इंदौर के डीसीपी को करना चाह रहे थे ‘डिजिटल अरेस्ट’, वर्दी में देख ठगों की बोलती बंद, फिर हुआ कुछ ऐसा

Updated on 26-Nov-2024

देशभर में डिजिटल अरेस्ट के लगातार मामले सामने आ रहे हैं. लोगों को नकली पुलिस, सीबीआई या कोई और अधिकारी बनकर डिजिटल अरेस्ट का शिकार बनाया जाता है. फिर उनसे लाखों रुपये की ठगी की जाती है. इसको लेकर हर रोज शिकायत दर्ज करवाई जा रही है. अब ऐसा मामला सामने आया है जिसमें डिजिटल ठगों का सामना असली पुलिस से हो गया.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, घटना एमपी के इंदौर की है. कल यानी 24 नवंबर को असली पुलिस वाले को डिजिटल अरेस्ट करने की कोशिश की गई. लेकिन जैसा ठगों का पाला असली पुलिस वाले से पड़ा उनकी सिट्टी-पिट्टी गायब हो गई और उनका पूरा दांव-पेंच धड़ा का धड़ा रह गया. आइए आपको पूरा मामला बताते हैं.

कल दोपहर लगभग 2 बजे इंदौर के एडिश्नल डीसीपी राजेश दंडोतिया प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनको एक फोन कॉल आता है. फोन चेक करने पर पता चला किसी अनजान नंबर से कॉल आ रहा है. अनजान नंबर से आने वाली कॉल को उन्होंने उठा लिया. उसने बताया कि वह एक बैंक का कस्टमर केयर अधिकारी बोल रहा है.

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‘मुंबई पुलिस में केस ट्रांसफर किया जाएगा’-स्कैमर

उसने आगे बताया कि उन्होंने मुंबई में क्रेडिट कार्ड बनवाया था. जिस पर 1 लाख रुपये बाकी है. उसने यह भी बताया कि कार्ड का मिसयूज किया जा रहा है. एडिश्नल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि उन्होंने ऐसा कोई भी क्रेडिट कार्ड मुंबई में नहीं बनवाया. इसके बाद उनपर फोन कॉल करने वाले ने प्रेशर डालना शुरू किया. वह उन्हें इसे स्वीकार करने के लिए कह रहे थे अन्यथा मुंबई पुलिस को शिकायत करने की बात कह रहे थे.

कुछ देर बार मुंबई पुलिस को शिकायत ट्रांसफर कर दी गई. इसके बाद उन्हें एक और कॉल आता है. जिसमें कॉल करने वाला अपने आपको क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताते हुए 2 घंटे में मुंबई पहुंचने के लिए कहता है. ऐसा ना कर पाने की स्थिति में वीडियो कॉल पर स्टेटमेंट देने के लिए कहा जाता है.

वर्दी में देख तुरंत काटा कॉल

जब पुलिस अधिकारी दंडोतिया के पास वीडियो कॉल आता है तो सामने वाला खुद को मुंबई पुलिस कमिश्नर बताता है. इसके जवाब में वह कहते हैं कि वे भी पुलिस अफसर है. इस पर कॉल करने वाला स्कैमर पूछता है कि इतनी मीडिया क्यों बुला रखी है तो उन्होंने कहा ताकि आम लोगों से ठगी का वीडियो रिकॉर्ड हो सके और सभी तक पहुंच सके. इस दौरान जब उसने देखा कि उसके सामने असली वर्दी में पुलिस वाला बैठा है तो उसने कॉल काट दिया.

साइबर फ्रॉड को किस तरह अंजाम दिया जाता है उसको पूरा रिकॉर्ड कर लिया गया. आपको बता दें कि ऐसी घटना काफी घट रही है जहां कॉल करने वाला अपने आप को अधिकारी बताकर फ्रॉड करने की कोशिश करता है. आप ऐसे स्कैमर्स से सावधान रहें.

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Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं.

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