OnePlus Nord मेरी उम्मीद से भी ज़्यादा कॉम्पैक्ट फोन निकला है। यह OnePlus 8 और 8 Pro से भी छोटा है लेकिन दोनों से चौड़ा है। मैं आसानी से नोटिफिकेशन शेड को टॉप से नीचे ला सकता है, लेकिन स्क्रीन पर एक सिरे से दूसरे पर जाने में थोड़ा समय लगता है, जैसे कीबोर्ड पर एंटर बटन एंटर करना। फोन को हाथ में लेते ही पहला विचार यह आया, मैंने इसके कॉम्पैक्ट फॉर्म फैक्टर को बोस्ट कर सकता हूं लेकिन इसे एक हाथ से उपयोग नहीं कर सकता हूं। यह एक बमर है।
इसे इग्नोर किया जा सकता है। अगर आप लार्ज-स्क्रीन फोन उपयोग करते हैं तो आपको दो हाथों से इन्हें पकड़ने की जरूरत पड़ती है। अगले पॉइंट की बात करें तो वह स्पीड होगी, जिसमें हमने अनलॉक बटन दबाने और लॉक स्क्रीन को होम स्क्रीन पर स्वाइप किया था। मैंने फास्ट स्मार्टफोन देखे हैं लेकिन बिना न्यूज़ कंटैंट, विज्ञापन के यह एक्शन सीमलेस है। जिस तरह ब्रांड ने हर डिवाइस पर इसे तैयार किया है।
फोन की टेस्टिंग के लिए ज़रूरी ऐप्स इन्स्टाल करते दौरान हमने फोन में पहला लैग देखा। फोन ऐप और कैमरा ऐप ओपन करने के समय OnePlus Nord एक सेकंड के लिए रुका था। बाद में भी व्यूफाइंडर दिखने से पहले मुझे करीब तीन सेकंड के लिए इंतज़ार करना पड़ा।
इसके बाद हमने कैमरा टेस्ट किया है। अगर आप सालों OnePlus के फोंस इस्तेमाल करते हैं तो UI समान ही लगेगा। प्राइमरी कैमरा की मदद से फास्ट शूटिंग का अनुभव मिला है और इसके साथ ही तीन सेन्सर 8MP अल्ट्रावाइड, 2MP मैक्रो और 2 MP डेप्थ दिए गए हैं, जिसका हमने इस्तेमाल किया है। लेकिन हम अपने एमबारगो एग्रीमंट के चलते उसके उदाहरण नहीं दिखा सकते हैं। इसमें 2X ज़ूम (48एमपी प्राइमरी कैमरा से क्रॉप कर के) एक मैक्रो मोड, एक नाइट मोड और एक प्रो मोड दिया गया है।
इसे देखते हुए यह महसूस करना आसान हुआ, की वनप्लस लेटेस्ट मिड-रेंज हार्डवेयर तो सेल नहीं कर रहा है लेकिन यूज़र्स को OxygenOS का अनुभव मिलने वाला है। Android की स्मूद कस्टम स्किन को आप बिना फ्लैगशिप चिप के भी महसूस कर पाएंगे। 90Hz डिस्प्ले चीजों को दिखने में स्मूद और फास्ट भी बनाती है। OxygenOS दरअसल, OnePlus Nord का स्टार ऑफ द शो कहा जा सकता है। पिछले कुछ सालों में कंपनी काफी महंगे फोन बनाने लगी है लेकिन नोर्ड के साथ कंपनी एक बार दोबारा मिड-सेगमेंट में वापसी करती दिख रही है। इसे एक अच्छा कदम कहा जा सकता है।
जितने समय हमने स्मार्टफोन इस्तेमाल किया है उतने में यह बता पाना मुश्किल है कि यह कितना सही है लेकिन तीन दिन तक इसे प्राइमरी स्मार्टफोन की तरह उपयोग करने के बाद यह महसूस हुआ है कि यह स्मार्टफोन बिना किसी डिस्ट्रैक्शन के अच्छा चलने वाला है जो कि आज कल के बजट फोंस में देखने को मिलती है। हार्डवेयर में कुछ नया देखने को नहीं मिला है, हम यह सब Rs 20,000 की श्रेणी में भी देख चुके हैं। हाई रिफ्रेश रेट आजकल आम हो चुकी है, स्नैपड्रैगन 7 सिरीज़ ने भी 6 सिरीज़ को रिप्लेस कर दिया है, 48+8+2+5MP क्वाड-कैमरा आज हमें Rs 15,000 के प्राइस में भी मिल जाता है। तो नया क्या है?
स्नैपड्रैगन 765G को टेस्ट किया जा सकता है। अब हमें लेमिनेटेड ग्लास डिज़ाइन भी अधिकतर मिड-रेंज फोंस में दिख जाता है, तो ये हाइप क्यों?
डिवाइस का प्रचार शायद इतनी ऊँचाइयों तक पहुंचा दिया गया था कि पूरी तरह से हार्डवेयर की पसंद किया जाए, और यूज़र्स को लगे कि यह सबसे अच्छा विकल्प है, जब बाहर महामारी फैल रही हो, और अर्थव्यवस्था की झलक दिख रही हो, और बजट छोटा है।