अब साइबर क्राइम पर लगाम के लिए उठाए ये बाद कदम, CNAP के साथ साथ नए सिम से जुड़ा ये फैसला भी लिया, देखें पूरी डिटेल्स
टेलीकॉम कंपनियों को तुरंत कॉलर आईडी नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) सेवा लागू का निर्देश मिला है।
अब से सभी नए सिम कार्ड को एक्टिव करने के लिए Aadhaar/आधार बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन जरूरी हो गया है।
इस तरह के कदम साइबर क्राइम के साथ साथ अन्य तरह के फ्रॉड आदि की रोकथाम के लिए उठाए जा रहे हैं।
दूरसंचार विभाग (DoT) ने एयरटेल, बीएसएनएल, जियो और वोडाफोन आइडिया आदि टेलीकॉम कंपनियों को तुरंत कॉलर आईडी नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) सेवा लागू करने का निर्देश जारी कर दिया है। ये कंपनियां पिछले साल से इस फीचर की टेस्टिंग में लगी हैं, इस फीचर की मदद से यूजर्स को बड़ी आसानी से किसी भी कॉलर की पहचान करने की आजादी मिलने वाली है। DoT इस सेवा को जल्द से जल्द लागू करना चाहता है ताकि लोग धोखाधड़ी वाले कॉल्स से बच सकें। इसी कारण ऐसा करने का निर्देश भी जारी कर दिया गया है।
इसके अलावा अभी हाल ही में PMO की ओर से एक अलग निर्देश में के लिए एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है, जिसके तहत सभी नए सिम कार्ड कनेक्शन के लिए आधार-बेस्ड बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन को सभी के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। इस कदम का उद्देश्य नकली दस्तावेजों के जरिए प्राप्त मोबाइल कनेक्शनों के बढ़ते दुरुपयोग को रोकना है, जो अक्सर धोखाधड़ी और अन्य आपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल किए जाते हैं।
यह दोनों ही कदम कहीं न कहीं साइबर क्राइम को रोकने आदि के लिए बेहद जरूरी कहे जा सकते हैं, इसका मतलब है कि आगे से आपके फोन पर जो भी कॉल आ रहे हैं, सभी उनके नाम को दिखाएंगे जिनके नाम पर यह सिम कार्ड KYC के माध्यम से लिए गए गए हैं, इसके साथ साथ SIM Card के लिए Aadhaar आधारित Biometric को भी अनिवार्य कर दिया गया है। आइए दोनों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
CNAP को लेकर सरकार का निर्देश
ET की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले हफ्ते टेलीकॉम ऑपरेटर्स के साथ हुई बैठक में, दूरसंचार विभाग ने जोर दिया कि इस तकनीकी को परीक्षण के बाद अब जल्दी से लागू कर दिया जाना चाहिए। यहाँ एक बात बेहद ध्यान देने वाली है कि इस सेवा यानि CNAP सेवा का लाभ मुख्य रूप से स्मार्टफोन यूजर्स को बड़े पैमाने पर मिलने वलय है, हालांकि, यह भी ध्यान देने वाली बात है कि इस सेवा का इस्तेमाल वह यूजर्स नहीं कर पाने वाले हैं जो अभी भी 2G नेटवर्क पर हैं।
बताते चलें कि CNAP लागू होने के बाद, कॉल करने वाले के सिम कार्ड से जुड़ा नाम रिसीवर के फोन पर नजर आना शुरू हो जाएगा। इसका मतलब है कि जो भी आपको कॉल कर रहा है उसका असली नाम अब आप जानते होंगे, ऐसे में फर्जी कॉल आदि पर बड़े पैमाने पर लगाम लगने वाली है।
क्या है CNAP सेवा?
CNAP एक सहायक सेवा है, जिसे कॉल करने वाले का नाम यूजर्स के फोन स्क्रीन पर दिखाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। वर्तमान में, थर्ड-पार्टी ऐप्स जैसे ट्रूकॉलर और भारत कॉलर आईडी एंड एंटी स्पैम इसी तरह की सेवा प्रदान करते हैं, जिसे कॉलिंग पार्टी नेम आइडेंटिफिकेशन (CPNI) कहा जाता है।
दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने CNAP के लिए अपनी सिफारिशें यूजर्स के KYC दस्तावेज़ों में दर्ज नामों के आधार पर तैयार की हैं, ताकि कॉल करने वालों की सटीक पहचान हो सके। इस कदम के साथ, यूजर्स को कॉलर का नाम उसी KYC रेजिस्ट्रेशन डेटा के अनुसार दिखाई देगा, जो उन्होंने सिम खरीदते समय प्रदान किया था। इससे आने वाली कॉल्स को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी और संभावित धोखाधड़ी आदि से भी बड़े पैमाने पर बचाव हो जाने वाला है।
Aadhaar Card Biometric सिम कार्ड लेने के लिए अनिवार्य
अभी तक यूजर्स वोटर आईडी या पासपोर्ट जैसे किसी भी सरकारी पहचान पत्र का उपयोग करके नया मोबाइल कनेक्शन ले सकते थे लेकिन अब नए नियमों के तहत, सभी नए सिम कार्ड को एक्टिव करने के लिए Aadhaar/आधार बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन जरूरी कर दिया गया है। रिटेलर्स को बिना इस प्रक्रिया का पालन किए सिम कार्ड बेचने की सख्त मनाही भी है। इसका मतलब है कि नए सिम कार्ड के लिए अब आपको नए नियमों का पालन करना होगा।
नकली सिम कार्ड को लेकर सरकार की सख्ती
यह निर्णय हाल ही में दूरसंचार क्षेत्र की समीक्षा बैठक के बाद लिया गया, जिसमें वित्तीय धोखाधड़ी में नकली सिम कार्ड की भूमिका सामने आई है। जांच में यह भी पाया गया कि एक ही डिवाइस से जुड़े कई सिम कार्ड टेलीकॉम नियमों का उल्लंघन कर रहे थे और विभिन्न तरह के साइबर अपराध को बढ़ावा दे रहे थे।
PMO ने दिए निर्देश
PMO ने DoT को निर्देश दिया है कि वह कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग करे और अपराधियों की पहचान करने और उन्हें दंडित करने के लिए एआई टूल्स का उपयोग करे। नकली दस्तावेजों के माध्यम से सिम कार्ड जारी करने वाले रिटेलर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की भी बात सामने आ रही है।
साइबर क्राइम्स पर लगेगी लगाम
यह नया आदेश साइबर अपराध से निपटने के लिए सरकार के व्यापक प्रयासों का हिस्सा कहा जा सकता है। आधार-बेस्ड वेरिफिकेशन लागू करने से बिना वेरीफाई मोबाइल नंबरों के जरिए होने वाली धोखाधड़ी का खतरा काफी हद तक कम होने की उम्मीद है। यह निर्देश पूरे देश में सिम कार्ड जारी करने और ट्रैकिंग को और अधिक कड़ा बनाने वाला है।
मोबाइल कनेक्शन होगा सुरक्षित
कड़े दिशानिर्देश मोबाइल नेटवर्क की सुरक्षा बनाए रखने और नागरिकों को धोखाधड़ी से बचाने के सरकार के संकल्प को दर्शाते हैं। नए सिम कार्ड प्राप्त करने के लिए आधार-बेस्ड बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अब एक अनिवार्य बिंदू हो गया है, जो सुरक्षित टेलीकॉम संचालन के लिए एक मिसाल पेश करता है।
अश्वनी कुमार
अश्वनी कुमार डिजिट हिन्दी में पिछले 7 सालों से काम कर रहे हैं! वर्तमान में अश्वनी कुमार डिजिट हिन्दी के साथ सहायक-संपादक के तौर पर काम कर रहे हैं। View Full Profile