बिजली अब सबकी जरूरत है. इसके बिना घर के कई काम अटक जाते हैं. रेफ्रिजरेटर से लेकर हीटर तक बिजली की वजह से चल पाते हैं. यहां तक की मोबाइल चार्ज करने के लिए भी बिजली की ही जरूरत होती है. लेकिन, कई बार बिजली बिल हमको परेशान कर सकते हैं. कई बार लोगों का बिजली बिल असामान्य रूप से बढ़ जाता है.
इसकी एक वजह खराब या तेजी से चलने वाला बिजली मीटर हो सकता है. भारत में बिजली की दरें अलग-अलग होती हैं. रीजन के आधार पर प्रति यूनिट 7 रुपये से 9 रुपये तक खर्च आता है. बिजली इस्तेमाल जैसे-जैसे बढ़ता है, खर्च भी बढ़ता जाता है. खपत पर नजर रखने के लिए बिजली विभाग हर घर में मीटर इंस्टॉल करता है. हालांकि, अगर कोई मीटर सामान्य से तेज चलता है तो कम बिजली के इस्तेमाल के बावजूद ज्यादा बिल आ सकता है.
अगर आपको शक है कि आपका बिजली मीटर ज्यादा बिल का कारण बन रहा है तो आपको यहां पर कुछ तरीके बता रहे हैं. इससे आप बिजली मीटर की एक्यूरेसी को वेरिफाई कर सकते हैं. यानी आपको पता चल जाएगा आपका मीटर ठीक चल रहा है या नहीं. इसके लिए आपको मीटर के साथ कोई छेड़खानी नहीं करनी है. ऐसा करना कानून अपराध है. आप दूसरे तरीके से मीटर की एक्यूरेसी चेक कर सकते हैं.
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इसके लिए आप घर के सभी बिजली के उपकरणों को बंद कर दें. इसके बाद शुरुआती मीटर रीडिंग को नोट कर लें. इसके बाद आपको 1,000-वॉट के डिवाइस को एक घंटे तक चलाना है. इसके लिए आप 100-वॉट के आयरन, मोटर, हीटर या गीजर का इस्तेमाल कर सकते हैं. ठीक एक घंटे के बाद आप दोबारा मीटर रीडिंग करें.
अगर इस दौरान 1 यूनिट (1 किलोवाट-घंटा) का डिफरेंस का मतलब है कि आपका मीटर सही काम कर रहा है. अगर रीडिंग ज्यादा है तो मीटर तेज चल रहा है. वहीं, अगर यह कम है तो इसका मतलब है कि मीटर स्लो काम कर रहा है.
आपको बता दें कि यह तरीका केवल एक अनुमानित रिजल्ट देता है. सटीक टेस्टिंग के लिए अपने बिजली प्रोवाइडर्स से कॉन्टैक्ट करें. इस तरीके से आपको मीटर के तेज या स्लो होने का एक अनुमान मिल जाता है. अगर आपको लगता है कि आपका मीटर खराब है तो आप बिजली विभाग में कम्प्लेंट कर सकते हैं.
आपकी रिक्वेस्ट पर बिजली विभाग के कर्मचारी ऑफिशियल टेस्टिंग के लिए आपके घर आएंगे. फिर बिजली मीटर की जांच करके आपको रिजल्ट बताएंगे. हालांकि, कई जगहों पर इसके लिए एक मामूली चार्ज लग सकता है. इससे आप भविष्य में ज्यादा बिल आने को रोक सकते हैं.
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