मंडे मेगा ऑंनलाइन सेल के तीन महत्वपूर्ण सबक

Updated on 17-Nov-2014
HIGHLIGHTS

ई-कॉमर्स वेबसाइट्स फ्लिपकार्ट और स्नैपडील को सोमवार के उनके मेगा ऑनलाइन सेल पर उम्मीद से बढ़कर प्रतिक्रिया मिली। हालांकि इस दिन के लिए जिस तरह तरह का सेल प्रारूप उन्होंने बनाया था, सबकुछ वैसा ही नहीं चला। आउट ऑफ स्टॉक आइटम्स, अचानक आई ‘एरर’ की समस्या, वेबसाइट क्रैश होना आदि जैसे अनुभव किसी भी तरह उपभोक्ताओं के लिए अच्छा शॉपिंग अनुभव तो नहीं कहा जा सकता। सोमवार के इस मेगा सेल से हमे तीन सीख मिलती हैं। आइए चर्चा करते हैं कि हैं वे तीन सीख:

ई-कॉमर्स वेबसाइट्स फ्लिपकार्ट और स्नैपडील ने सोमवार की मेगा सेल में उल्लेखनीय सफलता पाई। जहां स्नैपडील का दावा है कि इस दिन इसकी सेल्स चार्ट 1 करोड़ रूपये प्रति मिनट थी, वहीं फ्लिककार्ट भी जीएमवी (ग्रॉस मर्चन्डाइज वॉल्यूम) में 24 घंटे का इसका सेल्स टार्गेट 100 मिलियन डॉलर मात्र 10 घंटे में पूरा हो जाने का दावा करता है।

अगर हम पारंपरिक स्टोर्स की तुलना में ई-कॉमर्स के संभावित प्रभुत्व या बाजार पर बहस करें तो बड़े पैमाने पर बिक्री के आंकड़े स्पष्ट रूप से भारत में ई-कॉमर्स के क्षेत्र में क्रांतिकारी वृद्धि के आगमन का संकेत देते हैं। शायद यही कारण है कि सोमवार का ‘ऑनलाइन मेगा सेल’ बड़ी संख्या में ग्राहकों की शिकायतों के बिना पूरा नहीं हो सका। बार-बार साइट्स के क्रैश होने और पलक झपकते ही डील्स गायब हो जाने की समस्या ने लोगो को एक प्रकार से थकाने का काम किया।

यद्यपि सोमवार की मेगा सेल्स की तुलना अमेरिका के लोकप्रिय ‘ब्लैक फ्राइडे सेल्स/डील्स’ से करना उचित नहीं होगा क्योंकि सोमवार का यह सेल एक प्रकार से भारत में ऑनलाइन बाजार के उज्ज्वल भविष्य की घोषणा करता उसकी एक झलक है। फिर भी इस सोमवारीय सेल से जो तीन बातें सामने आती हैं वे इस प्रकार हैं:

ई-कॉमर्स का बढ़ता स्वरुप

जैसा कि हमने ऊपर भी कहा है कि भविष्य में ई-कॉमर्स सेगमेंट और ट्रेडिशनल मार्केट किस प्रकार एक साथ अस्तित्व में रहेंगी, व्यापक रूप से यह एक बहस का मुद्दा है। कई स्मार्टफोन ब्रांड ऑनलाइन प्लेटफार्म पर बिक्री के बड़े आंकड़े दिखा रहे हैं। यह भारत में ई-कॉमर्स सेगमेंट के मजबूत होने का संकेत है। सोमवार के सेल में फ्लिपकार्ट और स्नैपडील दोनों को ही अभूतपूर्व सफलता मिली। दिलचस्प बात यह है कि दोनों साइट्स की प्रतियोगिता (जिसमें हम अमेज़न के शामिल होने की उम्मीद करते हैं) ने यूज़र्स को अधिक से अधिक विकल्प देने में मदद की।

क्या मेगा डिस्काउंट मात्र एक दिखावा है?

फ्लिपकार्ट के ‘बिग बिलियन डे’ सेल पर हमारे पिछले विश्लेषण में हमने बताया था कि कीमतों पर ऑफर की गई अधिकांश छूट वास्तव में थे छूट नहीं थी (सेल किए गए आटम्स की वास्तविक कीमत बढ़ाकर बताई गई और ऑफर प्राइस में कम कीमत पर बेचना बताया गया)। फ्लिपकार्ट की एमआरपी मूल्य पर डिस्काउंट ऑफर करने पर आलोचना भी काफी हुई थी। कुछ उत्पाद, खासकर जिनपर भारी छूट ऑफर हुई थी वे पालक झपकते ही उपभोक्तओं की नजर से ओझल हो गए। उपभोक्ताओं ने बर-बार इसे ढूंढने की कोशिश की और झुंझलाकर रह गए। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार कई कस्टमर्स ने इसके खिलाफ तरह सोशल मीडिया पर हैशटैग (#Flipkart) भी चलाया।

हमारे आधिकारिक फेसबुक पेज पर एक यूजर ने इसपर कमेंट लिखा, "मैंने कई आइटम खरीदने की कोशिश की पर कुछ ही खरीद सका। अधिकम् छूट के साथ दिख रहे प्रोडक्ट अचानक मेरे आर्डर हिस्ट्री से गायब हो गए। मैं अपने पुराने ऑर्डर्स भी नहीं देख पा रहा था। यह आपके लिए कितना सुविधाजनक है आप खुद ही समझ सकते हैं। मेरे कैंसल किए ऑर्डर को दूसरे दिन वे ज्यादा कीमत पर बेचेंगे।”
 
ज्यादा तैयारियों की जरूरत

ई-कॉमर्स साइट्स को मेगा सेल्स जैसे अवसरों पर बड़ी संख्या में आने वाले ट्रैफिक के कारण किसी तरह की परेशानी से बचने के लिए अपनी तकनीकी सरंचना में सुधार करने की आवश्यकता है। समान रूप से लोकप्रिय और बदनाम कही जा सकने वाली सियोमी ने भी फ्लैश सेल में फ्लिपकार्ट के आईआरसीटीसी की टिकट बुकिंग की तरह ही बड़ी संख्या में यूजर्स अकाउंट हैंडल किया। इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में ऐसे अवसरों के लिए फ्लिपकार्ट पूरी और विशेष तैयारी के साथ आएगा।

श्री आशीष झलाने के अनुसार, " साइट्स क्रैश हो गए क्योंकि सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की सरंचना अचानक आई इस भीड़ को झेल सकने में समर्थ नहीं थी। इस तरह की समस्या बाद में आई क्योंकि ज्यादातर प्रोडक्ट्स सेल की शुरुआत में ही बिक चुके थे लेकिन यह पहला मौका था जब किसी ऑनलान साइट पर एक दिन में इतना बड़ा ट्रैफिक आया जो किसी भी इंड्स्ट्री के लिए ईर्ष्या का विषय हो सकता है।”

इस सोमवारीय मेगा सेल में आप्का अनुभव कैसा रहा? इनके अलावे इस सेल में आपको क्या पसंद आया, क्या नहीं? नीचे कमेंट सेक्शन में अपनी राय हमें जरूर बताएं:

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