शायद आपको पता नहीं होगा की, भारत में भी ऐसी कई बढ़िया टेक्नोलोजी बनाई गई, जो अपने आप में ही बहूत खास थी, और जिस टेक्नोलोजी की वज़ह से भारत का रुप ही बदल गया है. आइये जानते है, आखिर कौनसी है वो टेक्नोलोजी…
थोरियम आधारित परिमाणु रिअॅक्टर्स
सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी ऑथोरिटी के रिपोर्ट नुसार, भारत की इलेक्ट्रीसिटी से केवल 2% न्यूक्लिअर पॉवर उत्पादित की जा रही थी. यह प्रमाण अन्य देशों की तुलना में बहूत की कम था, इसकी वजह से भारत मे थोरिअम आधारित परिमाणु रिअॅक्टर्स लाया गया.
सामान्य दवाइयाँ
युएस, युरोप जैसे जागतिक फार्मासिटीकल कंपनियों के लिए भारत की सामान्य दवाइयाँ न केवल देश के लिए बल्कि पूरे दुनिया के लिए उत्पादित की जाती है. क्योंकि यहाँ बनने वाली दवाईयों की कीमत अन्य देशों की तुलना काफी सस्ती होती है. इसकी वजह से युएस औऱ यूरोप भारतीय दवाईयों की बढ़ती सेल रोकने का प्रयत्न कर रही है, लेकिन अब तक कोई भी देश इसमें सफल नहीं हो पाया है.
प्लास्टिक सड़के
Central Pollution Control Board (CPCB) सर्वेनुसार, देश के 60 से भी अधिक शहरों मे प्रति दिन 15,000 टन्स खराब प्लास्टिक होता है, जिसमें से 6000 टन्स से भी अधिक प्लास्टिक जमा किया नहीं जाता, जिसकी वजह से हमें हवा प्रदूषण से लेकर अन्य प्रदूषण का सामना करना पड़ता है. इसके लिए अब भारत ने ऐसी तकनीक निकाली है, जिससे इस बेकार प्लास्टिक को छोटे तुकडों बाट़कर उसें टार में मिलाकर उसका इस्तेमाल लंबे समय तक चलने वाले सड़के और हायवे बनाने में इस्तेमाल करेंगे.
भारतीय नौसेना
भारतीय नौसेना के लगने वाली फायटर प्लेन्स, पाणबुडी ये चीजें ज्यादातर भारत ने ही बनाई हुई है, रिपोर्टनुसाप, 90% शिप का डिझाईन, बिल्ट यह ज्यादातर भारत में ही बनाई हुई है. भारत ने बनाई हुई 4 शिप्स में से 2 पहले से ही इस्तेमाल हो चुकी है और बची दो शिप्स जल्द शुरु की जाएगी ऐसा कहा जा रहा है जिसमें से एक 2016 के अंत तक की जाएगी और दूसरी 2017 तक की जाएगी.
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