ऑनलाइन ट्रेडिंग घोटाला देश में तेजी से बढ़ रहा है। इसी कारण इसे देश के लिए एक बड़ी चिंता का विषय भी कहा जा सकता है। आपको बता देते है कि पिछले कुछ ही समय मे इस घोटाले का शिकार बहुत से लोग हो गए हैं। शिकार होने के साथ साथ उन्हें लाखों रुपये का चुना भी लगाया गया है। अब इस घोटाले का शिकार गुरुग्राम का एक डॉक्टर हो गया है। डॉक्टर को लगभग 2.5 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है। जबकि बड़ी आसानी से अज्ञात साइबर अपराधियों ने इसे अपना शिकार बना लिया।
द ट्रिब्यून द्वारा रिपोर्ट किए गए एक मामले के अनुसार, सेक्टर 56 में केंद्रीय विहार सोसाइटी के निवासी डॉ. पुनीत सरदाना नाम के पीड़ित ने 4 जनवरी, 2024 को इंटरनेट पर एक आकर्षक विज्ञापन देखा। विज्ञापन में एक स्टॉक मार्केटिंग निवेश योजना की पेशकश की गई थी, ऑनलाइन स्टॉक और आईपीओ निवेश के माध्यम से महत्वपूर्ण लाभ का वादा भी इसमें किया गया था।
इस विज्ञापन के झांसे में आकर या ऐसा भी कह सकते है कि इस विज्ञापन से आकर्षित होकर, डॉ. सरदाना ने विज्ञापन में दिए गए नंबर से संपर्क किया। उनके पूछने पर, कॉल करने वाले ने उन्हें व्हाट्सएप के माध्यम से एक लिंक भेजा गया, जिसके माध्यम से उन्हें एक शेयर-खरीद ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा गया, यहाँ तक डॉक्टर को यह सब वैध लगा। जैसा जैसा कहा गया डॉक्टर की ओर से वैसा ही कर दिया गया है। ऐप की कार्यक्षमता पर भरोसा करते हुए, सरदाना ने निवेश करना शुरू कर दिया और शुरुआत में शेयर खरीदने के लिए उन्होंने ने 50,000 रुपये का निवेश कर दिया।
इस निवेश के बाद डॉ. सरदाना को कुछ फायदा होता नजर आया, ऐसे में इन्हें आईपीओ में भाग लेने के लिए मना लिया गया। ऐप ने धोखे से उनके खाते का बैलेंस बढ़ा दिया, जिसमें 3.19 करोड़ रुपये का पर्याप्त लाभ दिखाया गया। हालाँकि, जब उन्होंने अपना मुनाफ़ा निकालने का प्रयास किया, तो उन्हें निकासी से इनकार कर दिया गया। इसका मतलब है कि यह सब फ्रॉड था।
अब जब डॉ. की ओर से अपने ही पैसे को निकालने में असुविधा हुई तो उन्होंने घोटालेबाजों से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने उनके साथ फिर से धोखाधड़ी कर दी। साइबर अपराधियों ने डॉ. पैसे निकालने की प्रक्रिया को ज्यादा सुविधाजनक बनाने के लिए “सिक्युरिटी डिपोजिट” की आड़ में डॉ. सरदाना से अतिरिक्त पैसों को जमा करने के लिए राजी कर लिया गया। इस तरह से जाल में फँसते फँसते इस आकर्षक योजना का शिकार होने के चरण में डॉ. सरदाना ने कई लेनदेन में कुल 1.36 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए।
इतनी बड़ी रकम का चुना लगाने के बाद घोटालेबाज गायब हो गए। सरदाना ने सभी उपलब्ध माध्यमों से उनसे संपर्क करने की भी कोशिश की, हालांकि उन्हें इसमें कोई सफलता नहीं मिली। सभी संचार माध्यमों के बंद हो जाने और अपने निवेश को पुनः प्राप्त करने के प्रयास विफल होने के बाद, डॉ. सरदाना ने अंततः पुलिस से संपर्क किया और शिकायत दर्ज की।
जबकि मामले की जांच चल रही है, यह मामला ऑनलाइन विज्ञापनों और ऑफ़र से जुड़े खतरों की याद दिलाता है जो सच होने के लिए बहुत अच्छे लगते हैं। कई पीड़ितों ने इसी तरह की आपबीती साझा की है, जहां उन्हें हाई रिटर्न का वादा करने वाले ऐप्स के लिंक मिले, लेकिन अंत में उन्होंने ऑनलाइन वित्तीय लेनदेन के माध्यम से घोटालेबाजों के हाथों अपना सारा पैसा खो दिया।