दिल्ली समेत कई जगहों पर प्रदूषण एक बार फिर से बढ़ने लगा है. पॉल्यूशन बढ़ने की वजह से लोगों के पास केवल Air Purifier लगाने का ही ऑप्शन रह जाता है. हालांकि, कई लोग पहली बार Air Purifier खरीदने जाते हैं तो वे कंफ्यूज हो जाते हैं. जिसकी वजह एयर प्यूरीफायर उनके घर के लिए बेस्ट फिट नहीं होता है.
ऐसे में अगर आप भी एयर प्यूरीफायर खरीदने का मन बना रहे हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा. इसको लेकर कोई मानक ना होने की वजह से आपको ब्रांड पर निर्भर होना पड़ेगा. एयर प्यूरीफायर की कीमत 8000 से लेकर 1 लाख रुपये तक हो सकती है.
एयर प्यूरीफायर खरीदते समय आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. इसमें सबसे पहले आता है कमरे का साइज. आप जिस कमरे में एयर प्यूरीफायर लगाना चाहते हैं उस साइज वाली कैपिसिटी का ही एयर प्यूरीफायर खरीदनें. पोर्टेबल एयर प्यूरीफायर को केवल एक कमरे के लिए डिजाइन किया जाता है.
आयनाइजर और UV लाइट बेस्ड एयर प्यूरीफायर मॉडल खरीदने से बचें. ये ओजोन को बाय प्रोडक्ट के तौर पर छोड़ते हैं, जिनके निगेटिव प्रभाव होते हैं.
फिल्टर बदलने की कीमत और बिजली खपत का भी आपको ध्यान रखना चाहिए. बेहतर रिजल्ट के लिए एयर प्यूरीफायर हमेशा ऑन रहना चाहिए. अगर ज्यादा बिजली खपत वाले एयर प्यूरीफायर ले लेंगे तो बिजली बिल ज्यादा आएगी.
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आपको बता दें कि एयर प्यूरीफायर इंडस्ट्री में दो मानकों को गंभीरता से लिया जाता है, AHAM (अमेरिकी) और चीनी सर्टिफिकेशन. भारत में उपलब्ध ज्यादातर एयर प्यूरीफायर में इन दोनों में से कोई सर्टिफिकेशन नहीं होता है. दोनों सर्टिफिकेशन से सुनिश्चित होता है कि एयर प्यूरीफायर मिनिमम क्वालिटी के साथ मौजूद है.
एयर प्यूरीफायर में अलग-अलग फिल्टर हो सकते हैं. आमतौर पर एयर प्यूरीफायर में HEPA (High Efficiency Particulate Air) फिल्टर होते हैं. यह फिल्टर .3 माइक्रोन तक के छोटे साइज से भी 99.9 प्रतिशत गंदगी हटा सकता है. सामान्यतौर पर आपका इस फिल्टर से काम हो जाएगा. हालांकि, कई एयर प्यूरीफायर में हेपा फिल्टर के साथ अल्ट्राफाइन पार्टिकल फिल्टर भी होता है.
यहां ध्याने देने वाली बात है कि हेपा फिल्टर गंध को नहीं हटा पाते हैं. गंध को हटाने के लिए इसके साथ आपको कार्बन फिल्टर को भी सेलेक्ट करना होगा. कुछ एयर प्यूरीफायर मॉडल धूल और बड़े कणों को फिल्टर करने के लिए एक प्री-फिल्टर के साथ आते हैं. प्री-फिल्टर के साथ आने वाले एयर प्यूरीफायर के अंदर लगे फिल्टर की लाइफ बढ़ जाती है.
किसी भी एयर प्यूरीफायर मॉडल की परफॉर्मेंस उसके कवरेज एरिया. क्लीन एयर डिलीवरी रेट (CADR) और एयर चेंज पर आवर (ACH) रेट से डिसाइस होती है. ब्रांड CADR और कवरेज के बारे में तो जरूर बताते हैं लेकिन ACH को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं देते हैं. ऐसे में आपको इसके बारे में जरूर पूछना चाहिए.
ACH या Air Changes Per Hour को मोटा-मोटा समझें तो यह बताता है कि एक एयर प्यूरीफायर एक घंटे में कवरेज एरिया की हवा को कितनी बार साफ कर सकता है. उदाहरण के तौर पर अगर 4 ACH वाला एयर प्यूरीफायर है तो वह 1 घंटे में 4 बार हवा साफ करेगा. यानी हर 15 मिनट पर एक बार हवा साफ होगी. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए आपको ज्यादा ACH वाले एयर प्यूरीफायर लेने चाहिए जो लगातार हवा को साफ करता रहे.
फिल्टर को एक समय के बाद रिप्लेसमेंट करना होता है. जिस वजह से आपको इसकी कीमत, लाइफ और इसकी उपलब्धता के बारे में जानकारी ले लेनी चाहिए. आमतौर पर 6 महीने में फिल्टर को चेंज किया जाता है. इसकी लाइफ 6 महीने की होती है. इसकी कीमत 1500 से से लेकर 2500 रुपये तक हो सकता है.
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