एंड्रॉयड का भविष्य है नेक्सस प्लेयर

Updated on 17-Nov-2014

नेक्सस लाइन के प्रोडक्ट के लिए अब तक जो अच्छी छवि बनी थी, वह केवल इसके टैबलेट और स्मार्टफोन के कारण थी। नेक्सस का यह प्लेयर उस छवि को धूमिल करने के समान है।

नेक्सस 6 और नेक्सस 9 के स्मार्टफोन ने नेक्सस के लिए बाजार में जो छवि बनाई थी, नेक्सस प्लेयर उसे एक झटके में तोड़ता हुआ नजर आता है। नेक्सस एंड्रॉयड, टीवी प्लेटफॉर्म पर काम करनेवाला पहला डिवाइस था। इसके जरिए होम एंटरटेनमेंट पर अपना आधिपत्य स्थापित करने का गूगल का यह तीसरा प्रयास है। इससे पहले गूगल टीवी और क्रोमकास्ट, दोनों ही उपभोक्ताओं को लुभा पाने में बुरी तरह तरह असफल रहे हैं। 

डिवाइस की कुछ खास खूबियां

4.7 इंच डायमीटर में नेक्सस प्लेयर डिवाइस एक प्रकार का राउंड डिस्क है। बहुत हद तक यह माइक्रोसॉफ्ट एचडी-10 से मिलता-जुलता है। इसके साथ एक छोटा रिमोट भी है। इस रिमोट की मदद से प्लेयर का वॉयस कंट्रोल एक्टिवेट किया जा सकता है। इसके साथ अगर आप चाहें, तो इस प्लेयर के साथ अलग से गेमपैड भी खरीद सकते हैं। हालांकि यह गेमपैड प्लेयर के साथ नहीं आता और उसे खरीदना भी ऑप्शनल है। 1.8 गीगा हर्ट्ज क्वैड-कोर इंटेल एटॉम प्रोसेसर के साथ आने वाला यह डिवाइस एचडीएमआई इनपुट और आउटपुट पर भी काम कर सकता है।

एक साथ सारे कंटेट दिखाने के साथ यह आपको कस्टमाइज्ड कंटेट का ऑप्शन भी देता है ताकि सर्च में बर्बाद होने वाला समय बचाया जा सके। गूगल ने प्लेयर की कीमत 99 डॉलर रखी है जबकि इसके गेम कंट्रोलर की कीमत 39 डॉलर है।

प्लेयर के कंटेट नेटफिक्स, हुलु प्लस, यूट्यूब, ब्लूमबर्ग टीवी, डेलीमोशन, वेवो, रेडबुल टीवी आदि से या एप्स से भी लिए जा सकते हैं। एक अतिरिक्त सुविधा में, एंड्रॉयड टीवी को आपके फोन से भी कनेक्ट किया जा सकता है जिसमें नेक्सस प्लेयर की मदद से आप एंड्रॉयड गेम को अपने टीवी पर भी खेल सकते हैं।

डिवाइस का मेल

एप्पल टीवी और और अमाजोन फायर टीवी की तरह गूगल के लिए एंड्रॉयड टीवी एक प्रकार से पहली बड़ी चुनौती है। मजेदार बात यह है कि इनमें से कोई भी एंटरटेनमेंट सिस्टम उपभोक्ताओं को आकर्षित करने में कामयाब नहीं कहा जा सकता। फिर भी इस प्रकार के उपकरणों को बाजार में लाने का श्रेय इन्हें अवश्य जाता है।

एप्पल के आईओएस8 के ‘हैंडऑफ फीचर’ और गूगल के ‘एंड्रॉयड 5.0 लॉलिपॉप’ की तुलना करें, तो दोनों ही डिवाइस यूजर्स को एक काम बाधित किए बिना दूसरा काम शुरू करने की आजदी देते हैं। यहां तक इस तरह आप डिवाइस भी बदल सकते हैं। जैसे अगर आप नेक्सस प्लेयर पर टीवी देख रहे हों, उसे वहीं रोककर आप बाद में उसी जगह से मूवी देख सकते हैं।

एप्प्ल डिवाइस भी समान रूप से यह सुविधा देता है। अंतर बस एंड्रॉयड के अंदर आने वाले ज्यादा डिवाइसेस का है जिसमें आपको चुनने का विकल्प ज्यादा मिलता है। इसके अलावे अगर आईफोन, आईपैड और मैकबुक जैसे प्रोडक्ट्स को देखा जाए, तो एप्पल की तुलना में एंड्रॉयड कम कीमत का भी है।

अन्य

इसके अलावे भी नेक्सस की कुछ विशेषताएं उल्लेखनीय हैं। गूगल ‘एंड्रॉयड 5.0 लॉलिपॉप’ के साथ ही अपने प्रोडक्ट्स लाने की तैयारी कर रहा है। नेक्सस प्लेयर की बिक्री हो, या न हो लेकिन यह एंड्रॉयड का भविष्य माना जा रहा है। इसलिए मार्केट में इसका आना भी एक बड़ी बात मानी जा रही है। 
एप्पल का ‘हैंड्सऑफ फीचर’, ‘ओएसएक्स योजमाइट’ की सुविधाओं पर आधारित होगी। पर एप्पल के डिवाइस जो नॉन-एप्पल डिवाइस पर काम नहीं करते, की तुलना में नेक्सस प्लेयर में ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है और यह आईफोन पर भी काम करता है।

Prasid Banerjee

Trying to explain technology to my parents. Failing miserably.

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