दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट बाज़ार बना भारत
जैसा कि सभी जानते हैं कि चीन दुनिया का अपने 721M यूजर्स के साथ सबसे बड़ा इंटरनेट बाज़ार है. और इन यूजर्स ने निरंतर इजाफ़ा हो रहा है इसके साथ ही आपको बता दें कि अब भारत भी इस रेस में अपने आप को शामिल कर चुका है और अपने लगभग 333M यूजर्स के साथ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट बाज़ार बना गया है.
जैसा कि सभी जानते हैं कि चीन दुनिया का अपने 721M यूजर्स के साथ सबसे बड़ा इंटरनेट बाज़ार है. और इन यूजर्स ने निरंतर इजाफ़ा हो रहा है इसके साथ ही आपको बता दें कि अब भारत भी इस रेस में अपने आप को शामिल कर चुका है और अपने लगभग 333M यूजर्स के साथ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट बाज़ार बना गया है. और इसने अब US को भी पीछे छोड़ दिया है. ये आंकड़े कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट बाज़ार बना गया है, संयुक्त राष्ट्र संघ की एक रिपोर्ट से सामने आये हैं.
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इसके साथ ही जैसा कि मैं ऊपर भी आपको बता चुका हूँ और UN ब्रॉडबैंड कमीशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट ने कहा है कि भारत US को पछाड़ कर अपने लगभग 260M मोबाइल ब्रॉडबैंड यूजर्स के साथ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट बाज़ार बना गया है.
UN की एक रिपोर्ट जिसे "The State of Broadband 2016" नाम से प्रकाशित किया गया है, इसके अनुसार, दुनिया के टॉप 10 देश जो इंटरनेट पर सबसे ज्यादा निवेश करते हैं वह एशिया और मध्य पूर्व के देश हैं.
साउथ कोरिया इस मामले में 98.8% के साथ सबसे आगे है, इसके बाद Qatar (96%) और संयुक्त अरब अमीरात (95%) के साथ आते हैं.
इसके अलावा एशिया के कुछ देश इस मामले में लगभग 48% एक्टिव ब्रॉडबैंड सब्सक्रिप्शन के साथ आते हैं इसमें सिंगापुर आता है जहां 100 लोगों पर 142 सब्सक्रिप्शन देखें गए हैं. और इसके बाद फिनलैंड आता है जिसका आंकड़ा अगर देखें तो वह 144 है.
हालाँकि इसके अलावा अगर एक व्यक्ति द्वारा इंटरनेट की खपत पर अगर गौर करें तो यूरोपीय देशों ने अभी भी बाज़ी अपने नाम कर रखी है.
अगर आंकड़े पर गौर करें तो आइसलैंड अपने 98.2% ऐसे लोगों के साथ पहले स्थान पर बना हुआ है जो सबसे अधिक इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं. इसके बाद Luxembourg आता है, जो अपने 97.3% लोगों के साथ कुछ ही पीछे है. इसके अलावा अन्य देश जहां सबसे ज्यादा इंटरनेट का इस्तेमाल किया जाता है वह सभी यूरोप के ही हैं. हालाँकि साउथ कोरिया एक यूरोपीय देश नहीं है.
इसके अलावा इस रिपोर्ट से यह भी सामने आया है कि लगभग 91 देश ऐसे हैं जहां लगभग 50% जनता ही ऑनलाइन हो पाई है. हालाँकि अगर 2014 की एक अन्य रिपोर्ट पर ध्यान दें तो लगभग सभी देश यूरोप के ही थे जो इस रिपोर्ट में शामिल किये गए थे, इसके साथ ही अगर आपको एक अन्य तथ्य से रूबरू करायें तो कहा जा सकता है कि बहराइन इस लिस्ट में सातवें स्थान पर था और जापान नौवें स्थान पर, और ये दोनों ही देश यूरोप के नहीं है.
इसके साथ ही इस रिपोर्ट ने इशारा किया है कि आने वाले समय में भारत और इंडोनेशिया इंटरनेट के बढ़ते प्रचार प्रसार के सबसे बड़े केंद्र बनने वाले हैं, यानी ये दो देश इंटरनेट का भविष्य होने वाले हैं. इसके अलावा एक आंकड़ा यह भी कहता है कि आज भी दुनिया के लगभग 3.9bn लोग इंटरनेट कि पहुँच से काफी दूर हैं. इन तक भी इंटरनेट पहुंचना जरुरी है.
आपको बता दें कि दुनिया में लगभग 6 देश- चीन, भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और नाइजीरिया में अभी भी दुनिया की जनसंख्या का लगभग 55% ऑफलाइन है. ये एक बुरी खबर की ओर इशारा है.
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