क्या हैक हो सकता है EVM? वोट डालने के बाद कैसे होती है गिनती, समझ लीजिए मशीन का पुर्जा-पुर्जा
EVM में दो यूनिट्स होते हैं
वोट स्टोर करने लिए अलग यूनिट
गलती से दब ना जाए रिजल्ट बटन, इसके लिए सेफगार्ड
अभी हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा के नतीजे आ रहे हैं. वोटों की गिनती जारी है. EVM के जरिए वोटों की गिनती चल रही है. कई बार EVM पर सवाल भी खड़े होते हैं लेकिन चुनाव आयोग ने साफ किया है इसे हैक नहीं किया जा सकता है. इन सबके बीच आपका जानना जरूरी है कि EVM आखिर काम कैसे करती है.
EVM में लोग वोट डालते हैं. इसके लिए आपको EVM पर अलग-अलग पार्टियों के चिह्न और चुनाव में खड़े उम्मीदवार के नाम दिख जाएंगे. इनके आगे एक नीला बटन होता है. इस बटन को दबाकर आप वोट डाल सकते हैं. यह तो हो गई ऊपर-ऊपर वाली बात. अब समझिए यह काम कैसे करती है.
EVM में दो यूनिट्स
EVM में दो यूनिट्स होती हैं. इसमें एक कंट्रोल यूनिट और एक बैलेट यूनिट होती है. बैलेट यूनिट के जरिए आप वोट डालते हैं. जबकि कंट्रोल यूनिट मतदान कराने वाले अधिकारी के पास होती है. इसमें ही वोट को स्टोर किया जाता है.
मतदान केंद्र पर वोटिंग खत्म होने के बाद पोलिंग अफसर कंट्रोल यूनिट पर लगे क्लोज बटन को दबाकर इसे बंद कर देते हैं. इसके बाद इसमें वोट नहीं पड़ सकता है. मतदान खत्म होने के बाद इसे अलग रख दिया जाता है. रिजल्ट के समय इसपर लिखे रिजल्ट बटन को प्रेस करना होता है.
हालांकि, यह गलती से पहले ना दब जाए इसके लिए सेफगार्ड भी होते हैं. सिक्योरिटी के लिए इसे सील कर दिया जाता है. इस सील को काउंटिंग वाले दिन ही खोला जाता है और रिजल्ट बटन दबाकर रिजल्ट की जानकारी ली जाती है.
काम करने के लिए बैटरी
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि मशीन में एक माइक्रोप्रोसेसर होता है. इसे केवल एक बार ही प्रोग्राम किया जा सकता है और उसे बदला नहीं जा सकता है. इसको चलाने के लिए इसमें 7.5-volt की एल्कलाइन पावर पैक यानी बैटरी होती है. इस तरह ईवीएम बिना बिजली के भी कहीं भी काम कर सकती है.
Sudhanshu Shubham
सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile