ऑनलाइन लूट की घटना में हैकरों ने 100 बैंकों से $1 बिलियन से अधिक रकम चोरी की।

Updated on 26-Feb-2015
HIGHLIGHTS

हैकर बैंक के कर्मचारियों और निगरानी प्रणाली को प्रभावित करने के लिए मालवेयर का उपयोग करते है ताकि वे अपने चोरी के कार्य को अंजाम दे सके|

[अद्यतन 04:13 शाम] कास्परस्काई ने बैंक हैक से संबंधित रिपोर्ट जारी किया है और यह भी बताया है कि बैंक के किसी पीसी के संक्रमित होने का पता कैसे लगाए।  
[वास्तविक कहानी]:

हैकिंग अपराध के अभी तक ज्ञात घटनाओं में, रूस, चीन और यूरोप के साइबर अपराधियों ने 30 देशों के लगभग 100 बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से करीब $1 बिलियन राशि चुरा लिया। कास्परस्काई द्वारा जारी किए गए रिपोर्ट के अनुसार, हैकरों ने वर्ष 2013 से चोरी की घटनाओं को अंजाम देना शुरू किया, और वे अभी भी ऐसा कर रहे है। कास्परस्काई ने न्यू यॉर्क टाइम्स में रिपोर्ट की एक शुरूआती प्रतिलिपि प्रकाशित किया है, और आशा की रही है कि कंपनी आज रात शुरू हो रहे अपने सुरक्षा सम्मेलन में सामान्य जनता के लिए पूरी रिपोर्ट पेश करेगी। 

कास्परस्काई ने हैकरों के समूह को कारबनक के नाम से संबोधित किया है, जो ईमेल के माध्यम से बैंक के कर्मचारियों को मालवेयर भेजता है, जिसमें मालवेयर का लिंक और विडियो शामिल होता है, और यह कर्मचारियों के कंप्यूटर और कंपनी की निगरानी प्रणाली को संक्रमित करता है। उसके बाद, हैकर कंपनी के सिस्टम से संवेदनशील आकड़ों को रिकॉर्ड करता है और इसका उपयोग अपने जाली खातों में पैसे का स्थानांतरण करने के लिए करता है या एटीएम को किसी विशेष समय पर स्वत: ही नकदी राशि प्रदान करने के लिए निर्देशित करता है ताकि वे लोग पैसे को उस विशेष एटीएम से प्राप्त कर सके। 

इसके बावजूद कि अपराध का दायरा विशाल है और संबंधित पक्षों को कास्परस्काई द्वारा अपने निष्कर्षों से अवगत कराने के बाद भी, किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान ने आगे आकर चोरी की घटना को स्वीकार नहीं किया है। प्रभावित बैंकों में यूएस, जापान, जर्मनी, रूस, यूक्रेन, चीन, कनाडा और कुछ यूरोपीय देशों के बैंक शामिल है। भारतीय बैंकों का उस सूची में शामिल नहीं होने की संभावना है, हालांकि यह स्थिति कास्परस्काई द्वारा आज रात अपने रिपोर्ट को प्रकाशित करने से स्पष्ट हो जायेगी।  

Nikhil Pradhan

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