा भी जा रहा है कि और इंडियन सेल्यूलर एसोसिएशन (ICA) ने तो इस मामले को लेकर भारत के दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद को एक पत्र लिखकर 251 रुपये में आने वाले इस स्मार्टफ़ोन को लेकर काफी चिंता जताई है. इस संस्था की माने तो सरकार द्वारा सब्सिडी दिए जाने के बाद भी किसी स्मार्टफ़ोन की कीमत Rs. 3,500 से कम किसी भी कीमत पर नहीं हो सकती है. लेकिन कंपनी के डायरेक्ट अशोक चड्ढा का कहना है कि उन्हें सरकार से किसी तरह की मदद नहीं मिल रही है. क्या आपको इस बात पर यकीन हो रहा है मुझे तो कतई नहीं हो रहा है… इसके साथ ही मुझे तो बड़े नेताओं खासकर भाजपा के बड़े नेताओं का यहाँ होना ही संदेह भरा लग रहा है. क्योंकि डिजिटल इंडिया जो पहल है वह मोदी कि पहल है और सरकार से किसी तरह की मदद से इनकार करना संदेह खड़ा कर देता है.
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इसके अलाव अगर मैं अपना दूसरा पक्ष रखूं तो आपको बता देना चाहता हूँ कि एक स्मार्टफ़ोन जो दुनिया का सबसे सस्ता स्मार्टफ़ोन है वह भारत में लॉन्च हुआ है और एक भारतीय कंपनी द्वारा लॉन्च किया गया है यह हमारे लिए गर्व की और देश को गौरवान्वित करने वाली बात है.
स्मार्टफ़ोन में आपको 5K वाले स्मार्टफोन के सभी स्पेक्स मिल रहे हैं. इससे बढ़िया बात के हो सकती है, अगर आप बाज़ार में किसी कंपनी का फीचर फ़ोन खरीदने के लिए जानते हैं तो आपको यह स्मार्टफ़ोन 1000-1500 की कीमत में मिलेगा जिसमें आपको न तो बढ़िया कैमरा मिलता है और न ही इसमें कोई खास फीचर मिलता है एक साधारण सा फ़ोन आपको इस कीमत में मिलता है साथ ही अगर आप एक स्मार्टफ़ोन खरीदने जाते हैं तो 3000-5000 के तक आपको एक औसत सा स्मार्टफ़ोन मिलेगा, लेकिन अगर एक स्मार्टफ़ोन आपको इन्हीं से खूबियों के साथ महज़ 251 में मिल रहा है तो शायद इसकी खामियों को नज़रअंदाज़ करना ही सही होगा.
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अब देखना है यह कि बुकिंग के बाद आप तक स्मार्टफोन पहुंचता है भी या नहीं, कंपनी एक डायरेक्टर अशोक चड्ढा ने कहा कि इस स्मार्टफ़ोन की 18 फरवरी से शुरू हुई बोकिंग जो कि 21 फरवरी तक चलने वाली है के पूरे होने के बाद और जो रजिस्ट्रेशन हम सोचा रहे हैं के पूरा होने के बाद इस स्मार्टफ़ोन को यूजर्स तक 30 जून तक पहुंचा दिया जाएगा. अगर बाद करें इस स्मार्टफ़ोन को लेकर चल रहे प्लांट्स की तो इस स्मार्टफ़ोन को दोई प्लांट्स में निर्मित किया जाएगा जिसमें से पहला नोएडा में और दूसरा होगा उत्तराखंड में, अब सवाल यह उठता है कि कहीं या प्रोजेक्ट भी टाटा की नैनो गाड़ी की तरह ही फेल न हो जाए जैसे उन्हें बंगाल में प्लांट के लिए जगह न मिलने के कारण अपनी कार के दाम 1 लाख से बढ़ाने पड़े थे कहीं इस स्मार्टफ़ोन के दाम भी भविष्य में ज्यादा न कर दिया जाएँ, कहीं ऐसा न हो कि आपके बुक के बाद और आपतक डिलीवरी होने से पहले आपसे इसके दाम बढ़ाकर न लिए जाएँ… ऐसे बहुत से सवाल और भी हैं जिनकी चर्चा कानी अभी सही नहीं है यह चर्चा तो अब इसके डिलीवरी के समय ही करनी सही होगी.
अब चाहे जो भी चाहे स्मार्टफ़ोन मुझे उतना प्रभावित न कर सका हो, लेकिन मुझे फिर भी अच्छा लग रहा है कि हमारी भारतीय कंपनी ने इस तरह का कारनामा कर दिखाया है. जो कि वाकई काबिले तारीफ़ है…