आपको पता होगा कि फ्लाइट में बैठने के बाद फोन को स्विच ऑफ करने या फ्लाइट मोड में डालने के लिए कहा जाता है. हालांकि, कई लोगों को लगता है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. लेकिन, वे गलत हैं. एक पायलट ने फ्लाइट में फोन को स्विच ऑफ करने की वजह बताई है. उन्होंने लोगों को समझाया है ऐसा करना क्यों जरूरी है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक पायलट का TikTok वीडियो वायरल हो गया है. इस वीडियो को अभी तक 2 मिलियन से ज्यादा बार देखा जा चुका है. इसमें उन्होंने बताया कि फोन को उड़ान के दौरान फ्लाइट मोड में क्यों रखना चाहिए? वीडियो में @perchpoint के नाम से जाने जाने वाले पायलट ने स्पष्ट किया है कि एयरप्लेन मोड कोई मिथक नहीं है.
उन्होंने बताया कि फोन का फ्लाइट मोड बटन कोई साजिश नहीं है. उन्होंने बताया कि फोन उड़ान के दौरान सेल टावर्स से कनेक्ट होने की कोशिश करते हैं. ज्यादातर फोन ऑन रहने पर वे एयर ट्रैफिक कंट्रोल के साथ पायलट के रेडियो कम्युनिकेशन में बाधा पैदा कर सकते हैं. उन्होंने जोर दिया कि अगर कई यात्रियों के फोन एक साथ सेल टावर से कनेक्ट होने की कोशिश करते हैं, तो इससे उत्पन्न रेडियो तरंगें बाधा पैदा कर सकती हैं.
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उन्होंने बताया कि इससे हेडसेट में “मच्छर” या “ततैया” की भिनभिनाहट जैसी आवाज आने लगती है. जिससे एयर ट्रैफिक कंट्रोलर के निर्देशों को स्पष्ट रूप से सुनना मुश्किल हो जाता है. उन्होंने कहा कि यह काफी बड़ी समस्या नहीं है लेकिन यह पायलट का ध्यान भटका सकता है.
वीडियो के अनुसार, पायलट ने बताया कि “अगर आपके पास 70, 80, 150 लोगों वाला एक विमान है और तीन या चार लोगों के फोन भी ऑन रहते हैं तो ये रेडियो टावर से कनेक्शन बनाने की कोशिश करते हैं, तो यह रेडियो तरंगें भेजते हैं.” उन्होंने इसको लेकर अपने एक्सपीरियंस को भी शेयर किया है.
उन्होंने बताया कि इस बाधा के कारण उनके उड़ान मार्ग के लिए क्लियरेंस प्राप्त करना मुश्किल बना दिया था. कैप्टन के अनुसार, किस तरफ़ जाना है, इस पर क्लियरेंस” प्राप्त करने के लिए अपने हेडसेट का इस्तेमाल कर रहे थे और संदेश बाधा के कारण ऐसा लग रहा था जैसे उनके कान में “मच्छर” है.
इस वीडियो से साफ है कि एयरप्लेन मोड पर स्विच करना सिर्फ एक सुझाव नहीं है बल्कि एक जरूरत है. कई जगहों पर इसको लेकर नियम भी है. अमेरिका में विमान के जमीन छोड़ते ही सभी फोन को बंद करने का नियम है. भारत में नागरिक उड्डयन महा निदेशालय (DGCA) के अनुसार, भी फोन, टैबलेट, लैपटॉप जैसे पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस एयरप्लेन मोड में होने चाहिए. हालांकि, कुछ एयरप्लेन में DGCA की मंजूरी के आधार पर Wi-Fi उपयोग करने की अनुमति होती है.
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