AirPlay वायरलेस तरीके से ऑडियो, वीडियो और अन्य मीडिया को स्मार्ट टीवी और स्ट्रीमिंग डिवाइसेज जैसे Apple TV और Roku पर शेयर करने के कुछ स्टैंडर्ड्स में से एक है। यह एक बेहद ही सुविधाजनक फीचर है लेकिन इसमें कुछ क्वर्क्स हैं जो एप्पल तकनीक होने के नाते इसके साथ आते हैं।
AirPlay एक वायरलेस प्रोटोकॉल है जिसे एप्पल द्वारा ऑडियो, वीडियो, फोटोज और एक ही नेटवर्क पर डिवाइसेज के बीच स्क्रीन मिररिंग के लिए बनाया गया है। AirPlay की फंक्शनैलिटी का एक आम उदाहरण एक iPhone से TV स्क्रीन पर कन्टेन्ट शेयर करना है।
AirPlay के साथ आप लगभग सबकुछ स्ट्रीम कर सकते हैं। इसमें म्यूज़िक और वीडियो संभावित तौर पर सबसे अधिक कॉमन हैं, लेकिन यह स्क्रीन मिररिंग, प्रेजेन्टेशन और पॉडकास्ट के साथ भी काम करता है। असल में AirPlay पहले एक वन-टू-वन प्रोटोकॉल था, यानि आप केवल एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस पर स्ट्रीम कर सकते थे, लेकिन AirPlay 2 ने इसे बदल दिया है।
AirPlay 2 को 2018 में पेश किया गया था जो प्रोटोकॉल का अब तक का सबसे बड़ा अपडेट था। इससे परफॉरमेंस में सुधार आया, ऑडियो को स्टीरियो स्पीकर्स पर स्ट्रीम करने और एक ही समय पर कई सारे डिवाइसेज पर स्ट्रीम करने का फीचर शामिल हुआ।
AirPlay को असल में 2004 में 'AirTunes" नाम के iTunes में एक फीचर के तौर पर पेश किया गया था। इसकी मदद से यूजर्स iTunes से AirPort Express पर म्यूज़िक स्ट्रीम कर सकते थे जिसमें स्पीकर्स के लिए 3.5mm ऑडियो जैक शामिल था। 2010 में AirTunes का नाम बदलकर "AirPlay" रख दिया गया और तभी इसमें ऑडियो और वीडियो को एप्पल टीवी पर स्ट्रीम करने की क्षमता को भी शामिल किया गया था।
AirPlay को सपोर्ट करने वाले डिवाइसेज की बात करें तो इसमें दो कैटेगरीज़ शामिल हैं, "सेंडर्स" और रिसीवर्स"। जो डिवाइसेज AirPlay "सेंडर्स" बन सकते हैं वे सभी एप्पल डिवाइसेज होते हैं जैसे कि iPhone, iPad, iPod, Mac और iTunes (यहाँ तक कि विंडोज़ पर भी)। 2016 में HTC 10 एकमात्र एंड्रॉइड डिवाइस था जो AirPlay स्ट्रीमिंग को सपोर्ट करता था।
वहीं दूसरी ओर AirPlay "रिसीवर्स" में कई सारी अधिक विभिन्नताएं हैं। एप्पल के पास AirPlay सपोर्टेड स्पीकर्स और टीवीज़ की पूरी लिस्ट है जिनमें से कुछ बड़े ब्रांड्स में LG, Samsung, Sony, Vizio, Amazon Fire TV, Bang & Olufsen, Bose, JBL, Pioneer, Sonos और Yamaha शामिल हैं। इसके अलावा Apple TV, HomePod और macOS Monterey पर चलने वाले Mac PCs जैसे कुछ एप्पल डिवाइसेज AirPlay रिसीवर्स भी बन सकते हैं।
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बाजार में ढेर सारे AirPlay रिसीवर डिवाइसेज उपलब्ध हैं। AirPlay सपोर्ट के साथ आने वाले डिवाइस को पहचानने का एक आसान तरीका है "Works with Apple AirPlay" लेबल के साथ आने वाले डिवाइसेज जो पैकेजिंग पर देखा जा सकता है।
आज के समय में एप्पल का AirPlay और गूगल का Chromecast दो सबसे पॉप्युलर वायरलेस डिस्प्ले स्टैंडर्ड्स हैं। इन दोनों में काफी कुछ एक जैसा है, लेकिन साथ ही कुछ बड़े अंतर भी हैं।
ध्यान दें कि क्रोमकास्ट एक फिजिकल स्ट्रीमिंग डिवाइस है, लेकिन गूगल के "क्रोमकास्ट बिल्ट-इन" प्रोटोकॉल के जरिए कॉन्टेन्ट कास्ट करने की क्षमता कई दूसरे डिवाइसेज में उपलब्ध है।
ये दोनों ही सेवाएं खास तौर से एक ही तरह काम करती हैं। जब आप किसी दूसरे डिवाइस में म्यूज़िक या वीडियो स्ट्रीम करना चाहते हैं तो ऐप में एक बटन को क्लिक करते हैं, रिसीविंग डिवाइस को चुनते हैं और वह बिना वायर के नेटवर्क पर स्ट्रीम हो जाता है। जब यह अच्छी तरह काम करता है तो ऐसा महसूस होता है जैसे जादू हो रहा हो।
AirPlay के साथ स्ट्रीम करने के लिए आपको एक एप्पल डिवाइस की जरूरत होती है। हालांकि, आपको क्रोमकास्ट करने के लिए आपको किसी एंड्रॉइड या गूगल डिवाइस की जरूरत नहीं होती, बल्कि आप iPhone, iPad या Mac से भी कास्ट कर सकते हैं।
AirPlay का इस्तेमाल करने के लिए आपको केवल ऐप्स में AirPlay आइकन पर जाना होगा या फिर आप एप्पल डिवाइस पर कंट्रोल पैनल से स्क्रीन मिररिंग फीचर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। कभी-कभी AirPlay फंक्शनैलिटी को क्रोमकास्ट मेन्यू जैसे YouTube ऐप से भी एक्सेस किया जा सकता है।
AirPlay की एक खास बात यह है कि यह आमतौर पर बिना किसी परेशानी या जरूरत के आसानी से काम करता है। एप्पल ईकोसिस्टम में कई चीजों की तरह AirPlay अपने काउन्टरपार्ट्स की तुलना में काफी सीमित है। हालांकि, काम को थोड़ा और आसान बनाने के लिए यह कुछ अतिरिक्त लाभ ऑफर करता है।