फिर एक्टिव हुए हैकर्स, Bluetooth का इस्तेमाल करके हैक कर रहे मोबाइल, ये गलती पड़ेगी भारी

Updated on 13-Dec-2024

Bluetooth स्मार्टफोन का एक जरूरी फीचर बन चुका है. इससे ही ईयरबड्स से लेकर स्मार्टवॉच तक कनेक्ट रहते हैं. लेकिन, Bluetooth इस्तेमाल के दौरान एक छोटी-सी लापरवाही आपको काफी भारी पड़ सकती है. आपके मोबाइल का सारा डेटा हैकर्स तक पहुंच सकता है. इसकी वजह से बैंकिंग डिटेल्स और दूसरी पर्सनल जानकारी भी हैकर्स चुरा सकते हैं.

इसकी वजह इसका डिस्कवरी मोड में छोड़ना हो सकता है. कई लोग फोन के Bluetooth को पेयरिंग या डिस्कवरी मोड में ही छोड़ देते हैं. इससे आपका फोन लगातार दूसरे डिवाइस से Bluetooth के जरिए कनेक्ट होने के लिए स्कैन करता रहता है. इस फीचर का फायदा ही हैकर्स उठाते हैं.

इस तरह की हैकिंग को BlueBugging के नाम से जाना जाता है. BlueBugging आपके डिवाइस का एक्सेस हैकर्स तक पहुंचा सकता है. ब्लूटूथ से हैकिंग केवल BlueBugging ही नहीं बल्कि Bluesnarfing और Bluejacking के जरिेए भी हो सकती है. इन टेक्निक का इस्तेमाल करके हैकर्स आपके डिवाइस का एक्सेस ले सकते हैं.

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क्या है हैकर्स का हथियार BlueBugging?

BlueBugging के जरिए हैकर्स आपके डिवाइस तक आसानी से पहुंच सकते हैं. हालांकि, इसको रोका जा सकता है. लेकिन, सेफ्टी टिप्स जानने से पहले समझ लीजिए BlueBugging क्या होता है. BlueBugging के जरिए हैकर्स ब्लूटूथ कनेक्शन की मदद से टारगेट डिवाइस से कनेक्ट होते हैं.

कनेक्ट करने के लिए डिवाइस की डिटेल्स को अल्टर कर दिया जाता है. इससे उन्हें कनेक्शन में मदद मिलती है. टारगेट डिवाइस तक पहुंच जाने के बाद वायरस या खतरनाक मैलवेयर को इंस्टॉल कर दिया जाता है. इस मैलवेयर की मदद से यूजर्स की सारी डिटेल्स हैकर्स तक पहुंच जाती है. इसके जरिए यूजर की फोन कॉल भी हैकर्स आसानी से एक्सेस कर सकते हैं.

ऐसे रहें BlueBugging से सेफ

BlueBugging के जरिए आपके डिवाइस का एक्सेस पाने के लिए हैकर्स को रेंज में होना जरूरी है. इस वजह से ज्यादातर पब्लिक जगहों पर ऐसी हैकिंग को अंजाम दिया जाता है. इससे बचने के लिए काम ना होने के समय Bluetooth को बंद रखने की सलाह दी जाती है. खासतौर पर पब्लिक प्लेस पर Bluetooth को पेयरिंग मोड में ना रखें.

इसके अलावा किसी भी अनजान Bluetooth कनेक्शन को एक्सेप्ट ना करें. फोन के सॉफ्टवेयर को हमेशा लेटेस्ट सिस्टम या सिक्योरिटी अपग्रेड करते रहें. अगर पुराने डिवाइस आपके फोन से पेयर्ड हैं तो उसको रिमूव कर दें और इस लिस्ट को जरूर समय-समय पर रिव्यू करते रहें.

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Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं.

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