WhatsApp पर हैकर्स की नजर..एक गलती से हैक हो जाएगा अकाउंट, आज ही अपना लें ये 5 टिप्स, सेफ रहेगा अकाउंट

Updated on 18-Apr-2025

भारत में ज्यादातर लोग के लिए WhatsApp हर काम का साथी है. चाहे वीकेंड प्लान बनाना हो, वर्क ग्रुप्स मैनेज करना हो या डॉक्यूमेंट्स भेजना हो, यह सब में काम करता है. WhatsApp हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है. यही वजह है कि हैकर्स के लिए यह बड़ा टारगेट बन गया है.

हाल ही में हरियाणा पुलिस ने WhatsApp अकाउंट टेकओवर में बढ़ोतरी के बाद चेतावनी जारी की. जिसमें कुछ सीनियर ऑफिशियल्स भी निशाना बने. यह खतरे की घंटी है. हैकर्स को आपके अकाउंट में घुसने के लिए पासवर्ड की जरूरत नहीं है. बस आपका फोन नंबर और आपकी थोड़ी सी लापरवाही इसके लिए काफी है.

लेकिन घबराने से पहले, आइए समझते हैं कि असल में हो क्या रहा है, यह क्यों खतरनाक है और आप न सिर्फ WhatsApp बल्कि अपने बाकी सोशल मीडिया अकाउंट्स को कैसे प्रोटेक्ट कर सकते हैं.

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WhatsApp क्यों है निशाने पर?

WhatsApp की सबसे बड़ी ताकत इसका हर जगह होना ही इसकी कमजोरी है. भारत में लगभग हर स्मार्टफोन यूजर इसे इस्तेमाल करता है. जो इसे सोशल इंजीनियरिंग अटैक्स के लिए परफेक्ट बनाता है. हैकर्स जानते हैं कि अगर उन्हें एक अकाउंट मिल गया, तो उन्हें उससे जुड़े सारे कॉन्टैक्ट्स और संवेदनशील बातचीत तक पहुंच मिल सकती है.

तरीके हमेशा जटिल नहीं होते. कभी-कभी यह एक दोस्त का मैसेज होता है, जो आपसे छह अंकों का कोड फॉरवर्ड करने को कहता है. कभी-कभी WhatsApp सपोर्ट से होने का दावा करने वाली कॉल आती है. मकसद साफ है, आपका अकाउंट हाईजैक करना और फिर आपके कॉन्टैक्ट्स को स्कैम करने या फोन नंबर से जुड़े दूसरे ऐप्स तक पहुंचने के लिए इसका इस्तेमाल करना.

अगर आपका अकाउंट हैक हो जाए: सबसे पहले क्या करें?

हरियाणा पुलिस की सलाह में एक खास रिकवरी प्रोसेस बताया गया है, जो पुराना लग सकता है, लेकिन काम करता है. यह हैक हुए फोन और नेटवर्क सेटअप को दोबारा इस्तेमाल करने से बचाता है.

इसके लिए WhatsApp को तुरंत अनइंस्टॉल करें. इससे हैकर का एक्टिव एक्सेस कट जाता है. फिर अपने स्मार्टफोन से सिम कार्ड निकाल लें. इसके बाद Wi-Fi (बिना सिम के) से कनेक्ट करें और WhatsApp दोबारा इंस्टॉल करें. कुछ समय के लिए सिम को एक बेसिक फीचर फोन (कीपैड फोन बेस्ट है) में डालें.

WhatsApp पर वेरिफिकेशन कोड के लिए “Call me” ऑप्शन चुनें और वॉयस कॉल से कोड लें. कोड को अपने स्मार्टफोन में डालें और डिवाइस रीस्टार्ट करें. यहां फीचर फोन का इस्तेमाल सिर्फ नॉस्टैल्जिया के लिए नहीं है. यह सिक्योरिटी बढ़ाता है. यह फोन ऐप्स या इंटरनेट से कनेक्ट नहीं होते, जिससे इन्हें रिमोटली इंटरसेप्ट करना लगभग नामुमकिन है.

इस तरह का अटैक Instagram, Facebook, Telegram, Signal और यहां तक कि LinkedIn पर भी हो सकता है. कहीं भी आप फोन नंबर से लॉगिन करते हैं, वहां खतरा है. कुछ प्लेटफॉर्म्स SMS से सिक्योरिटी कोड भेजते हैं. कुछ ईमेल वेरिफिकेशन यूज करते हैं लेकिन ज्यादातर मामलों में आपका सिम कार्ड सिंगल पॉइंट ऑफ फेल्यर बन जाता है.

अगर कोई सिम स्वैप स्कैम या सोशल इंजीनियरिंग के जरिए इसे कंट्रोल कर लेता है तो आपके अकाउंट्स रीसेट हो सकते हैं. वो भी आपके कुछ समझने से पहले. यहां कुछ सुझाव हैं जो आपको आज से ही अपनाना शुरू करना चाहिए.

इन 5 टिप्स का करें इस्तेमाल

हर जगह टू-स्टेप वेरिफिकेशन ऑन करें. WhatsApp में Settings > Account > Two-step verification पर जाना होगा. इसके बाद एक PIN और बैकअप ईमेल जोड़ें. फिर Gmail, Instagram, Facebook और बैंक ऐप्स पर भी यही फीचर इस्तेमाल करें.

वेरिफिकेशन कोड किसी के साथ शेयर न करें. चाहे वह आपका बेस्ट फ्रेंड हो, बॉस हो या कस्टमर सपोर्ट बनने वाला कोई शख्स हो उसे OTP या लॉगिन कोड न दें.

इसके अलावा मजबूत और यूनिक पासवर्ड यूज करें. एक ही पासवर्ड हर जगह यूज करना सुविधाजनक है, लेकिन एक ब्राउजर डेटा लीक आपके सारे अकाउंट्स को खतरे में डाल सकता है. जरूरत हो तो पासवर्ड मैनेजर यूज करें.

एक फीचर फोन रखें. अगर आपका मेन फोन हैक हो जाए तो एक साधारण बैकअप फोन कॉल्स या OTP सेफली रिसीव करने में मदद करता है, बिना किसी इंटरनेट-कनेक्टेड डिवाइस के.

जल्दबाजी वाले मैसेज पर शक करें. अगर कोई WhatsApp या DM के जरिए पैसे या लॉगिन हेल्प मांग रहा है, चाहे वह जान-पहचान वाला ही क्यों न हो, क्रॉस वेरिफिकेशन जरूर करें. एक छोटा सा फोन कॉल बड़ा नुकसान बचा सकता है.

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Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं.

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