स्मार्टफोन का इस्तेमाल लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इसके बिना कई लोग जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. स्मार्टफोन फायदा के साथ नुकसान भी करता है. खासतौर पर बच्चों को स्मार्टफोन काफी खतरनाक साबित हो सकता है. हालांकि, बच्चे बिना स्मार्टफोन के रह जाए ऐसा हो नहीं सकता है.
ऐसे में आपको उनकी सेफ्टी का ख्याल रखना होगा. इसके लिए स्मार्टफोन में कई सेटिंग पहले से दिए जाते हैं. आपको बस उन सेटिंग को ऑन करना है. इससे आप बच्चों पर पड़ने वाले स्मार्टफोन के गलत प्रभाव को काफी हद तक कम कर सकते हैं. चलिए आपको उन सेटिंग के बारे में बताते हैं जिन्हें फोन को बच्चे को देने से पहले बदल देने चाहिए.
इन सेटिंग की मदद से आप सुनिश्चित कर पाएंगे कि बच्चे की पहुंच गलत कंटेंट तक ना हो और फिक्स समय तक ही वह किसी ऐप का इस्तेमाल कर पाए. आपको कम से कम 5 सेटिंग को जरूर बदल देना चाहिए.
सबसे पहले बच्चों के लिए एक अलग ईमेल जरूर रखें. आपकी ईमेल आईडी पर कई चीजों का एक्सेस होता है. जो आपको नुकसान करवा सकता है. इस वजह से बच्चे के लिए एक पर्सनल ईमेल आईडी जरूर बना दें. इससे ऐप के ऐड को लिमिट किया जा सकता है. इसके अलावा बच्चों की एक्टिविटी पर भी आप नजर रख सकते हैं.
पर्सनल इमेल आईडी बनाने के बाद आता है एडल्ट कंटेंट की सेटिंग और उसे कंट्रोल करना. फोन को बच्चों के लिए सेफ बनाने के लिए जरूरी है कि एडल्ट कंटेंट पर रिस्ट्रिक्शन लगाना. इसके लिए गूगल प्ले रेस्ट्रिक्शन को ऑन करना होगा. इससे बच्चे उन ऐप्स को डाउनलोड नहीं कर पाएंगे जो उनके लिए नहीं बने हैं. इसके लिए आपको गूगल प्ले स्टोर में सेटिंग में जाकर ‘Parental controls’ पर जाकर पिन सेट करना होगा. इस पिन का इस्तेमाल करके आप हर कैटेगरी में कंटेंट को रिस्ट्रिक्ट कर सकते हैं.
इसके बाद आपको सोशल मीडिया के गैर-जरूरी इस्तेमाल की सेटिंग करनी होगी. आप इंस्टाग्राम या यूट्यूब पर भी Parental controls ऑन करके बच्चे की एक्टिविटी को ट्रैक कर सकते हैं. आप उनकी एक्टिविटी को मॉनिटर करने के अलावा उन्हें एडल्ट कंटेंट देखने से भी रोक सकते हैं.
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फोन बच्चों को देने से पहले उसमें अच्छा एंटी-वायरस जरूर डाल दें. एंटी वायरस में भी पैरेंटल सेटिंग का ऑप्शन दिया जाता है. जिससे आप बच्चे की एक्टिविटी पर नजर रख सकते हैं. इसके अलवा ब्राउजर में सेफ ब्राउजिंग जरूर ऑन कर दें. इससे वह अपनी उम्र के हिसाब से ही कंटेंट देख पाएंगे.
सबसे आखिरी सेटिंग स्क्रीन टाइम लिमिट को लेकर है. इस फीचर की मदद से आप सेट कर सकते हैं आपका बच्चा फोन पर किसी ऐप को कितनी देर इस्तेमाल कर सकता है. इससे उसकी आंखों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचेगा.
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