इस गर्मी अगर आप नया Air Conditioner खरीदने की सोच रहे हैं तो आपने गौर किया होगा कि हर जगह 1 टन, 1.5 टन, 2 टन जैसे शब्द सुनाई देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस “टन” का मतलब Air Conditioner का वजन नहीं है? जी हां, यह AC की कूलिंग कैपिसिटी को बताता है और सही यूनिट चुनने के लिए इसे समझना बेहद जरूरी है.
Air Conditioner में “टन” का कॉन्सेप्ट पुराने जमाने से आता है जब बर्फ से कूलिंग की जाती थी. एक टन की कूलिंग कैपिसिटी का मतलब है कि 24 घंटे में 2,000 पाउंड बर्फ को पिघलाने जितनी गर्मी हटाना. इसे आसान शब्दों में समझें तो 1-टन AC हर घंटे 12,000 BTUs (British Thermal Units) की गर्मी कमरे से हटा सकता है.
यानी 1.5-टन AC 18,000 BTUs/hr और 2-टन AC 24,000 BTUs/hr की गर्मी हटाएगा. लेकिन कूलिंग कैपिसिटी सिर्फ नंबर नहीं है. यह तय करता है कि आपका AC कितनी अच्छी तरह कमरे को ठंडा करेगा. अगर टन कम हुआ तो AC को ठंडा करने में मेहनत करनी पड़ेगी. इससे यह बिजली ज्यादा खाएगा और फिर भी कमरा पूरी तरह से ठंडा नहीं होगा.
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वहीं, जरूरत से ज्यादा टन वाला AC जल्दी ठंडा तो कर देगा लेकिन हवा से नमी नहीं हटाएगा. जिससे कमरा नम और चिपचिपा लगेगा. बार-बार ऑन-ऑफ होने से बिजली भी ज्यादा खर्च होगी और AC जल्दी खराब हो सकता है.
आपके कमरे के लिए सही टन चुनने का पहला पैमाना है उसका साइज. 100-120 स्क्वायर फीट का छोटा बेडरूम 0.75-टन AC से ठंडा हो सकता है. जबकि 120-150 स्क्वायर फीट के कमरे के लिए 1-टन AC ठीक रहेगा. अगर कमरा 150-250 स्क्वायर फीट का है जैसे लिविंग रूम या बड़ा बेडरूम तो 1.5-टन का AC चाहिए. वहीं, 250-400 स्क्वायर फीट के बड़े कमरे के लिए 2-टन AC जरूरी है.
सिर्फ साइज ही सबकुछ नहीं है. दूसरे फैक्टर्स भी काम करते हैं. आपके घर के छत की ऊंचाई भी मायने रखती है. ज्यादातर कमरों की छत 9-10 फीट ऊंची होती है. अगर छत इससे ऊंची है, तो ठंडा करने के लिए ज्यादा कैपिसिटी चाहिए. खिड़कियों की संख्या और उनकी दिशा भी अहम है. पश्चिम दिशा वाली बड़ी खिड़कियां, जहां दोपहर की धूप आती है, कमरे को ज्यादा गर्म करती हैं, जिससे कूलिंग लोड बढ़ता है.
कमरे में कितने लोग रहते हैं, यह भी बड़ा फैक्टर है. ज्यादा लोग हों तो बॉडी हीट की वजह से कमरा गर्म होगा और आपको बड़ा AC लेना पड़ सकता है. इसके अलावा, TV, कंप्यूटर, लाइट्स या फ्रीज जैसे अप्लायंसेज भी गर्मी बढ़ाते हैं. अगर आपके कमरे में ये चीजें ज्यादा हैं तो टन बढ़ाना पड़ेगा. घर की इंसुलेशन भी बड़ा रोल निभाती है. मोटी दीवारें, सील्ड खिड़कियां या double-glazed glass ठंडी हवा को रोकते हैं, जिससे AC का काम आसान होता है. लेकिन पतली दीवारों या खराब इंसुलेशन वाले कमरे में गर्मी अंदर आती रहती है, जिससे बड़ा AC चाहिए.
रफ आइडिया चाहिए तो कमरे के एरिया को 25 से गुणा करें. मिसाल के तौर पर 200 स्क्वायर फीट का कमरा 5,000 BTUs मांगता है, लेकिन धूप, अप्लायंसेज और लोगों को जोड़ें तो यह 10,000 BTUs तक जा सकता है, यानी 1-टन AC की जरूरत पड़ेगी.
Inverter AC ज्यादा स्मार्ट होते हैं, जो कमरे की जरूरत के हिसाब से कूलिंग एडजस्ट करते हैं. साथ ही, 5-स्टार रेटिंग वाला AC बिजली बचाएगा, जो लंबे समय में फायदेमंद है.
सही टन का AC न सिर्फ कमरे को ठंडा रखता है, बल्कि बिजली भी बचाता है और लंबे समय तक चलता है. सिर्फ स्क्वायर फीट देखकर फैसला न करें. कमरे का इस्तेमाल, धूप, इंसुलेशन और अप्लायंसेज को भी ध्यान में रखें. अगर कमरा खुला है या डिजाइन अलग है तो टेक्नीशियन से सलाह लें. सही AC चुनने से न सिर्फ कम्फर्ट मिलेगा, बल्कि बिजली का बिल भी कंट्रोल में रहेगा.
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