एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम पर कई परेशानिया पैदा होती जा रही है, जिसके कारण गुगल एंड्रॉयड को काफी खतरा मेहसूस हो रहा है. गुगल ने इस ऑपरेटिंग सिस्टम को लोगों की सुविधा के लिए बाजार में उतारा था, जिसका की सभी लोग आसानी से इस्तेमाल कर सके. एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम में हेंडसेट निर्माता कंपनियां अपनी सुविधा के मुताबिक बदलाव कर सकती हैं. एंड्रॉयड को गुगल ने लगभग 7 साल पहले बाजार में उतारा था, अभी तक इसके कई नए वर्जन भी उतारे जा चुके हैं, लेकिन अब गुगल इसकी सुरक्षा के पहेलू को लेकर काफी परेशान है, इनदिनों देखा जा रहा है कि स्मार्टफ़ोन इस्तेमाल करने वाले लोगों का व्यक्तिगत डाटा को आासानी के साथ चुराया जा सकता है.
Stagefright एक बड़ा खतरा
इनदिनों Stagefright के बारे में काफी चर्चा की जा रही है. एंड्रॉयड v2.2 के आने के बाद से Stagefright एंड्रॉयड के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बन गया है, गलत इरादे रखने वाला कोई भी व्यक्ति अब आसानी से आपका व्यक्तिगत डाटा बड़ी ही आसानी के साथ एक एमएमएस की मदद से हैक कर सकता है. एमएमएस में मौजूद एक कॉड हैकर को आपके स्मार्टफ़ोन में प्रवेश करने का रास्ता दे देता है. स्मार्टफ़ोन के बढ़ते इस्तेमाल के कारण अब लोग अपने खाते के पासवर्ड, बोर्डिंग पास और क्रेडिट कार्ड आदि से संबंधित जानकारियां अपने स्मार्टफ़ोन में रखते हैं. एंड्रॉयड बाजार के बढ़ने के साथ-साथ इसको इस्तेमाल करने वाले लोगों के व्यक्तिगत डाटा की सुरक्षा भी अब खतरे में है.
लेकिन इसको रोकने के लिए गुगल ने भी अपनी ASLR तकनिक को उतारा है जिसके इस्तेमाल से स्मार्टफ़ोन को सुरक्षित बनाया जा सकता है और हैकिंग से बचा जा सकता है. देखा गया है कि अपने फ़ोन को सुरक्षित रखने के लिए समय-समय पर सुरक्षा से संबंधित प्रोग्रामों को अपडेट करते रहना चाहिए. Loophole एक ऐसा ही प्रोग्राम है जिसके इस्तेमाल से स्मार्टफ़ोन के मालिक हैक हुए फ़ोन के सुरक्षा पेनल को दुबारा पा सकते हैं.
फिंगरप्रिंट डिबेक्ल
इनदिनों ज्यादातर स्मार्टफ़ोनों में फिंगरप्रिंट आधारित सुरक्षा लॉक दिया जाना आम बात है, लेकिन यह आपके स्मार्टफ़ोन को पूरी तरहा सुरक्षित करने में कामियाब नहीं है. Abbyak Black Hat कॉन्फ्रेस में मौजूद दो सुरक्षा से संबंधित विषय पर रिर्स्च करने वाले सोधकरताओं ने बताया कि कैसे और क्यों स्मार्टफ़ोन हैक होते हैं. फिंगरप्रिंट लोक से लैस स्मार्टफ़ोन भी आपके एंड्रॉयड फ़ोन में मौजूद डाटा को सुरक्षित ने बना सकते हैं.
फिंगरप्रिंट से लैस गैजेट भी आपके डाटा को पूरी तरह से सुरक्षित नहीं बनाते हैं. इनमें से ज्यादातर गैजेट्स में डाटा को उसके रूट पर ठीक तरह से लॉक नहीं किया जाता है, जिसके कारण इस डाटा को हैक किया जा सकता है. लेकिन IOS के होने के कारण हैकर आपका डाटा हैक नहीं कर सकता, अगर उसके पास आपके लॉक का पासवर्ड मौजूद नहीं है तो. एंड्रॉयड गैजेट में मौजूद डाटा को हैकर न केवल इस्तेमाल कर सकता है, बल्कि फ़ोन को इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति द्वारा डाटा को एक बार फिर ऑपन करने पर देख सकता है.
फिंगरप्रिंट आधारित प्रमाणीकरण इनदिनों काफी जगहों पर इस्तेमाल किया जा रहा है. इसका इस्तेमाल कुछ तरह की धनराशि से संबंधित लेनदेन में किया जा रहा है. इसी कारण से हैकिंग का खतरा काफी बढ़ गया है. हैकिंग का खतरा सस्ते उपकरणों में ज्यादा पाया जा रहा है.
एप्प परमिशन
एंड्रॉएड गैजेट्स में एप्प से संबंधित अनुमति एक बहुत ही बड़ी समस्या बन गया है. हमने हाल ही में ऑनलाइन सामान बेचने वाली कंपनी फ्लिपकार्ट के एप्प को इस्तेमाल करके देखा जिसमें हमने पाया कि एप्प को इस्तेमाल करने के लिए एप्प ने हमसे हमारे फ़ोन में मौजूद संपर्कों की जानकारी को एक्सेस करने की अनुमति मांगी. यहां प्रयोग हमारे दिमाग की उपज थी, जब हमने फ्लिपकार्ट से इस बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि एप्प इस संपर्कों को इस्तेमाल नहीं करना चाहता लेकिन एप्प को इस्तेमाल करने के लिए यह जरूरी है.
हमने जब इसी एप्प को IOS पर खोला तो हमने पाया कि वह हमारे फ़ोन में मौजूद संपर्कों को एक्सेस करने की अनुमति नहीं मांगी गई. IOS को इस्तेमाल करने वाले लोगों ने भी इस बात पर हामी भारी. हमने IOS को बाकी OS के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित पाया. बिना सुरक्षा से लैस एप्प के इस्तेमाल के कारण ही आपके फ़ोन को हैक किया जाता है.
बेहत सुरक्षा इंतेजाम, गुगल?
एंड्रॉएड में हमेशा से ही सुरक्षा से संबंधित परेशानियां देखी गई है और आगे भी इसमें सुरक्षा से संबंधित परेशानियां का हल करने वालों की जरूरत रहेगी. गलत भावना रखने वालों के कारण ही अच्छी चीजों का इस्तेमाल गलत तरिके से किया जाता है और हैकर इसका गलत इस्तेमाल कर रहे हैं.