Apple के Logo में क्यों है कटा हुआ सेब? खुद डिजाइनर ने रहस्य से उठाया पर्दा, कारण जान आप भी दंग रह जाएंगे

Apple का Logo (लोगो)—दुनिया भर में पहचानी जाने वाली सबसे मशहूर निशानियों में से एक है. इसके कटे हुए हिस्से ने सालों से ढेर सारी थ्योरीज को जन्म दिया. कोई इसे बाइबिल के Adam और Eve की कहानी से जोड़ता है तो कोई कहता है कि ये Isaac Newton के सेब से प्रेरित है.
सबसे पॉपुलर थ्योरी? वो कटा हिस्सा “byte” (कंप्यूटिंग की डेटा यूनिट) का मजाक है. लेकिन लोगो के डिजाइनर Rob Janoff ने हाल ही में सारी अफवाहों पर विराम लगा दिया है. उनका जवाब सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. यह सब जितना सोचा गया, उससे कहीं आसान है.
“Byte” थ्योरी का सच
सोशल मीडिया—Twitter से TikTok तक—पर लोग सालों से कहते आए हैं कि Apple लोगो का कटा हिस्सा “byte” का स्मार्ट हिंट है. फैंस इसे टेक की दुनिया का जीनियस डिजाइन मानते थे. लेकिन Creative Bits को दिए इंटरव्यू में Janoff ने इसे सिरे से नकार दिया.
“यह सब सुनने में मजेदार है, लेकिन इसका इससे कोई लेना-देना नहीं था,” Janoff ने कहा. “कोई एक थ्योरी शुरू करता है, और लोग बोलते हैं, ‘हां, यही होगा!’ लेकिन यह सब बकवास है.”
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तो फिर वो कट क्यों? सच बहुत सिंपल है—ताकि लोग इसे सेब समझें, न कि चेरी या सतालू.
Apple लोगो की असली कहानी
1977 में Janoff ने यह लोगो बनाया, जब वो Regis McKenna एडवरटाइजिंग एजेंसी के लिए काम कर रहे थे. तब Apple एक छोटी कंपनी थी और Steve Jobs व Steve Wozniak अपने कंप्यूटिंग विजन के लिए एक यूनीक लोगो चाहते थे. Jobs ने बस इतना कहा था कि लोगो “क्यूट” नहीं होना चाहिए. बाकी Janoff पर छोड़ दिया.
1976 Apple logo (with its whimsical implication of a byte and a bite) pic.twitter.com/EWF0l18mB0
— Joey Gao (@dotunfolded) March 11, 2015
Janoff ने एक साधारण सेब का सिल्हूट चुना—प्रकृति और टेक्नोलॉजी का मिक्स. लेकिन सेब को साफ पहचानने के लिए उसमें एक कट लगाया. Forbes को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया, “यह बस ये दिखाने के लिए था कि यह सेब है, कुछ और नहीं. साथ ही, यह कट इस कंप्यूटर से मिलने वाली सारी नॉलेज को ‘bite’ करने का प्रतीक था.”
Janoff का मकसद कोई टेक-पन नहीं था. वो चाहते थे कि लोगो देखते ही समझ जाए कि यह सेब है. लेकिन मजेदार बात—लोगो बनने के बाद उनके क्रिएटिव डायरेक्टर Chip ने “bite” और “byte” का कनेक्शन पकड़ा. Janoff ने हंसते हुए कहा, “मैं तो इतना टेक-सैवी भी नहीं था कि यह पहले सोचूं. लेकिन यह मजाक लंबे वक्त तक चलने वाला था!”
भले ही यह इरादा नहीं था, ये वर्डप्ले Apple की ब्रांडिंग का हिस्सा बन गया. लोग इसे टेक का कमाल मानते रहे. शुरुआती लोगो में रंग-बिरंगे स्ट्राइप्स थे, जो Apple की कलर डिस्प्ले टेक्नोलॉजी को हाइलाइट करते थे. वक्त के साथ ये मोनोक्रोम और स्लीक डिजाइन में बदल गया, जो Apple की मिनिमलिस्ट स्टाइल से मेल खाता है.
लेकिन कोर डिजाइन वही रहा. Janoff का मानना है कि सादगी ही इसकी ताकत है. “लोग जटिल चीजें याद नहीं रखते, साधारण चीजें याद रहती हैं,” उन्होंने कहा. थोड़ा सा ह्यूमर या “wink” डालने से ये लोगो और प्यारा बन गया. यही वजह है कि ये आज भी दुनिया का सबसे आइकॉनिक लोगो बना हुआ है.
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Sudhanshu Shubham
सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile