सावधान: वाई-फाई का इस्तेमाल पहुंचा सकता है आपकी सेहत को नुक्सान

सावधान: वाई-फाई का इस्तेमाल पहुंचा सकता है आपकी सेहत को नुक्सान
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क्या आप कभी सोचा सकते हैं जिस वाई-फाई को आप अपने ऑफिस में इस्तेमाल कर रहे हैं, अपने घर को वाई-फाई से लैस कर रहे हैं, सड़कों पर वाई-फाई के इस्तेमाल कर रहे हैं, वह आपके लिए खतरनाक भी हो सकता है?

आज वाई-फाई हम सब के लिए प्राथमिकता बन गया है, जहां चाहे वहां हमें वाई-फाई की जरुरत पड़ने लगी है इसका कारण इन्टरनेट के प्रति लोगों का बढ़ता क्रेज कहा जा सकता है. एक शोध के माध्यम से पता चला है कि 2018 तक भारत में इन्टरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या लगभग 500 मिलियन के आस पास पहुंचा जायेगी, इसलिए मोबाइल कम्पनियां भी भारत की ओर अपना कुछ ज्यादा ही रुझान दिखा रही हैं. इसके साथ साथ आपको बता दें कि भारत के कई शहरों को वाई-फाई से लैस भी कर दिया है.

 राजधानी दिल्ली में भी कई जगह वाई-फाई आपको मिल जाएगा हमारी मेट्रो में भी वाई-फाई शुरू कर दिया गया है इसके साथ साथ दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार जल्द ही दिल्ली के कुछ इलाकों में 1000 वाई-फाई हॉट स्पॉट बनाने जा रही है. और आज हम सब जानते हैं कि सभी सरकारी और निजी कार्यालयों में वाई-फाई लाज़मी सी चीज़ बन गया है, ऑफिस में जाते आपका फ़ोन ऑफिस के वाई फाई से खुदबखुद जुड़ जाता है और इसके बाद आप उसपर किसी भी साइट को एक्सेस करके उसका लुत्फ़ उठा सकते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिस इन्टरनेट का इस्तेमाल, जिस वाईफाई का इस्तेमाल आप अपने मनोरंजन के लिए करते हैं वह आपके लिए ख़तरनाक भी बन सकता है.

यह आपके लिए घातक हो सकता है, आपकी स्वास्थ्य के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है. वाई-फाई से निकलने वाली हानिकारक किरणें आपको कैंसर, और न जाने कितनी ही खतरनाक बीमारियों से ग्रस्त कर सकती हैं. जहां सरकारें वाई-फाई लानें की बात कर कर रहीं हैं वहां उनका ध्यान इस और क्यों नहीं जा रहा है यह बड़ा सवाल है. यह सवाल क्यों नहीं उठा रहा है, इसपर भी संदेह करना गलत नहीं है.

जब हम जानते है कि इनसे निकलने वाली किरणें हमारे लिए परेशानी खड़ी कर सकती हैं तो क्यों नहीं इनसे बचाव के लिए कोई कदम उठाया जा रहा है. इसके साथ ही आपको बता दें कि कुछ समय पहले ही सरकार ने हानिकारक पदार्थों का इस्तेमाल करके बनाये जाने वाला मोबाइल फोंस को सुरक्षा जांच से गुजरना होगा, इस बात की घोषणा की, पर क्या सरकार अभी तक इस बात से अनभिज्ञ थी, क्या सब जानते हुए यह कदम बहुत पहले ही नहीं उठाया गया, इतने समय के बाद इस कदम को क्यों उठाया गया है. और इसके साथ ही अब सामने आया है वाई-फाई का मुद्दा जहां भारतीय मूल के अमेरिकी छात्र ने आपके कैमरा को वाई-फाई के माध्यम से चार्ज करने को लेकर सफलता हासिल कर ली हैं वहीं उसने इस बात का शोध नहीं किया कि इससे उसे इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति को कितना नुक्सान पहुंचेगा. यहाँ और भी बहुत से बड़े सवाल हैं जिनका जवाब मिलना बहुत जरुरी हो जाता है.  

बता दें कि हाल ही में दुनिया भर के लगभग 200 वैज्ञानिकों में अपने शोध में आई बातों  को (यह शोध वाई-फाई से जुड़ा था) लेकर UN में एक याचिका भेजी है. इस याचिका में उनके द्वारा किये गए शोध शामिल हैं जिनमें इस बात की पुष्टि करी गई है कि वाई-फाई की किरणों के द्वारा न केवल कैंसर, बल्कि इसकी किरणों के संपर्क में आने से न जाने कितनी ही खतरनाक बीमारियाँ होने की आशंका है. कई वैज्ञानिकों के अनुसार, वाई-फाई की यह किरणें या यूँ कहें कि रेडिएशन इंसान के शरीर पर गहराई से असर करती हैं.

इसके साथ ही एक महत्त्वपूर्ण बात यहाँ यह है कि उन्होंने कहा कि जिस तरह से माइक्रोवेव खाना पकाने के लिए उसे अपनी किरणों से पकाता है उसी तरह यह किरणें भी काम करती हैं यह इंसान के शरीर में अन्दर तक चली जाती हैं, और अपना असर दिखाना आरम्भ कर देती हैं, अब अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि निरंतर वाई-फाई की रेंज में रहने से हमारा क्या हस्र हो सकता है. और इसके असर में हम सबसे ज्यादा अपने ऑफिस में रहते हैं, तो सतर्कता बरतना कितना जरुरी हैं यह आप खुद ही अंदाज़ा लगा सकते हैं और उसपर काम कर सकते हैं.

एक वैज्ञानिक के अनुसार, माइक्रोवेव किसी भी सब्जी के अन्दर मौजूद पानी की रेज के जरिये उसमें हलचल पैदा कर देता है और वह पक जाती है, और इंसान का शरीर में 70 फीसदी पानी से बना होता है, यह इंसान के शरीर को बड़ी अन्दर से और पूरी तरह से प्रभावित करने में सक्षम है. यह इंसान के शरीर के लिए सबसे अधिक घातक साबित हो सकता है. खासकर हमारा दिमाग इसकी चपेट में सबसे पहले आता है, क्योंकि दिमाग का 90 फीसदी हिस्सा तरल होता है.

वैज्ञानिकों के मुताबिक रेडिएशन के संपर्क में आने के बाद कोशिकाएं अपने स्तर से बेकाबू हो जाती हैं इसके कारण ही हमारे शरीर में कैंसर हो सकता है.  कुछ डोक्टरों का भी मानना है कि वाई-फाई और उसकी किरणों की चपेट में आने के कारण आपका शरीर बड़े पैमाने पर प्रभावित होता है. और आजकल इसका इस्तेमाल निरंतर बढ़ता जा रहा है. अगर इसपर गौर करें तो समस्या और बढ़ जाती है. कुछ वैज्ञानिकों ने रेडिएशन नापने वाली एक मशीन के जरिए दिखाया कि जब मोबाइल फोन से किसी को कॉल किया जाता है रेडिएशन कितना बढ़ जाता है, और जब मात्र कॉल करने से यह इतना बढ़ जाता है तो वाई-फाई के संपर्क में तो आप निरंतर दिन-रात रहते हैं, वह आप पर कितना प्रभाव डालता होगा. रिसर्च में जो बातें सामने आईं हैं उनके अनुसार वाई-फाई के संपर्क में ज्यादा वक्त तक रहने से कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. इसके कारण दिमाक की कोशिकाओं को काफी हद तक नुक्सान पहुंचता है. इसके कारण हमारी याददाश्त कमजोर हो सकती है, उसपर बुरा असर पड़ सकता है, सीखने की क्षमता कम हो सकती है, रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आ सकती है और प्रजनन क्षमता पर भी बुरा असर पड़ सकता है.

इसके लिए बचाव अभी तक सामने नहीं आये हैं, लेकिन कुछ सतर्कता बरतते हुए आप अपने आप को इस रेडिएशन से बचा सकते हैं, कोशिश करें कि ऑफिस में जहां वाई-फाई का मेन ताना बाना हो वहां न जाएँ, उससे दूरी बनाए रखने में ही आपका फायदा है, भलाई है. अगर आप रोजाना इसकी चपेट में आते हैं या उसके पास जाना आपकी मजबूरी है तो यह आपके लिए एक घातक समय का आना हो सकता है. ध्यान रखें कि उसके पास जाने से बचें. और कुछ भी शारीरिक परेशानी होने पर जल्द ही समय रहते अपने डॉक्टर की सलाह लें.

सोर्स: ईएमएफ साइंटिस्ट  

 

Ashvani Kumar

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Ashvani Kumar is Tech, Politics, and Sports lover. View Full Profile

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