क्या होता है Internet व कैसे इंटरनेट करता है काम, यहाँ जानें इंटरनेट से जुड़े हर सवाल का जवाब

क्या होता है Internet व कैसे इंटरनेट करता है काम, यहाँ जानें इंटरनेट से जुड़े हर सवाल का जवाब
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आपके घर तक कैसे पहुंचता है Internet, how Internet reach your home

Internet कैसे काम करता है, How internet works

क्या होता है इंटरनेट (Internet), आइये आज इंटरनेट के हर एक पहलू पर नजर डालते हैं

अगर मैं अपनी बात करूँ तो मैं आपसे सीधे तौर पर कह सकता हूँ कि आज के इस दौर में बिना इंटरनेट (Internet) के अपने जीवन की कामना नहीं कर सकता हूँ! मैं इस आर्टिकल की शुरुआत अपने से की है क्योंकि मैं जनता हूँ आपमें से बहुत से लोग मेरी ही तरह हैं जो इंटरनेट (Internet) के बिना अपने जीवन की कामना करने से भी डरते हैं। हम कई बार ऐसी किसी न किसी परिस्थिति में जरुर पड़ें होंगे, जब हमें बिना इंटरनेट (Internet) के अपने दिन को गुजारना पड़ा होगा। लेकिन या तो आप या मैं ही जानता हूँ हमने उस दिन को कैसे बिताया होगा। उस समय या उस परिस्थिति में हम केवल इसी बारे में प्रार्थना कर रहे होते हैं कि ऐसा फिर से कभी भी न हो। इसे भी पढ़ें: 4G नेटवर्क VS 5G नेटवर्क (4G VS 5G) दोनों ही नेटवर्क में क्या है सबसे बड़ा अंतर

हम अपने इंटरनेट (Internet) को सुचारू रूप से चलाने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने को भी तैयार हो जाते हैं। क्यों मैंने सही कहा न? हालाँकि जिस वस्तु के बिना हम एक दिन भी सही प्रकार से नहीं रह सकते हैं, क्या आप जानते हैं कि इसे हम तक पहुँचने में या ऐसा भी कह सकते हैं कि इसे हम तक पहुंचाने में कितने लोग कितने बड़े पैमाने पर काम करते हैं। क्या आप जानते हैं कि आखिर इंटरनेट (Internet) कैसे काम करता है। और असल में इंटरनेट (Internet) होता क्या है? क्या हमने कभी इस बारे में कभी कुछ सोचा है? शायद इस लेख को पढ़ने वाले बहुत से लोगों ने इस बारे में जरुर सोचा होगा। हालाँकि जिन लोगों ने इस बारे में कभी नहीं सोचा है, आज हम उन्हें ही बताने वाले हैं कि आखिर इंटरनेट (Internet) होता क्या है, और कैसे काम करता है। तो आइये शुरू करते हैं और जानते हैं कि आखिर ये सब होता कैसे है। इसे भी पढ़ें: 5G के आने से कुछ यूँ बदल जायेगी आपकी ज़िन्दगी, देखें फायदे और नुकसान

इंटरनेट (Internet) क्या है? What is Internet

इंटरनेट (Internet) एक ग्लोबली कनेक्टेड नेटवर्क (Network) है जो TCP/IP का इस्तेमाल करके डाटा (Data) को कई मीडिया माध्यमों से ट्रांसमिट करता है। इसके अलावा इंटरनेट (Internet) ग्लोबल एक्सचेंजेस का एक नेटवर्क (Network) है, जिसमें प्राइवेट, पब्लिक, बिज़नेस, अकेडमिक और सरकारी नेटवर्क्स पर आधारित है, यह सभी गाइडेड, वायरलेस और फाइबर-ऑप्टिक तकनीकी से एक दूसरे से कनेक्ट होते हैं। इस तरह से आप आसान शब्दों में जान सकते हैं कि आखिर इंटरनेट (Internet) होता क्या है। हालाँकि इसे समझने के लिए आपको बहुत अधिक गहराई में जाना होगा, लेकिन जितना सरल हो सकता था हम आपको यहाँ जानकारी दे चुके हैं। आइये अब बात करते हैं कि आखिर इंटरनेट (Internet) काम कैसे करता है। इसे भी पढ़ें: SBI बैंक में है अकाउंट तो ज़रूर पढ़ लें ये खबर, ये काम नहीं किया तो हो जाएगा अकाउंट बंद

इंटरनेट (Internet) कैसे करता है काम? How does the Internet work?

अब जब हम यह बात जान गए हैं कि आखिर इंटरनेट (Internet) होता क्या है। अब आखिर एक इंटरनेट (Internet) काम कैसे करता है, इसके बारे में हम आपको बताने वाले हैं, अब यह वही चरण है जहां आपको एक ब्राउज़र (Browser) की जरूरत होती है। आपके ब्राउज़र (Browser) को एक ‘क्लाइंट एप्लीकेशन’ कहा जा सकता है। ऐसा भी कह सकते हैं कि यह एक प्रोग्राम है, जो आपको अलग अलग वेबसाइट (Website) आदि को रिक्वेस्ट करने की आज़ादी देता है, और उस डाटा (Data) पर यह रेस्पोंड भी करता है जो वेबसाइट (Website) से आपको वापिस भेजी जाती हैं। आइये अब विस्तार से जानते हैं कि आखिर इंटरनेट (Internet) काम कैसे करता है। इसे भी पढ़ें: Disney+ Hotstar के प्लांस में 1 सितंबर से हो जाएंगे ये बदलाव, अब नहीं मिलेगा VIP सब्स्क्रिप्शन

  • हम जानते हैं कि इंटरनेट (Internet) आदि को चलाने में एक सर्वर (server) की बड़ी अहम् भूमिका होती है। और हर सर्वर (server) का अपना एक यूनीक IP एड्रेस (IP ADDRESS) होता है। उदाहरण के लिए इसे 180.181.33.62 एक सर्वर (server) एड्रेस है। 
  • अब जब आप किसी वेबसाइट (Website) के लिए अपने ब्राउज़र (Browser) द्वारा रिक्वेस्ट डालते हैं तो कहीं न कहीं आपके ब्राउज़र (Browser) को यह जानने की आवश्यकता होती है कि आखिर इसका IP एड्रेस (IP ADDRESS) क्या है। जैसे ही ब्राउज़र (Browser) को यह मिल जाता है, तो इसके बाद आपका ब्राउज़र (Browser) DNS डोमेन नेम (Domain Name) सर्विस से कांटेक्ट करता है, यहाँ इस URL का IP एड्रेस (IP ADDRESS) देखा जाता है। आप DNS को एक फ़ोन बुक की तरह भी देख सकते हैं। इसे भी पढ़ें: Vi (Vodafone Idea) ने जियो को मात देने के लिए चली गजब की चाल, अब 2GB नहीं डेली मिलेगा 4GB डेली डेटा
  • जैसे ही आपके ब्राउज़र (Browser) द्वारा इस IP एड्रेस (IP ADDRESS) को रीट्रीव् कर लिया जाता है, तो आपका ब्राउज़र (Browser) सर्वर (server) से एक सॉकेट कनेक्शन (Connection) की मदद से संपर्क करने का प्रयास करता है। इसके बाद आपको जिस वेबसाइट (Website) के बारे में आपने रिक्वेस्ट किया था उसे ओपन कर दिया जाता है। 
  • अब यहाँ आपके ब्राउज़र (Browser) और सर्वर (server) के बीच एक ओपन कनेक्शन (Connection) स्थापित हो गया है, अब आपके द्वारा की गई रिक्वेस्ट के अनुसार यह वेब पेज को ओपन कर देगा। हालाँकि जब तक आपकी रिक्वेस्ट इंटरनेट (Internet) के माध्यम से नहीं भेजी जाती है, तब तक इसे कुछ नियमों को फॉलो किया जाता है, और इन रूल्स को हम TCP?IP और HTTP प्रोटोकॉल (Protocol) के मान से जानते हैं। इसे भी पढ़ें: अगर आप Airtel यूजर हैं तो पा सकते हैं Rs 4 लाख का लाभ¸जानें क्या है स्कीम
  • इसे आप इस तरह से भी समझ सकते हैं कि आपके द्वारा की गई कोई भी रिक्वेस्ट और वेब सर्वर (server) से भेजी गई हर एक जानकारी को कुछ छोटे डाटा (Data) पैकेट (Packet) में चोप कर दिया जाता है। मान लीजिये कि आपने एक फोटो (Photo) के लिए रिक्वेस्ट किया है लेकिन इसे उसी समय कुछ डाटा (Data) के पैकेट (Packet) आदि में बाँट दिया जाता है। इन्हें टाइल भी कहा जा सकता है। इस टाइल को एक IP एड्रेस (IP ADDRESS) के तौर पर भी देखा जा सकता है। इसी तरह से इंटरनेट (Internet) अपना काम करना शुरू करता है। इसे भी पढ़ें: इसे कहते हैं धाकड़ प्लान! 600GB बिना लिमिट डेटा, 365 दिन की वैलिडिटी, ये हैं BSNL का धांसू प्लान
  • इसके बात सभी डाटा (Data) पैकेट (Packet) को वेब सर्वर (server) पर पहुँचाया जाता है, इसके बाद वेब सर्वर (server) इन आर्टिकल्स को खोजता है, कुछ ऐसे ही जैसे आप अपनी अलमारी में एक फाइल को खोजते हैं। जैसे ही यह फाइल मिल जाती है, इसके बाद वेब सर्वर (server) भी इस डाटा (Data) को टुकड़ों में बाँट देता है, और इन्हें फिर से ब्राउज़र (Browser) को भेजा जाता है। इसे भी पढ़ें: Reliance Jio ने फिर किया एयरटेल और Vi पर हमला, बिना किसी डेटा लिमिट के लाया 5 नए प्लान, देखें कीमत
  • जैसे ही अब आपके ब्राउज़र (Browser) को सभी डाटा (Data) पैकेट (Packet) मिल जाते हैं तो वह इन्हें HTML, CCS, Javascript और इमेज फाइल्स के रूप में आपको एक आर्टिकल के तौर पर नजर आने लगते हैं। जैसे ही सभी फाइल्स प्रोसेस हो जाती हैं, आप अपनी ब्राउज़र (Browser) की स्क्रीन पर इसे देख सकते हैं। इसे भी पढ़ें: ये हैं 100 रुपये की कीमत के अंदर आने वाले सबसे शानदार रिचार्ज प्लान
  • अब आपको बड़े पैमाने पर पता चल गया होगा कि आखिर इंटरनेट (Internet) आप तक कोई भी डाटा (Data) पहुंचाने के लिए आखिर किस तरह से और किन चरणों से गुजर कर काम करता है। अर्थात् अब आप जान गए होंगे कि आखिर इंटरनेट (Internet) कैसे काम करता है।  

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