ChatGPT से बना ली Ghibli Style इमेज..OpenAI के चाल में फंस गए आप? प्राइवेसी एक्टिविस्ट की चेतावनी

Updated on 31-Mar-2025

OpenAI का नया Ghibli-Style AI आर्ट जेनरेटर सोशल मीडिया पर छा गया है. लोग अपनी तस्वीरों को Studio Ghibli की एनिमेशन स्टाइल में बदलकर मजे ले रहे हैं. हालांकि, पेड और फ्री वर्जन दोनों तरीकों से Ghibli-Style इमेज बनाए जा सकते हैं. लेकिन, अब डिजिटल प्राइवेसी एक्टिविस्ट्स ने इसको लेकर चेतावनी दी है.

आपके ये मजे OpenAI को काफी फायदा पहुंचा सकता है और आपकी प्राइवेसी को खतरे में डाल सकता है. ऐसा दावा X पर डिजिटल प्राइवेसी एक्टिविस्ट्स ने किया है. उन्होंने कहा कि यह सब एक चाल हो सकती है. उनका कहना है कि OpenAI इस ट्रेंड के बहाने हजारों पर्सनल इमेज तक पहुंच बना रही है. तो क्या सचमुच चिंता की बात है? चलिए इसे समझते हैं.

प्राइवेसी पर सवाल क्यों?

एक्टिविस्ट्स Luiza Jarovsky का मानना है कि OpenAI इस टूल से यूजर्स की तस्वीरें कलेक्ट कर रही है. इससे वह अपने AI मॉडल्स को ट्रेन कर सकेगा. आम तौर पर वेब से इमेज को स्क्रैप करने के लिए OpenAI को GDPR जैसे नियमों का पालन करना पड़ता है, जिसमें “legitimate interest” साबित करना जरूरी है.

लेकिन जब यूजर्स खुद अपनी तस्वीरें अपलोड करते हैं तो कंसेंट अपने-आप मिल जाता है. इससे OpenAI को कानूनी झंझटों से छुटकारा मिलता है और वो नई और यूनिक तस्वीरें हासिल कर लेता है. इस नई चाल से वह यूजर्स की उन फैमिली फोटो भी हासिल करने में कामयाब रहा जो पहले उसे कभी ऑनलाइन नहीं मिलती.

यूजर्स के लिए खतरे क्या हैं?

Luiza Jarovsky ने कई बड़े डिजिटल खतरे की ओर इशारा किया है. नीचे आपको इन खतरों के बारे में डिटेल्स में बताते हैं.

डेटा लीक: अगर OpenAI का सिस्टम हैक हुआ तो आपकी पर्सनल इमेज लीक हो सकती हैं.

AI का गलत इस्तेमाल: आपकी तस्वीरों से फर्जी या बदनाम करने वाला कंटेंट बनाया जा सकता है.

कमर्शियल यूज़: आपकी इमेज पर्सनलाइज्ड ऐड्स के लिए इस्तेमाल हो सकती हैं या थर्ड पार्टी को बेची जा सकती हैं.

OpenAI की प्राइवेसी पॉलिसी कहती है कि यूजर डेटा मॉडल ट्रेनिंग के लिए यूज हो सकता है, जब तक आप ऑप्ट-आउट न करें. लेकिन लंबे वक्त में इसका क्या असर होगा, यह साफ नहीं है.

बाकी AI फिल्टर्स से कितना अलग?

कुछ लोग कहते हैं कि ये Ghibli इफैक्ट TikTok या Snapchat के फिल्टर्स जैसा ही है. जहां बाकी AI टूल्स पूरी तरह नई इमेज बनाते हैं. यह टूल मौजूदा फोटो पर स्टाइल अप्लाई करता है. लेकिन प्राइवेसी एडवोकेट्स का तर्क है कि फर्क यह है कि OpenAI आपकी ओरिजिनल तस्वीरें स्टोर कर सकता है और उन्हें ट्रेनिंग के लिए यूजज कर सकता है. जबकि बाकी प्लेटफॉर्म्स ऐसा नहीं करते.

OpenAI को फायदा क्या?

नया डेटा: सोशल मीडिया पर पहले से मौजूद इमेज की बजाय OpenAI को फ्रेश फेसियल डेटा मिल रहा है.

कानूनी आसानी: यूजर कंसेंट की वजह से वेब स्क्रैपिंग के नियमों से बच जाती है.

मॉडल अपग्रेड: यूनिक इमेजेस से AI की क्वालिटी और बेहतर हो सकती है.

सोशल मीडिया कंपनियां सिर्फ आपकी “Ghiblified” वर्जन वाली इमेज देखती हैं, लेकिन OpenAI के पास आपकी ओरिजिनल फोटो रहती है.

हमेशा से सवालों में रहा है OpenAI

आपको बता दें कि OpenAI पर पहले भी प्राइवेसी को लेकर सवाल उठ चुके हैं. भारत में भी OpenAI के खिलाफ प्राइवेसी उल्लंघन के मामले केस इस साल की शुरुआत में दायर किए गए हैं. दुनियाभर में भी OpenAI को प्राइवेसी और कॉपीराइट के मुद्दे पर मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है.

यूजर्स को क्या करना चाहिए?

OpenAI ने अभी तक इन चिंताओं पर जवाब नहीं दिया है. लेकिन एक्टिविस्ट्स सलाह दे रहे हैं कि कुछ समय के मजे के लिए अपनी प्राइवेसी से समझौता न करें. अगर आप इस टूल को यूजज करना चाहते हैं, तो पुरानी या कम पर्सनल तस्वीरें अपलोड करें.

इसके अलावा OpenAI की सेटिंग्स में ऑप्ट-आउट ऑप्शन चेक करें और कंपनी की प्राइवेसी पॉलिसी को ध्यान से पढ़ें. यह Ghibli-style AI टूल मजेदार है, लेकिन इसके पीछे डेटा कलेक्शन की कहानी यूजर्स को सोचने पर मजबूर कर रही है. हालांकि, इसको लेकर कंपनी ने ऑफिशियली कोई सफाई नहीं दी है लेकिन यूजर्स को सोच-समझकर ही इसे ट्राई करने की सलाह दी गई है.

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Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं.

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