कौन थे राजा ‘Bluetooth’ जिन पर रखा गया इस टेक्नोलॉजी का नाम? काफी रोचक है इतिहास

Updated on 24-Dec-2024

Bluetooth आज के समय में लगभग हर जगह है. वायरलेस ईयरबड्स से लेकर स्मार्ट होम डिवाइस तक, आपके मोबाइल फोन से लेकर कीबोर्ड-माउस तक. लेकिन, क्या आपको पता है कि Bluetooth का नाम कैसे पड़ा? यह अजीब का नाम देने के पीछे क्या कारण हो सकता है? आइए आपको Bluetooth की हिस्ट्री बताते हैं.

आगे बढ़ने से पहले आप समझ लें कि Bluetooth दूसरे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज के साथ ‘चैट’ करने के लिए रेडियो फ़्रीक्वेंसी का इस्तेमाल करता है. यह एक स्टैंडर्ड टीवी रिमोट में इन्फ्रारेड टेक्नोलॉजी की तुलना में काफी ज्यादा एडवांस्ड है. यह केवल डायरेक्ट लाइन ऑफ साइट के साथ जानकारी ट्रांसफर कर सकता है.

यह एक्स्ट्राऑर्डिनरी वायरलेस टेक्नोलॉजी दो डिवाइसेज के बीच कम्युनिकेशन और पेयर्ड डिवाइसेज के बीच डेटा और फाइल्स को शेयर करने की परमिशन देती है. आम तौर पर, पेयर्ड डिवाइसेज के बीच ब्लूटूथ के लिए मैक्सिमम दूरी लगभग 100 फीट होती है. हालांकि, इसमें यह भी डिपेंड करता है कि उन डिवाइसेज के बीच किस तरह की दीवारें और ऑब्जेक्ट्स हैं.

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लेटेस्ट Bluetooth टेक्नोलॉजी में ब्लूटूथ लॉन्ग रेंज या कोडेड PHY नया मोड है. इसे 1 किलोमीटर तक ट्रैवल करते हुए दिखाया गया है. लगातार हो रहे अपग्रेड से यह बात साफ है कि Bluetooth हमारे जीवन का हिस्सा लंबे समय तक रहने वाला है. लेकिन, इतनी अहम टेक्नोलॉजी का नाम कैसे पड़ा?

Bluetooth की हिस्ट्री

साल 1994 में डॉ. जाप हार्टसन को Ericsson ने एक शॉर्ट-लिंक रेडियो टेक्नोलॉजी खोजने और विकसित करने का काम सौंपा गया था. काफी रिसर्च के बाद आखिरकार डॉ. हार्टसन 2.4GHz पर UHF रेडियो तरंगों का उपयोग करने वाली तकनीक बनाने में सक्षम हो गए. इस टेक्नोलॉजी को मानक बनाने के लिए Ericsson ने Nokia और Intel के साथ मुलाकात की.

अभी तक इसका नाम नहीं पड़ा था. इस मीटिंग के दौरान Intel के जिम कार्डुच ने नॉर्स इतिहास में अपनी रुचि से प्रेरणा लेते हुए अस्थायी कोड नाम किंग हेराल्ड ब्लूटूथ के नाम पर Bluetooth सजेस्ट किया. आपको बता दें कि हेराल्ड ‘ब्लूटूथ’ गॉर्मसन 958 और 986 CE के बीच डेनमार्क के राजा थे.

राजा ‘Bluetooth’ की कहानी

राजा का उपनाम उनके सड़े हुए दांत के कारण सामने आया जो एक प्रिस्टीन सफेद से ग्रेश नीले रंग में बदल गया था. blå का अर्थ नीला, tand का अर्थ दांत. राजा हेराल्ड ब्लूटूथ न केवल अपने नीले दांत के लिए बल्कि स्कैंडिनेवियाई कबीले को एक राज्य में यूनाइट करने के अपने काम के लिए भी जाने जाते थे.

राजा हेराल्ड ब्लूटूथ ने स्कैंडिनेविया में सबसे पुराने ज्ञात पुल, रेवनिंग ब्रिज के निर्माण का भी आदेश दिया था. रेवनिंग ब्रिज यानी एक जगह से दूसरी जगह आसानी से कनेक्टिविटी. इस वजह से Intel के जिम कार्डुच इस कोडनेम को सुझाया था. जिसे बाद में इसी नाम के साथ पेश कर दिया गया.

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Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं.

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