गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है. गर्मी अभी भी से अपना भयंकर रूप दिखा रही है. मिड अप्रैल तक पारा और चढ़ने लगेगा. ऐसे में पुराने एयर कंडीशनर (AC) को सर्विस करवाना या नया AC खरीदना अब जरूरी हो गया है. हालांकि, ऑनलाइन आप Amazon-Flipkart से नया AC खरीद सकते हैं लेकिन, आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा.
नया AC खरीदने से पहले आपको कुछ रिसर्च करने की जरूरत है. आपको कमरे के साइज, इंस्टॉलेशन की जगह और कौन सा AC आपके लिए सही रहेगा, जरूर चेक कर लेना चाहिए. पहले AC को लग्जरी माना जाता था. लेकिन, अब यह काफी किफायती हो गए हैं. कम पैसे में भी आपको कई स्मार्ट फीचर्स मिल जाएंगे.
विंडो AC
विंडो AC को खिड़की या किसी मजबूत प्लेटफॉर्म पर फिक्स किया जाता है. इसमें सारे कंपोनेंट्स एक ही यूनिट में होते हैं, जिससे यह बड़ा तो लगता है, लेकिन कीमत में सस्ता पड़ता है. इसका इंस्टॉलेशन भी आसान है. आपको बस इसे खिड़की में फिट करना है और चालू करना है. मगर ड्रॉबैक है कि यह थोड़ा शोर करता है. अगर आपको आवाजज से दिक्कत नहीं और बजट टाइट है तो यह बढ़िया ऑप्शन है.
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स्प्लिट AC
स्प्लिट AC में दो हिस्से होते हैं. इनडोर यूनिट जो कमरे में ठंडक देती है और आउटडोर यूनिट जो बाहर गर्मी फेंकती है. इंस्टॉलेशन थोड़ा मुश्किल है. लेकिन यह शोर कम करता है और इसे लगाने के लिए खिड़की की जरूरत नहीं. यह स्टाइलिश भी दिखता है. लेकिन विंडो एसी से कीमत ज्यादा है तो बजट देखकर फैसला लें.
अगर आपने टाइप चुन लिया तो साइज का फैसला आसान हो जाता है. ज्यादातर लोग 1.5 टन का AC लेते हैं जो दिल्ली के मीडियम साइज कमरों (120-180 sq.ft.) के लिए परफेक्ट है.
गर्मी बढ़ रही है, तो AC चलाना मजबूरी है. लेकिन स्मार्ट तरीके से चुना गया AC आपके बिजली बिल को कंट्रोल में रख सकता है. AC खरीदते वक्त स्टार रेटिंग चेक करें. एसी में आपके पास 3 स्टार से 5 स्टार तक ऑप्शंस होते हैं.
3-स्टार AC: बिजली ज्यादा खाता है, लेकिन शुरुआती कीमत कम होती है. अगर आप AC दिनभर नहीं चलाते और नॉर्मल टेम्परेचर (24-26°C) पर रखते हैं, तो यह ठीक है.
5-स्टार AC: शुरू में महंगा पड़ता है, लेकिन बिजली की बचत लंबे वक्त में फायदा देती है. दिल्ली की गर्मी में अगर AC 8-10 घंटे चलता है, तो 5-स्टार ही बेस्ट है. इस वजह से बजट और इस्तेमाल के हिसाब से रेटिंग चुनें, ताकि कूलिंग भी मिले और जेब पर बोझ न पड़े.
आजकल ज्यादातर ACs पर “इन्वर्टर” टैग लगा होता है. तो क्या है यह इन्वर्टर टेक्नोलॉजी?
इन्वर्टर AC: इसमें कंप्रेसर की स्पीड अपने आप एडजस्ट होती है. मिसाल के तौर पर 1.5 टन का इन्वर्टर AC 0.5 टन से 1.5 टन तक की कूलिंग दे सकता है, बाहर के टेम्परेचर के हिसाब से. बिजली की बचत होती है, और यह शोर भी कम करता है. मगर यह महंगा आता है, खरीदने में भी और सर्विसिंग में भी.
नॉन-इन्वर्टर AC: यह फिक्स्ड स्पीड पर चलता है. 1.5 टन का मतलब हमेशा 1.5 टन की कूलिंग, चाहे जरूरत हो या न हो. बिजली ज्यादा खाता है और सस्ता होने के बावजूद लंबे वक्त में महंगा पड़ सकता है.
जहां गर्मी 40-45°C तक जाती है, इन्वर्टर AC बेहतर ऑप्शन है. यह बिजली बचाता है और कूलिंग को कंट्रोल करने की फ्लेक्सिबिलिटी देता है. लेकिन अगर बजट कम है, तो नॉन-इन्वर्टर भी काम चला सकता है.
फीचर्स और कीमत चेक करें: कंपनी की वेबसाइट और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म (Amazon, Flipkart) पर फीचर्स, कीमत, और डिस्काउंट्स अच्छे से देख लें. इन्वर्टर टेक्नोलॉजी, एयर प्यूरीफिकेशन या स्मार्ट फीचर्स चाहिए या नहीं,पहले डिसाइड कर लें.
डिलीवरी और इंस्टॉलेशन टर्म्स: ज्यादातर ऑनलाइन ब्रांड्स डिलीवरी फ्री देते हैं, लेकिन इंस्टॉलेशन के लिए अलग चार्ज होता है. यह पहले कन्फर्म कर लें, वरना बाद में एक्स्ट्रा खर्च हो सकता है.
वारंटी का ध्यान रखें: AC की ओवरऑल वारंटी (1-2 साल) चेक करें. कंप्रेसर (5-10 साल) और PCB (प्रिंटेड सर्किट बोर्ड) पर वारंटी अलग से देखें. ये पार्ट्स महंगे होते हैं तो लंबी वारंटी जरूरी है.
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