eSIM की हो रही हर तरफ चर्चा, देखें क्या होता है eSIM और कैसे करता है काम
Apple ने सबसे पहले 2017 में अपनी Apple Watch Series 3 के साथ eSIM पेश किया था। iPhone XS, iPhone XS Max और iPhone XR भी eSIM सपोर्ट के साथ आते हैं लेकिन इन सभी में एक फिजिकल ट्रे भी है।
इंटरनेट eSIM, इसके फायदे और नुकसान की जानकारी से भरा पड़ा है।
इस तकनीक को बेहतर ढंग से समझने में आपकी मदद करने के लिए हम आपके लिए इससे जुड़ी कुछ जानकारी लेकर आए हैं, जो आपको eSIM को समझने में मदद करने वाली है।
Apple भले ही eSIM तकनीक पेश करने वाला पहला न हो, साफ है कि यह कॉन्सेप्ट बाजार में मौजूद अन्य स्मार्टफोन्स को पछाड़ने के लिए काफी है। आजकल हम eSIM को लेकर बड़े पैमाने पर चर्चा सुन रहे है, जब से iPhone 14 Series लॉन्च हुई है, तब से यह चर्चा बेहद तेजी से बढ़ती ही जा रही है। आपको जानकारी के लिए बता देते है कि इस समय eSIM का इस्तेमाल ज्यादातर लोग दूसरे सिम के विकल्प के रूप में कर रहे हैं। ऐसा भी कह सकते है कि eSIM का इस्तेमाल सेकन्डेरी सिम के तौर पर किया जा रहा है, ऐसा भी कह सकते है कि हालांकि इसका इस्तेमाल सभी नहीं कर रहे हैं, लेकिन आने वाले समय में यह प्रथा भी बदलने वाली है।
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iPhone 14 के साथ eSIM के बदले में फिजिकल सिम ट्रे को पूरी तरह से छोड़ने के साथ, अन्य स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों के भी जल्द ही इस रेस में शामिल होने के आसार नजर आ रहे हैं। असल में आपको जानकारी के लिए बता देते है कि iPhone 14 से Physical SIM Tray को कंपनी की ओर से हटा दिया गया है, इसके स्थान पर eSIM को इस्तेमाल में लिया जाने वाला है।
Apple ने सबसे पहले 2017 में अपनी Apple Watch Series 3 के साथ eSIM पेश किया था। iPhone XS, iPhone XS Max और iPhone XR भी eSIM सपोर्ट के साथ आते हैं लेकिन इन सभी में एक फिजिकल ट्रे भी है। इंटरनेट eSIM, इसके फायदे और नुकसान की जानकारी से भरा पड़ा है। इस तकनीक को बेहतर ढंग से समझने में आपकी मदद करने के लिए हम आपके लिए इससे जुड़ी कुछ जानकारी लेकर आए हैं, जो आपको eSIM को समझने में मदद करने वाली है। आइए सबकुछ जानते हैं eSIM के बारे में, साथ ही यहाँ आप यह भी जानने वाले है कि आखिर आप इसे कैसे एक्टिवेट कर सकते हैं।
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क्या होता है eSIM?
eSIM शब्द एंबेडेड-सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल के लिए प्रयोग में लाया जाता है। पारंपरिक सिम कार्ड देखे जा सकते हैं जबकि eSIM आपके फोन में इनबिल्ट है और देखा नहीं जा सकता। इसमें पारंपरिक सिम ट्रे की तरह सिम ट्रे की जरूरत नहीं होती है। आसान भाषा में कहें तो यह आपके फोन में एक इंटरनल मेमोरी की तरह होता है जिसे हटाया नहीं जा सकता लेकिन आप अपने डेटा को सेव कर सकते हैं। eSIM भी रीराइट करने योग्य है, जिसका अर्थ है कि आप जब चाहें अपना ऑपरेटर बदल सकते हैं।
eSIM प्रयोग करने की दो सबसे बड़ी शर्ते, यहाँ देखें
eSIM का उपयोग करने के लिए, दो शर्तें हैं- पहला आपके फोन को इस तकनीकी के लिए सपोर्ट होना चाहिए, दूसरा आपका नेटवर्क इसके साथ काम करने योग्य होना चाहिए। ऐसा इसलिए है, क्योंकि फिज़िकल सिम की तरह, आपको भी eSIM को दूरसंचार ऑपरेटर द्वारा डिजिटल रूप से एक्टिवेट करने की आवश्यकता होती है। सभी दूरसंचार ऑपरेटर अभी तक इस तकनीकी को सपोर्ट नहीं करते हैं। भारत में एयरटेल ने सबसे पहले इसका सपोर्ट करना शुरू किया था। Jio और Vodafone Idea भी eSIM सर्विस देते हैं। 2018 में Jio ने iPhone XS, XS Max और iPhone XR के लिए eSIM एक्टिवेशन शुरू किया था।
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