एलन मस्क अब ग्लोबली सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेक्टर में दबदबा बनाने की योजना पर निरंतर काम कर रहे हैं। आपको जानकारी के लिए बता देते है कि दुनिया के सबसे अमीर आदमी Elon Musk ने अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस कंपनी, Starlink, को भारत में लाने की प्लानिंग कर की है। इस तैयारी के साथ Mukesh Ambani के Reliance Jio और Sunil Mittal की Airtel के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है। स्टारलिंक अगर भारत में आने वाले कुछ समय में आती है तो जाहीर है कि यह जियो और एयरटेल के लिए बड़ी चुनौती होने वाली है। इस समय इंटरनेट से जानकारी मिल रही है कि स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सेवा प्रदाता को सभी नियमों का पालन करने के बाद लाइसेंस देने की तैयारी की जा रही है।
भारत में अभी तक सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सेवाएं शुरू नहीं हुई हैं। अब तक, केंद्र सरकार ने भारती ग्रुप की OneWeb और जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस को इन सेवाओं के लिए लाइसेंस जारी किया है। इसका मतलब है कि स्टारलिंक भारत में आदि है तो इस रण में दो की जगह तीन प्लेयर हो जाने वाले हैं, ऐसे में तीनों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा बढ़ने वाली है। इसी कारण ऐसा माना जा रहा है कि Reliance Jio और Airtel को इस सेवा के आने से नुकसान हो सकता है। जानकारी के लिए बताते चलें कि रिपोर्ट्स के अनुसार, टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) द्वारा सैटेलाइट सेवा प्रदाताओं के लिए नियमों की घोषणा के बाद इन सेवाओं की शुरुआत को भी हरी झंडी मिल सकती है, जो अभी के लिए नहीं मिली है।
Axis Capital की ओर से जारी की गई एक रिपोर्ट में ऐसा सामने आ रहा है कि जियो और एयरटेल की ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रति माह $10-13 डॉलर (843-1,096 रुपये) के बीच हैं, हालांकि, Starlink के औसत मासिक टैरिफ $40-50 डॉलर यानि लगभग (3,373-4,217 रुपये) के बीच या सकते हैं। इसे देखकर ऐसा लगता है कि Starlink भारतीयों को काफी महंगा पड़ने वाला है।
Piyush Goyal ने Starlink के लॉन्च को लेकर क्या कह दिया?
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केन्द्रीय मंत्री गोयल ने स्पष्ट किया कि इस मामले में अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि, “मेरी जानकारी के अनुसार, टेस्ला या स्टारलिंक के बारे में कोई बातचीत नहीं हुई है।”
एलन मस्क की स्टारलिंक सेवा की कार्यप्रणाली अन्य इंटरनेट सेवाओं से बिल्कुल अलग है, जैसे कि Reliance Jio और Airtel की AirFiber सेवा काम करती हैं, वैसे स्टारलिंक काम नहीं करती है। स्टारलिंक की तकनीक बिल्कुल हाइब्रिड और विशेष है, जो सीधे सैटेलाइट से सिग्नल लेकर यूजर के घर तक पहुंचाती है। इस प्रक्रिया में किसी भी बेस स्टेशन की आवश्यकता नहीं होती।
यूजर के घर पर स्थापित एंटीना सीधे SpaceX के सैटेलाइट्स से सिग्नल प्राप्त करता है, और फिर इन्हें सीधे आपके डिवाइस पर भेजता है। इसका मतलब है कि सिग्नल सीधे स्पेस से आपके घर की छत तक पहुंचते हैं, बिना किसी मध्यस्थ स्टेशन के।
इसकी खासियत यह है कि किसी भी मौसम की स्थिति, जैसे तूफान, तेज हवाएं या बारिश, इस सेवा को प्रभावित नहीं कर पातीं। यही कारण है कि सैटेलाइट इंटरनेट एक नया और प्रभावी कनेक्टिविटी समाधान बन कर उभर रहा है, और इसलिए भारत में Starlink का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।
जियो अपने उपयोगकर्ताओं को वायरलेस फाइबर ब्रॉडबैंड सेवाएं पहले से ही प्रदान करता है। इस सेवा के लिए कंपनी किसी भी ग्राहक जो इस सेवा का इस्तेमाल करना चाहता है, उसके घर की छत पर एक छोटा सा एंटीना फिट कर देती है। इसके माध्यम से ही इंटरनेट कनेक्टिविटी एयरफाइबर बॉक्स (वाई-फाई राउटर) तक पहुँचाई जाती है, इसी के द्वारा आपको इंटरनेट मुहैया करवाया जाता है।
एयरटेल एक्सस्ट्रीम एयरफाइबर भी जियो की तरह ही काम करता है और एयरटेल के नजदीकी 5G मोबाइल टॉवर से इंटरनेट सिग्नल राउटर तक भेजता है, हालांकि, राउटर से पहले यह सिग्नल छत पर लगे एंटीना तक पहुंचाया जाता है, इसके बाद यह नेटवर्क सिग्नल वाई-फाई राउटर को भेजा जाता है। उसके बाद यह आपके फोन को या किसी अन्य डिवाइस को मिलता है। जियो और एयरटेल दोनों का ब्रॉडबैंड एक ही तकनीक पर काम करता है, जिसमें मोबाइल टॉवर से सिग्नल ग्राउंड से ट्रांसमिट होते हैं।