Apple iPhones अपने टॉप-क्लास सिक्योरिटी फीचर्स के लिए जाने जाते हैं. इसकी वजह से चोरों के लिए एक मुश्किल टारगेट बन जाते हैं. लेकिन इतनी टाइट सिक्योरिटी के बावजूद भी लगभग हर रोज iPhone चोरी की खबरें सामने आती रहती हैं. ऐसे में आपके मन में भी सवाल उठता होगा कि चोरी हुए iPhones का क्या होता है?
कई लोगों के मन सवाल आता होगा जब Apple का इकोसिस्टम ट्रैकिंग और एक्सेस को इतना मुश्किल बना देता है, तो उन्हें कैसे अनलॉक और इस्तेमाल किया जाता है? इस आर्टिकल में हम आपको ब्लैक मार्केट की सच्चाई बताएंगे. इसके साथ आप यह भी जान पाएंगे कि इन चोरी हुए स्मार्टफोन्स को इस्तेमाल और डिसअसेंबल कैसे किया जाता है.
आपको बता दें कि ज्यादातर चोरी हुए iPhones का सीधे इस्तेमाल या लोकल मार्केट में नहीं बेचा जाता. इसकी जगह इन फोन को अंडरग्राउंड ब्लैक मार्केट (चोर बाजार) में पहुंचा दिया जाता है. यह मार्केट आम खरीदारों और अथॉरिटीज की पहुंच से दूर होते हैं. आपको बता दें कि iPhones सहित चोरी हुए इलेक्ट्रॉनिक्स का दुनिया का सबसे बड़ा ब्लैक मार्केट चीन के शेन्ज़ेन में बताया जाता है.
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इसके अलावा युआनवांग डिजिटल मॉल और लुओहू कमर्शियल सिटी जैसे मार्केट चोरी हुए फोन के व्यापार के लिए बदनाम हब माने जाते हैं. ये मार्केट्स फोन के पार्ट्स को डिसअसेंबल और बेचने में अपनी एक्सपर्टीज के लिए जाने जाते हैं. जिसकी वजह से डिवाइसे अनट्रेसेबल हो जाते हैं.
इन मार्केट्स में iPhones को डिसअसेंबल किया जाता है. इसके बाद उनके पार्ट्स अलग-अलग बेचे जाते हैं. इस तरीके से यह सुनिश्चित होता है कि फोन को Apple के सिक्योरिटी सिस्टम के जरिए ट्रैक या लॉक नहीं किया जा सकता है. यूनाइटेड स्टेट्स ट्रेड रेप्रेजेंटेटिव ऑफिस की एक रिपोर्ट के अनुसार, चोरी हुए iPhones को अक्सर समुद्री रास्तों से शेन्ज़ेन तक स्मगल किया जाता है.
ये ऑपरेशन बहुत सीक्रेट होता है, जिससे अथॉरिटीज के लिए इन एक्टिविटी को ट्रेस करना मुश्किल हो जाता है. हालांकि कई ब्लैक-मार्केट एक्सपर्ट्स स्मार्टफोन सिक्योरिटी को बायपास कर सकते हैं. iPhones एक्सेप्शनली सिक्योर होते हैं जिससे फंक्शनल डिवाइसेज के रूप में रीसेल के लिए उन्हें अनलॉक करना लगभग नामुमकिन हो जाता है.
अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय ने इस साल की शुरुआत में खुलासा किया था कि चीन नकली और चोरी के सामान का सबसे बड़ा व्यापारी है. शेन्ज़ेन इस अवैध व्यापार में अपना दबदबा बनाया हुआ है. जिसमें चोरी हुए मोबाइल और उनके पार्ट्स की महत्वपूर्ण भूमिका है.
Apple के हाई-टेक सिक्योरिटी फीचर्स जैसे एक्टिवेशन लॉक और Find My iPhone, चोरों के लिए चोरी हुए डिवाइसेज का इस्तेमाल करना मुश्किल बना देते हैं. हालांकि, ये कुछ हद तक यूजर्स को सेफ्टी देते हैं. इसकी वजह से ही iPhones को डिसअसेंबल और एक्सपोर्ट करने के अंडरग्राउंड इंडस्ट्री का जन्म हुआ.
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