दुनिया भर की एयरलाइंस ने पावर बैंक को लेकर नियम सख्त कर दिए हैं. यह छोटा-सा डिवाइस जो कभी ट्रैवलर्स के लिए जरूरी साथी था अब ब्लास्ट का खतरा बन गया है. लिथियम-आयन बैटरी की वजह से ओवरहीटिंग, आग या ब्लास्ट का डर बढ़ गया है. हवाई जहाज के बंद और दबाव वाले माहौल में यह रिस्क और बड़ा हो जाता है.
कई हादसों के बाद अब एयरलाइंस और एविएशन अथॉरिटी सेफ्टी प्रोटोकॉल्स को फिर से लिख रही हैं. तो आइए आपको बताते हैं कि पावर बैंक फिर से निशाने पर क्यों हैं और कौन-सी एयरलाइंस सख्ती कर रही हैं. इसके अलावा आपको उड़ान के दौरान कौन से नियम फॉलो करने चाहिए.
पावर बैंक में यूज होने वाली लिथियम-आयन बैटरी हाई एनर्जी देती हैं लेकिन इनमें आग का रिस्क भी छुपा है. अगर बैटरी डैमेज हो जाए या गर्मी झेल ले या बनाने में कोई गड़बड़ हो तो यह “थर्मल रनअवे” स्टेट में जा सकती है—यानी ओवरहीटिंग, आग, या छोटा-मोटा धमाका.
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फ्लाइट में जगह कम होती है, हवा का दबाव ज्यादा और वेंटिलेशन सीमित है. ऐसे में अगर कुछ गलत हुआ, तो हालात बिगड़ सकते हैं. सेफ्टी एक्सपर्ट्स कहते हैं कि कम नमी और हाई प्रेशर इस रिस्क को और बढ़ाते हैं.
Euro News के मुताबिक, International Air Transport Association (IATA) ने इन खतरों को लेकर चेतावनी दी है और गाइडलाइंस जारी की हैं—जैसे बैटरी की क्षमता सीमित करना, सिर्फ हैंड बैग में रखना, और फ्लाइट में यूज पर रोक.
पावर बैंक से आग के मामले कम हैं लेकिन जो हुए वे सुर्खियों में छा गए. एक बार फ्लाइट के बीच में पावर बैंक में आग लग गई. केबिन में धुआं भर गया और क्रू को फायर एक्सटिंग्विशर यूज करना पड़ा. जांच में पता चला कि डिवाइस बोर्डिंग से पहले डैमेज था. ऐसे हादसों में अभी तक बड़ी चोट की खबर नहीं आई, लेकिन पैसेंजर्स और क्रू के लिए खतरा साफ दिखता है.
Euro News के हवाले से, कई बड़ी एयरलाइंस ने पावर बैंक पर नए नियम लागू किए हैं:
Qantas Airways: पावर बैंक सिर्फ केबिन बैग में रखें—फ्लाइट में यूज़ बैन है.
Emirates: पावर बैंक ले जा सकते हैं, लेकिन न यूज़ कर सकते हैं, न चार्ज.
Singapore Airlines: पोर्टेबल चार्जर्स की कुछ लिमिट में इजाज़त है, लेकिन इन-सीट पावर सिस्टम से कनेक्ट करना मना है.
Cathay Pacific: फ्लाइट में यूज़ पर रोक है; हाई-कैपेसिटी वाले पावर बैंक्स के लिए स्पेशल अप्रूवल चाहिए.
हर एयरलाइन के नियम थोड़े अलग हैं, लेकिन ट्रेंड एक है—फ्लाइट में यूज रोकना, साइज की पाबंदी और सारा सामान हैंड बैग में रखने की शर्त. ज्यादातर एयरलाइंस IATA, FAA (Federal Aviation Administration) और EASA (European Union Aviation Safety Agency) के सेफ्टी स्टैंडर्ड्स फॉलो करती हैं. पावर बैंक के लिए आम नियम ये हैं:
100 वॉट-आवर्स (Wh) से कम: बिना अप्रूवल के हैंड बैग में ले जा सकते हैं.
100 Wh से 160 Wh: एयरलाइन की मंजूरी चाहिए.
160 Wh से ज्यादा: सभी पैसेंजर फ्लाइट्स में बैन.
अपने पावर बैंक का Wh चेक करने के लिए फॉर्मूला है:
Wh = (mAh × V) ÷ 1000
(V यानी वोल्टेज, जो आमतौर पर 3.7V होता है.)
डिवाइस पर स्पेसिफिकेशंस साफ लिखी होनी चाहिए, वरना सिक्योरिटी में अटक सकता है.
पावर बैंक हमेशा हैंड बैग में रखें—चेक-इन बैग में कभी नहीं. कार्गो होल्ड में इमरजेंसी डील करना मुश्किल होता है.
कई एयरलाइंस कहती हैं कि इसे सीट के पास रखें, ओवरहेड बिन में नहीं—ताकि कुछ गलत हो तो फटाफट एक्सेस हो.
कुछ कैरियर्स फ्लाइट के आउटलेट्स से चार्जिंग पर भी रोक लगाते हैं, क्योंकि हीट बिल्डअप या इलेक्ट्रिकल फॉल्ट का डर रहता है.
सलाह है कि बोर्डिंग से पहले डिवाइस चार्ज करें या एयरपोर्ट के चार्जिंग स्टेशन्स यूज़ करें.
एयरलाइन पॉलिसी चेक करें: ऑफिशियल वेबसाइट देखें या कस्टमर सर्विस से पूछें.
पावर बैंक इंस्पेक्ट करें: सूजन, दरारें, या डैमेज न हो—चेक करें.
कैपेसिटी कन्फर्म करें: Wh रेटिंग देखें और लिमिट में रखें.
सही पैक करें: हैंड बैग में रखें और फ्लाइट में एक्सेसिबल हो.
फ्लाइट में चार्जिंग से बचें: जब तक इजाज़त न हो, यूज़ या चार्ज न करें.
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