JioTag Go vs Apple AirTag: फीचर्स एक से बढ़कर एक, लेकिन कीमत में इतना बड़ा अंतर, किसे चुनेंगे आप?

Updated on 24-Dec-2024

Jio ने पहले एक सिक्के के साइज़ का किफायती डिवाइस पेश किया था उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी हो सकता है जो चीजें रखकर भूल जाते हैं और फिर उन्हें खोजना मुश्किल होता है। JioTag Go, जिसे बाजार में एंड्रॉइड यूजर्स के लिए एक परफेक्ट ट्रैकिंग डिवाइस के तौर पर लाया गया था, Apple AirTag को टक्कर देता है जो एक और लोकप्रिय ट्रैकिंग डिवाइस है और फाइंडमाय नेटवर्क का इस्तेमाल करता है।

अगर आप सोच रहे हैं कि JioTag Go और Apple AirTag के बीच प्रमुख अंतर क्या हैं, तो ये रहीं कुछ डिटेल्स जो एक सही विकल्प की खरीदारी करने में आपकी मदद करेंगी।

अनुकूलता

JioTag Go: यह एंड्रॉइड 9 और उसके बाद के वर्जन्स पर चलते हुए एंड्रॉइड स्मार्टफोन्स के साथ क्विक पेयरिंग को सपोर्ट करता है और यह गूगल फाइंड माय डिवाइस नेटवर्क के माध्यम से एंड्रॉइड डिवाइसेज से कनेक्ट होता है।

Apple AirTag: यह केवल एप्पल ईकोसिस्टम के साथ अनुकूल है और आईफोन, आइपैड या आईपॉड टच के फाइंड माय नेटवर्क का इस्तेमाल करता है।

JioTag Go

डिजाइन और बिल्ड

JioTag Go एक सिक्के के आकार का छोटा डिवाइस है जो कई सारे रंगों में आता है और इसे कीचेन या अन्य व्यक्तिगत चीजों से अटैच किया जा सकता है।

वहीं दूसरी ओर Apple AirTag एक छोटा, राउन्ड, पॉलिश्ड स्टेनलेस स्टील डिवाइस है जो डस्ट और वॉटर रेसिस्टेंस के लिए IP67 रेटेड है। इसके अलावा, इसमें एक हाई-एंड फ़ील मिलता है और यह एंग्रेविंग-पर्सनलाइज़ेबल है।

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बैटरी

ये दोनों ही डिवाइसेज ऐसी बैटरी के साथ आते हैं जिन्हें यूजर्स खुद ही बदल सकते हैं, जो एक साल तक की बैटरी लाइफ ऑफर करती हैं।

ट्रैकिंग फीचर्स

जियोटैग गो सुविधाजनक खोज के लिए जोर से एक बीपिंग साउंड (120 dB तक) निकलता है और रेंज के अंदर चीजों को लोकेट करने के लिए ब्लूटूथ का इस्तेमाल करता है। हालांकि, जब वह ब्लूटूथ रेंज के अंदर न हो तो यह गूगल के फाइंड माय डिवाइस नेटवर्क का इस्तेमाल करता है।

एप्पल एयरटैग दूरी और दिशा को ज्यादा सटीक तरीके से ट्रैक करता है और इसके लिए यह ब्लूटूथ और U1 चिप (जो आईफोन 11 और बाद के मॉडल्स में पाया जाता है) के साथ प्रिसिशन फाइंडिंग का इस्तेमाल करता है। इसके साथ ग्लोबल फाइंड माय नेटवर्क भी इंटीग्रेटेड है।

Apple AirTAg

प्राइवेसी और सिक्योरिटी

जियोटैग गो डिवाइस गुम हुई चीजों को खोजने के लिए गूगल के नेटवर्क और ब्लूटूथ का इस्तेमाल करता है, लेकिन इसमें एप्पल जैसे अडवांस्ड प्राइवेसी फीचर्स की कमी है।

एप्पल एयरटैग में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के माध्यम से प्राइवेसी पर मजबूत फोकस के साथ-साथ अवांछित ट्रैकिंग की पहचान करना और आस-पास के अनजान एयरटैग के यूजर्स को अलर्ट करने जैसे फीचर्स शामिल हैं।

स्पेशल फीचर्स

जियोटैग गो में से चीजों को खोजने के लिए एक बीपिंग साउंड निकलता है और यह एंड्रॉइड यूजर्स के लिए एक ज्यादा बजट-फ्रेंडली ऑप्शन है।

एप्पल एयरटैग Precision Finding ऑफर करता है, जो एक ज्यादा सटीक ट्रैकिंग देता है और यह खोई हुई चीजों के लिए एक विशाल ग्लोबल नेटवर्क के साथ आता है।

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कीमत

जियोटैग गो की कीमत 1499 रुपए है जबकि एप्पल एयरटैग लगभग इससे दोगुनी कीमत में उपलब्ध है। आमतौर पर इसकी कीमत ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर लगभग 2800 रुपए होती है।

Faiza Parveen

फाईज़ा परवीन डिजिट हिंदी में एक कॉन्टेन्ट राइटर हैं। वह 2023 से डिजिट में काम कर रही हैं और इससे पहले वह 6 महीने डिजिट में फ्रीलांसर जर्नलिस्ट के तौर पर भी काम कर चुकी हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक स्तर की पढ़ाई कर रही हैं, और उनके पसंदीदा तकनीकी विषयों में स्मार्टफोन, टेलिकॉम और मोबाइल ऐप शामिल हैं। उन्हें हमारे हिंदी पाठकों को वेब पर किसी डिवाइस या सेवा का उपयोग करने का तरीका सीखने में मदद करने के लिए लेख लिखने में आनंद आता है। सोशल मीडिया की दीवानी फाईज़ा को अक्सर अपने छोटे वीडियो की लत के कारण स्क्रॉलिंग करते हुए देखा जाता है। वह थ्रिलर फ्लिक्स देखना भी काफी पसंद करती हैं।

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