जब गूगल ने सितंबर में एंड्रायड वन फ़ोन भारत में लांच किया, कहा गया कि वह इस तरह काम करेगा कि यूट्यूब वीडियो ऑफ़लाइन उपलब्ध हो। वस्तुतः, योजना यूजरों को वीडियो डाउनलोड की अनुमति प्रदान करना था जब उनको ऑफ़लाइन देखने के लिए नेटवर्क नहीं हो।
कल, कंपनी ने कहा कि एक एंड्रायड फोन या टैबलेट पर ऑफ़लाइन देखने के लिए यूट्यूब वीडियो को डाउनलोड करने का फ़ीचर उपलब्ध था।
तो वह कैसे काम करता है और आप एक यूट्यूब वीडियो को ऑफ़लाइन देखने के लिए कैसे सहेज सकते हैं? इन चरणों का अनुसरण करें :
1 – अपने फ़ोन पर यूट्यूब को अपडेट करें। यह आप प्ले स्टोर एप में जाकर कर सकते हैं और फ़िर यूट्यूब एप के लिए चेक करें।
2 – एक बार आप अपडेटेड एप खोलते हैं, तो वह आपको कहेगा कि ऑफ़लाइन देखने के लिए सपोर्ट जोड़ा गया है।
3 – ऑफ़लाइन देखने के लिए उपलब्ध वीडियो के तहत—सभी उपलब्ध नहीं—आप उनको डाउनलोड करने के लिए एक अतिरिक्त बटन देखेंगे।
4 – इस बटन को क्लिक करने पर यूजर को उस रेजॉल्यूशन के बारे में पूछता हि जिसमें डाउनलोड किए गए वीडियो में चाहता है। 360पी और 720पी उपलब्ध हैं. 1080 पी उपलब्ध नहीं है, कम से कम इस समय तक। आप डिफ़ॉल्ट रेजॉल्यूशन भी सेट कर सकते हैं। कम रेजॉल्यूशन का वीडियो कम डेटा खपत करने के साथ-साथ इंटरनल स्टोरेज पर कम जगह लेता है।
5 – वीडियो डाउनलोड डिफ़ॉल्ट से किए जाते हैं जब फ़ोन एक वाई-फ़ाई नेटवर्क से जुड़ा होता है। लेकिन आप यूट्यूब ऑफ़लाइन सेटिंग्स (यह बाईं ओर स्लाइडर मेन्यू से उपलब्ध हो सकता है) में जा सकते हैं, और आप उसे बदल सकते हैं।
6 – एकबार एक वीडियो डाउनलोड हो जाता है, वह ऑफ़लाइन केटेगरी में सहेज लिया जाता है। जब फ़ोन एक नेटवर्क से जुड़ता है सभी यूट्यूब केटेगरी उपलब्ध हो जाती है। लेकिन जब कोई डेटा कनेक्शन नहीं होता है, केवल ऑफ़लाइन केटेगरी उपलब्ध होता है। आप ऑफ़लाइन केटेगरी में सहेजे गए किसी भी वीडियो पर क्लिक कर सकते हैं और उसे चला सकते हैं।
दिया गया है कि एक एंड्रायड डिवाइस से एक कंप्यूटर में चीजों को कॉपी करना कितना आसान है, क्या आप ऑफ़लाइन देखने के लिए डाउनलोड किए गए यूट्यूब वीडियो को अपने लैपटॉप में कॉपी कर सकते हैं? नहीं, आप नहीं कर सकते, कम से कम अब तक तो नहीं। और कारण यह कि आप क्यों नहीं कर सकते क्योंकि इन वीडियो को एंड्रायड फ़ोन पर सहेजने के लिए गूगल एक अद्वितीय तरीके का इस्तेमाल कर रहा है। यहां है जो हम अनुभव करते हैं चल रहा है :
1 – गूगल ईएक्सओ फ़ाइल फ़ॉरमेट का इस्तेमाल वीडियो को सहेजने के लिए कर रहा है। यह फ़ाइल फ़ॉरमेट सामान्यतः सिस्टम फ़ाइलों के लिए इस्तेमाल किया जाता है और जब हम इन ईएक्सओ फ़ाइलों को कंप्यूटर पर कॉपी करने का प्रयास करते हैं, वह सामान्यतः केवल यूट्यूब एंड्रायड एप द्वारा चलाया जा सकता है।
2 – जब आप यूट्यूब अप्प में एक ऑफ़लाइन वीडियो के डाउनलोड का अनुरोध करते हैं, वीडियो टुकड़ों में डाउनलोड होता है। उदाहरण के लिए, एक 3-मिनट का फ़ाइल जिसे हमने डाउनलोड किया पांच टुकड़ों में सहेजा गया था। संभव है कि केवल एंड्रायड के लिए यूट्यूब एप को इन टुकड़ों की जानकारी हो सकती है और उनको एक साथ जोड़ सकता है।
3 – हम यह भी अनुभव करते हैं कि वास्तविक-समय इंक्रिप्शन यहां जारी रहता है। जब वीडियो डाउनलोड हो जाता है, न केवल वह टुकड़ों में टूट जाता है बल्कि ईएक्सओ फ़ॉरमेट में रूपांतरित भी हो जाता है, वास्तविक समय में संपीडित और इंक्रिप्टेड हो जाता है। इसके बहुत से लाभ हैं, एक स्वाभाविक लाभ है कि लोग वीडियो को कॉपी-पेस्ट नहीं कर सकते और उसे अंधाधुंध शेयर नहीं कर सकते। संपीडन, इस बीच डिस्क पर जगह बचाता है। उदाहरण के लिए, 3-मिनट लंबा वीडियो जो हमने डाउनलोड किया वस्तुतः लगभग 40 एमबी डेटा खपत किया। लेकिन जब फोन पर स्टोर हुआ, तो वीडियो ने केवल लगभग 25 एमबी जगह लिया।
4 – जब एक यूजर वीडियो को चलाता है, वह वास्तविक समय में डीक्रिप्ट हो जाता है। संभव है कि केवल यूट्यूब एप यह डीक्रिप्शन कर सकता हो।
5 – अगह आप ऑफ़लाइन वीडियो ब्लूटूथ के जरिये शेयर करते हों, वास्तविक फ़ाइल के बदले, प्राप्तकर्ता को वीडियो का वेब लिंक भेज दें।