Gmail Launch Story: दुनियाभर में 1 अप्रैल को April Fool Day के रूप में मनाया जाता है. लेकिन, 1 अप्रैल को ही ऐसी ही एक सर्विस लॉन्च हुई थी जिसे लोगों ने अप्रैल फूल का मजाक समझा था. लेकिन, अभी यह सबसे बड़ी ईमेल सर्विस बन चुकी है. आप सही समझ रहे हैं. हम यहां पर Gmail की बात कर रहे हैं.
Gmail आज करोड़ों यूजर्स के साथ दुनिया का सबसे पॉपुलर ईमेल प्लेटफॉर्म है. इसकी शुरुआत 1 अप्रैल 2004 को हुई थी. उस वक्त कई लोगों ने इसे अप्रैल फूल का मजाक समझा, खासकर क्योंकि ये घोषणा उस मजेदार दिन पर हुई थी. लेकिन 21 साल बाद, आज दुनियाभर में लाखों लोग Gmail पर निर्भर हैं.
लॉन्च के वक्त Yahoo Mail, Rediffmail और Hotmail जैसे प्लेटफॉर्म्स ईमेल की दुनिया में आगे थे. हर सर्विस के पास लाखों यूजर्स थे. लेकिन Gmail ने पॉपुलैरिटी में सबको पीछे छोड़ दिया है.
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जब Gmail की घोषणा हुई तो टाइमिंग की वजह से लोगों को शक हुआ था और इसे मजाक समझा गया. ऐसा इसलिए क्योंकि यह ऐलान अप्रैल फूल्स डे पर हुआ था और Google के को-फाउंडर्स लैरी पेज और सर्जे ब्रिन इस दिन प्रैंक्स करने के लिए मशहूर थे. मिसाल के तौर पर, उन्होंने एक बार चांद पर रिसर्च सेंटर के लिए फर्जी जॉब का ऐड डाला था और दूसरी बार दावा किया था कि सर्च रिजल्ट्स को “सूंघा” जा सकता है.
Gmail के क्रिएटर इंजीनियर पॉल बुकहाइट ने AP से बातचीत में बताया कि इसे एक सीक्रेट कोडनेम के तहत डेवलप किया गया था. उस वक्त कंपनी में सिर्फ 23 लोग थे, जो आज 1,80,000 से ज्यादा कर्मचारियों वाली कंपनी बन चुकी है. Gmail की शुरुआत में एक्सक्लूसिविटी ने इसे हिट बनाया, क्योंकि Google के पास ज्यादा यूजर्स के लिए कंप्यूटिंग पावर नहीं थी.
Gmail के लॉन्च पर यूजर्स को 1GB स्टोरेज मिला, जिसमें करीब 13,500 ईमेल्स स्टोर हो सकते थे. यह उस वक्त Microsoft और Yahoo के 30 से 60 ईमेल्स की लिमिट से कहीं ज्यादा था. इसके अलावा, Google ने अपनी सर्च टेक्नोलॉजी को इंटीग्रेट किया, जिससे यूजर्स आसानी से पुराने ईमेल्स, फोटोज़ या डेटा ढूंढ सकते थे. खास बात यह थी कि Gmail ने एक साथ कई लोगों को ईमेल भेजने की सुविधा दी. जिसने कम्युनिकेशन को पहले से कहीं आसान बना दिया.
इन फीचर्स ने Gmail को कॉम्पिटिटर्स से आगे कर दिया और मार्केट में इसकी जगह पक्की कर दी. जब Android लॉन्च हुआ, तो Google ने Gmail को डिफॉल्ट ईमेल ऐप बनाया, जिससे यूजर्स के डिवाइस से सीधा कनेक्शन बना और इसकी पॉपुलैरिटी और बढ़ गई.
पॉल बुकहाइट ने बताया कि लॉन्च के वक्त Google के पास सिर्फ 300 पुरानी मशीनें थीं और केवल 10,000 यूजर्स को सपोर्ट करने की क्षमता थी. डिमांड इतनी थी कि eBay पर Gmail अकाउंट्स $250 तक में बिक रहे थे. जैसे-जैसे इसको लेकर लोकप्रियता बढ़ी, Google ने अपने डेटा सेंटर्स को बढ़ाया. इससे ज्यादा यूजर्स को अकाउंट बनाने का मौका दिया. 2007 तक कंपनी ने Gmail को ग्लोबल ऑडियंस के लिए पूरी तरह खोल दिया.
1 अप्रैल 2004 को मजाक समझा गया Gmail आज हमारी ज़िंदगी का हिस्सा बन चुका है. स्टोरेज, सर्च और यूजर-फ्रेंडली फीचर्स ने इसे नंबर वन बनाया. अब लोग इसके बिना इंटरनेट जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं.
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