सिगरेट की तरह ही स्मार्टफोन में लगेगा हेल्थ “Warning” वाला लेबल, देखें क्यों और कहा उठाया जा रहा ये बड़ा कदम
स्मार्टफोन की लत लग जाना कोई मज़ाक नहीं है।
स्मार्टफोन आपकी सेहत के लिए हानिकारक है, इसमें भी कोई दोराय नहीं है।
क्या आने वाले समय में सिगरेट की तरह ही स्मार्टफोन्स पर हेल्थ Warning का लेबल लगने वाला है?
आजकल स्मार्टफोन का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर बढ़ता ही जा रहा है, ऐसे में स्मार्टफोन की लत लग जाना कोई बड़ी बात नहीं है, ऐसा ही हो भी रहा है। हालांकि, निरंतर एक ही चीज का इस्तेमाल करना हमें एक बड़ी मुसीबत में भी डाल सकता है। स्मार्टफोन के ज्यादा इस्तेमाल से ऐसा देखने में आया है कि यह आपको नींद, मानसिक स्वास्थ्य और यहां तक कि व्यक्तिगत संबंधों तक को प्रभावित कर सकता है। स्मार्टफोन की लत को “सार्वजनिक स्वास्थ्य महामारी” बताते हुए, स्पेन ने एक साहसिक कदम उठाया है: इस कदम के तहत देश में बिकने वाले सभी स्मार्टफोनों पर सिगरेट पैक्स की तरह स्वास्थ्य चेतावनियाँ लगाने की मांग उठ रही है। इस कदम का उद्देश्य अत्यधिक स्क्रीन टाइम के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और स्मार्टफोन के उपयोग को सीमित करना है।
सरकार के एक पैनल की ओर से सामने आए प्रस्ताव में इस बात को कहा गया है, हालांकि, यह प्रस्ताव एक 250-पेज की रिपोर्ट का ही हिस्सा है जिसे स्पेन सरकार द्वारा नियुक्त विशेषज्ञों की समिति ने शेयर किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, पैनल डिजिटल सेवाओं पर अनिवार्य स्वास्थ्य चेतावनियाँ लगाने का सपोर्ट कर रही है, जो उपयोगकर्ताओं को अत्यधिक उपयोग और हानिकारक कॉन्टेन्ट के संपर्क जैसे जोखिमों के बारे में सचेत करती है। प्रस्ताव के अनुसार, ये चेतावनियाँ सिगरेट पैक्स पर होने वाली चेतावनियों की तरह कार्य करेंगी। ये चेतावनियाँ स्मार्टफोन की लत के संभावित खतरों की स्पष्ट याद दिलाने के रूप में काम करेंगी। रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की गई है कि कुछ ऐप्स या प्लेटफार्मों तक पहुंचने पर स्क्रीन पर सावधानियों के मैसेज भी दिखाए जा सकते हैं, ताकि उपयोगकर्ताओं को अधिक सतर्क और जागरूक किया जा सके।
क्या कहता है सरकारी पैनल का प्रस्ताव?
इस रिपोर्ट में क्या क्या सिफारिशें शामिल हैं, उनके बारे में आप नीचे विस्तार से जान सकते हैं। आइए जानते है कि आखिर स्पेन के इस सरकारी पैनल की ओर से क्या क्या बातें कहीं गई हैं।
- इसके अतिरिक्त, रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की गई है कि तीन वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए डिजिटल उपकरणों के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाए।
- तीन से छह वर्ष के बच्चों के लिए इसे कड़ी शर्तों के तहत सीमित किया जाए। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में इसकी छूट दी जा सकती है।
- 16 वर्ष तक के किशोरों के लिए, रिपोर्ट में “dumbphones” के उपयोग को बढ़ावा देने की सिफारिश की गई है।
- जबकि 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया के उपयोग से पूरी तरह से बचने की सलाह दी गई है।
स्वास्थ्य को लेकर क्या कहती है रिपोर्ट?
स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से, रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि प्रौद्योगिकी से जुड़ी मानसिक स्वास्थ्य चिंताओं, जैसे कि लत और घबराहट/बेचैनी को सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याओं के रूप में प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसमें अत्यधिक डिजिटल उपयोग के लिए नियमित चिकित्सा जांचों में स्क्रीनिंग करने का सुझाव दिया गया है, ताकि इन समस्याओं की पहचान और समाधान पहले ही हो सके।
ऑस्ट्रेलिया सरकार भी उठा चुकी है बड़ा कदम!
स्पेन सरकार का यह प्रस्ताव ऑस्ट्रेलिया द्वारा 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के तुरंत बाद आया है। यहाँ 16 साल की उम्र से कम के बच्चे सोशल मीडिया पर अपने अकाउंट नहीं बना सकते हैं, इसके लिए उन्हें अपने पेरेंट्स की जरूरत होने वाली है।
अश्वनी कुमार
अश्वनी कुमार डिजिट हिन्दी में पिछले 7 सालों से काम कर रहे हैं! वर्तमान में अश्वनी कुमार डिजिट हिन्दी के साथ सहायक-संपादक के तौर पर काम कर रहे हैं। View Full Profile