एसपिरेशनल भारत में उपभोक्ताओं में लॉकडाउन के दौरान स्मार्टफोन उपयोग में 50फीसदी की बढ़ोतरी दिख रही है, जबकि उनकी कुल उत्पादकता 120 फीसदी बढ़ी है
काम के अलावा, उपभोक्ताओं ने अपने फोन पर वीडियो ओटीटी (70 फीसदी) और ऑडियो ओटीटी (60 फीसदी), और गेमिंग (62 फीसदी) जैसे कंटेंट का आनंद उठाने में फुरसत के बढ़े हुए समय को बिताया
तेजी से घटता बैटरी का लेवल और स्क्रीन का सीमित आकार सबसे बड़ी चुनौतियां थीं, जिनका उपभोक्ताओं को अपने स्मार्टफोन के साथ सामना करना पड़ा
साइबर मीडिया रिसर्च (सीएमआर) द्वारा टेक्नो मोबाइल के साथ मिलकर कराए गए एक नए मोबाइल इंडस्ट्री कंज्यूमर इनसाइट्स (एमआईसीआई) सर्वे, ने पहली बार एसपिरेशनल भारत में बदलते उपभोक्ता व्यवहार और स्मार्टफोन के उपयोग के पैटर्न की व्यापक समझ प्रदान की है। सीएमआर एमआईसीआई सर्वेक्षण में पता चला कि एसपिरेशनल भारत के उपभोक्ताओं ने कोविड से पहले के स्तरों की तुलना में उत्पादकता के लिए स्मार्टफोन उपयोग में 120 फीसदी की बढ़ोतरी देखी।
इंडस्ट्री इंटेलिजेंस ग्रुप (आईआईजी), सीएमआर, के हेड प्रभु राम के अनुसार, “स्मार्टफोन टियर- I से परे शहरों और कस्बों में रहने वाले उपभोक्ताओं के लिए एक प्रमुख दैनिक प्रेरक है। हम इसे एसपिरेशनल भारत कहते हैं। सर्वेक्षण पर इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि लॉकडाउन के दौरान और नव-सामान्य (न्यू-नॉर्मल) में, उत्पादकता, व्यक्तिगत विकास, और काम के बीच के समय में उपयोग के संदर्भ में स्मार्टफोन का उपयोग कैसे बदल रहा है। नव सामान्य की तैयारी में, एसपिरेशनल भारत में उपभोक्ता बड़े स्क्रीन आकार और बेहतर बैटरी जीवन प्रदान करने वाले स्मार्टफोन की मांग कर रहे हैं। ”
इस भावना को टेक्नो के नजरिये से समझते हुए ट्रांजन इंडिया के सीईओ श्री अरिजीत तालापात्रा ने कहा, “एक प्रमुख स्मार्टफोन कंपनी के रूप में एसपिरेशनल भारत में पर्याप्त उपस्थिति और बाजार हिस्सेदारी की कमान संभालते हुए, हम कोविड-19 के मद्देनजर स्मार्टफोन के दूरसंचार और उत्पादकता में उपयोग के बढ़ते महत्व को पहले दुहरा चुके हैं। एसपिरेशनल भारत में, जहां क्रय करने की आर्थिक सामर्थ्य और उपयोगिता दोनों को बराबर महत्व मिलता है, स्मार्टफोन कार्य, सूचना और मनोरंजन के प्राथमिक माध्यम के रूप में उभरा है। सीएमआर एमआईसीआई सर्वेक्षण इस तथ्य को पुष्ट करता है कि टेक्नो को अपने एसपिरेशनल उपभोक्ताओं की नब्ज की समझ है। और हमारी स्पार्क सीरीज़, दस हजार रुपये से कम वाली स्मार्टफोन श्रेणी में बैटरी, डिस्प्ले और कैमरा पर ध्यान देती है। यह इस मूल्य पर सेगमेंट में पहली बार ऐसे फीचर को शामिल करने की टेक्नो की प्रतिबद्धता का प्रमाण भी है जहां उपभोक्ता प्रोडक्ट के साथ प्रयोग करने के लिए ज्यादा तैयार हैं। हम आशावादी हैं कि हमारे नवीनतम लॉन्च किए गए स्पार्क 6 एयर स्मार्टफोन और टीडब्ल्यूएस मिनीपॉड एम 1 ग्राहकों को पसंद आएंगे और हमारे उपभोक्ताओं को इस ‘न्यू-नॉर्मल’ दौर में काम और अवकाश के बीच संतुलन खोजने में सक्षम करेंगे।”
(1)कोविड-19 और लॉकडाउन के दौरान एसपिरेशनल भारत में स्मार्टफोन के उपयोग पर पड़ने वाला प्रभाव
कोविड-19 लॉकडाउन (25 मार्च – 31 मई) के दौरान, स्मार्टफोन का उपयोग 50 फीसदी तक बढ़ गया, जिसमें काम के लिए स्मार्टफोन के उपयोग में 100 फीसदी से ज्यादा वृद्धि शामिल है।
एसपिरेशनल भारत में स्मार्टफोन उपयोगकर्ता अपने प्रोफेशनल और व्यक्तिगत जीवन को सशक्त बनाने के लिए अपने स्मार्टफोन पर निर्भर करते हैं
84 फीसदी उपभोक्ता अपने स्मार्टफ़ोन पर निर्भर हैं, मसलन, सरकारी योजनाओं, मौसम के मिज़ाज और कृषि उपज की बाज़ार से जुड़ी जानकारी तक पहुंचने के लिए।
83 फीसदी उपभोक्ता अपने फोन का उपयोग कम अवधि वाले वीडियो, संगीत इत्यादि बनाने और उपभोग करने सहित कंटेंट की खपत के लिए करते हैं।
83 फीसदी लोग ऑनलाइन बैंकिंग, शॉपिंग और यूटिलिटी बिल भुगतान के लिए अपने स्मार्टफोन का उपयोग करते हुए सशक्त महसूस करते हैं।
काम के अलावा, उपभोक्ताओं ने अपने फोन पर वीडियो ओटीटी (70 फीसदी) और ऑडियो ओटीटी (60 फीसदी), और गेमिंग (62 फीसदी) सहित उपभोग में अपना बढ़ा हुआ समय बिताया।
एसपिरेशनल भारत में हर सात उपयोगकर्ताओं में से तीन ने लॉकडाउन की अवधि के दौरान कुछ नई गतिविधियां और शौक शुरू किए हैं। उदाहरण के लिए, 21 फीसदी उपभोक्ताओं ने नए कौशल सीखे हैं, 19फीसदी ने संगीत सुना है, जबकि 18 फीसदी ने अपने फोन पर नए शौक अपनाए हैं।
प्रत्येक तीन माता-पिता में से एक लॉकडाउन के दौरान अपने बच्चे की ऑनलाइन शिक्षा की सुविधा के लिए अपने स्मार्टफोन पर निर्भर करता है।
(2)न्यू नॉर्मल (जून के बाद) में स्मार्टफोन का उपयोग
हर सात उपयोगकर्ताओं में से दो (29 फीसदी) को घर से काम करते समय कुछ चुनौती का सामना करना पड़ा है। प्रत्येक सात उपयोगकर्ताओं में से एक (15 फीसदी) को कार्य-जीवन-संतुलन और उत्पादकता के मुद्दे के प्रबंधन में कठिनाई का सामना करना पड़ा।
स्मार्टफोन के तीन शीर्ष फीचर्स जिन पर उपभोक्ताओं ने न्यू नॉर्मल में अधिक भरोसा करना शुरू कर दिया है, वे हैं कैमरा (61 फीसदी), बैटरी जीवन (57 फीसदी) और ध्वनि की गुणवत्ता (51 फीसदी)।
कुछ उपभोक्ताओं को अपने स्मार्टफ़ोन के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ा – फोन ओवरहीटिंग (58 फीसदी), सीमित स्क्रीन आकार (47 फीसदी) और बैटरी का जल्दी खर्च हो जाना (46फीसदी) शीर्ष तीन चुनौतियां थीं।
जब अगले स्मार्टफोन खरीद की बात आती है, तो उपभोक्ता उन स्मार्टफोन की तलाश में रहते हैं जो न्यू नॉर्मल से निपटने के लिए लंबी बैटरी लाइफ (54 फीसदी) और बड़े स्क्रीन आकार (53 फीसदी) का ऑफर करते हैं।