एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम में शुरुआत से ही बहुत सी परेशानियाँ सामने आती रहती हैं, जिसके कारण एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स का इस्तेमाल करने वाले लोगों को हमेशा ही खतरा मेहसूस होता राहत है। हालांकि अगर हम उस समय की बात करें जिस समय गुगल ने इस ऑपरेटिंग सिस्टम को लोगों की सुविधा के लिए बाजार में उतारा था, जिसका की सभी लोग आसानी से इस्तेमाल कर सके। एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम में हेंडसेट निर्माता कंपनियां अपनी सुविधा के मुताबिक बदलाव कर सकती हैं। एंड्रॉयड को गुगल ने सालों पहले बाजार में उतारा था, अभी तक इसके कई नए वर्जन भी उतारे जा चुके हैं, हालांकि आज भी गूगल इसे पूरी तरह से सुरक्षित नहीं बना पाया है, असल में इतने वर्जन आने के बाद भी और सुरक्षा को लेकर इतने अपडेट आने के बाद भी एंड्रॉयड आज भी लोगों को कहीं न कहीं परेशानी में फंसा ही देता है, कभी उनका डेटा लीक होने की खबर आती है, तो कहीं उनके निजी दस्तावेज ही लीक हो जाते हैं। पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि खासतौर पर एंड्रॉयड यूजर्स को निशाना बनाने की नियत से नए नए आइडिया के साथ हैकर्स मासूम लोगों को अपना शिकार बना लेते है। आइए जानते है कि आखिर आप कैसे अपने स्मार्टफोन को कुछ बातों का ध्यान रखकर सुरक्षित रख सकते हैं।
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इन दिनों हमने देखा है कि लोगों को फँसाने की नियत से हैकर्स नए नए जाल बिछाकर लोगों को लूटने की तैयारी करते रहते हैं। असल में एक नए स्कैम क्व तौर पर सामने आ रहा है कि यूजर्स को 4G से 5G SIM में अपग्रेड करने के नाम पर ठगा जा रहा है। कुलमिलाकर कहा जा सकता है कि गलत इरादे रखने वाला कोई भी व्यक्ति अब आसानी से आपका व्यक्तिगत डाटा बड़ी ही आसानी के साथ एक एमएमएस की मदद से हैक कर सकता है। इसीलिए आपको आजकल बैंकों और सरकार की ओर से भी चेताया जा रहा है कि आप किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें। एक SMS और उसमें मौजूद लिंक के माध्यम से (इन लिंक में मौजूद कोड की मदद से) यह आपके फोन में प्रवेश बना लेते हैं।
स्मार्टफ़ोन के बढ़ते इस्तेमाल के कारण अब लोग अपने खाते के पासवर्ड, बोर्डिंग पास और क्रेडिट कार्ड आदि से संबंधित जानकारियां अपने स्मार्टफ़ोन में रखने लगे हैं। ऐसा भी कह सकते है कि आजकल आपके स्मार्टफोन को ही आपका वॉलेट और फाइल कहा जा सकता है। इसका मतलब है कि बेशक आप अपना डेटा अपने फोन में रखते हैं लेकिन आपको अपने फोन को सुरक्षित रखने के लिए कुछ उपाये जरूर करने होंगे। यानि कुलमिलाकर आपको अपने फोन को सुरक्षित रखने के लिए किसी भी लिंक या मैसेज पर क्लिक नहीं करना है।
इनदिनों ज्यादातर स्मार्टफ़ोनों में फिंगरप्रिंट आधारित सुरक्षा लॉक दिया जाना आम बात है, लेकिन यह आपके स्मार्टफ़ोन को पूरी तरहा सुरक्षित करने में कामयाब नहीं है। क्योंकि अगर किसी को अपने फोन का पासवर्ड पता है तो वह आपके फिंगरप्रिन्ट के बिना भी अपके फोन को अनलॉक कर सकता है। Abbyak Black Hat कॉन्फ्रेस में मौजूद दो सुरक्षा से संबंधित विषय पर रिर्स्च करने वाले सोधकरताओं ने बताया कि कैसे और क्यों स्मार्टफ़ोन हैक होते हैं।
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फिंगरप्रिंट से लैस गैजेट भी आपके डाटा को पूरी तरह से सुरक्षित नहीं बनाते हैं। इनमें से ज्यादातर गैजेट्स में डाटा को उसके रूट पर ठीक तरह से लॉक नहीं किया जाता है, जिसके कारण इस डाटा को हैक किया जा सकता है लेकिन iOS के होने के कारण हैकर आपका डाटा हैक नहीं कर सकता, अगर उसके पास आपके लॉक का पासवर्ड मौजूद नहीं है. एंड्रॉयड गैजेट में मौजूद डाटा को हैकर न केवल इस्तेमाल कर सकता है, बल्कि फ़ोन को इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति द्वारा डाटा को एक बार फिर ऑपन करने पर देख सकता है।
फिंगरप्रिंट आधारित प्रमाणीकरण इनदिनों काफी जगहों पर इस्तेमाल किया जा रहा है। इसका इस्तेमाल कुछ तरह की धनराशि से संबंधित लेनदेन में किया जा रहा है। इसी कारण से हैकिंग का खतरा काफी बढ़ गया है। हैकिंग का खतरा सस्ते उपकरणों में ज्यादा पाया जा रहा है।
एंड्रॉएड और iOS गैजेट्स में एप से संबंधित अनुमति एक बहुत ही बड़ी समस्या बन गया है। हमने हाल ही में ऑनलाइन सामान बेचने वाली कंपनी फ्लिपकार्ट के एप्प को इस्तेमाल करके देखा जिसमें हमने पाया कि एप्प को इस्तेमाल करने के लिए एप्प ने हमसे हमारे फ़ोन में मौजूद संपर्कों की जानकारी को एक्सेस करने की अनुमति मांगी। ऐसा ही कुछ आपको आजकल हर एक एप के साथ देखने को मिलने वाला है, इसमें फोन कॉल लोग और इमेज आदि की भी जानकारी शामिल है।
आपको जानकारी के लिए बता देते है कि केवल सतर्कता ही एक मात्र उपाये है तो आपको आपके स्मार्टफोन को सुरक्षित बनाने में आपको मदद कर सकती है।
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