प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का डिजिटल क्रांति के जरिए पूरे देश के सशक्तिकरण का सपना अब अंतिम रूप ले चुका है. अब वो समय दूर नहीं है जब हमारा देश डिजिटल देश बन जाएगा. कल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के बड़े उद्योगपतियों के साथ मिलकर इस कार्यक्रम का शुभारम्भ किया जिसमें देश को डिजिटल करने का महत्त्वकांक्षी सपना पूरा होना है. इस कार्यक्रम का शुभारम्भ का इंदिरा गाँधी स्टेडियम में हुआ. इस अवसर पर हमारे प्रधानमंत्री के साथ देश के टेलीकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद भी मौजूद थे, उन्होंने कहा कि यह जो योजना है जिसका आज शुभारम्भ हो रहा है यह हमारे देश का नक्शा ही बदल कर रख देने वाली योजना है. इसके साथ साथ उन्होंने आगे कहा कि मेक इन इंडिया के अभाव में इस योजना का पूरा होना समभाव नहीं था. आपको याद होगा मेक इन इंडिया हमारे देश के प्रधानमंत्री मोदी ने आज से कुछ समय पहले दुनिया भर में चलाई एक योजना थी. 2015 में लॉन्च हुए फ्लैगशिप स्मार्टफोंस का तुलनात्मक अध्ययन
इस पहल इस योजना के बाद हमारे देश का हर गाँव हर नगर इन्टरनेट से सराबोर होगा, हर गाँव में इन्टरनेट की सुविधा होगी. किसी भी स्थान पर अब आपके हस्ताक्षर की जरुरत नहीं होगी आपको काफिया समय तक हस्पताल की लम्बी लाइनों में नहीं लगना पडेगा. आपको कहीं कुछ करने के लिए ज्यादा भागा दौड़ी नहीं करनी पड़ेगी, और कुछ ही समय यह सब हकीक़त में बदलने वाला है. हमारा देश डिजिटल होने वाला है. और इस पहल इस योजना की शुरुआत कदल हमारे देश में इंदिरा गाँधी स्टेडियम से हो चुकी है. इसकी नींव राखी जा चुकी है. इस समारोह में देश के बड़े उद्योगपतियों के साथ लगभग 10 हजार लोगों ने शिरकत की. यह कार्यक्रम जो कल से शुरू हुआ है वह एक सप्ताह तक चलने वाला है. आपको याद होगा कि इस बात को हमारे देश के प्रधानमंत्री ने पहले ही उस समय ही कह दिया दिया था जब उन्होंने केंद्र सरकार ने अपने कदम रखें थे कि वह हमारे देश की जनता के जीवन को बेहतर बनायेंगे और आज इस कार्यक्रम के बाद से लग रहा है कि वह सपना जल्द ही साकार होने वाला है. जून में लॉन्च हुए हैं ये स्मार्टफोंस
इसके साथ साथ अगर इस योजना पर गौर करें तो सरकार के अनुसार डिजिटल इंडिया के आने के बाद से सरकारी काम-काज में तेज़ी आएगी. इसके साथ ही आपको बता दें कि इस कार्यक्रम के तीन प्रमुख लक्ष्य हैं. आइये जानते हैं इनके बारे में… इस योजना का पहला लक्ष्य कि हर व्यक्ति को डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर से जोड़ना, ताकि सभी इसका प्रयोग कर सकें. दूसरा लक्ष्य है, जनता के मांग करने पर गवर्नेंस और तमाम सरकारी सेवाएं उपलब्ध कराना, एवं आख़िरी और तीसरा लक्ष्य है इस योजना के जरिए आप आदमी को सशक्त करना.
लेकिन अब यहाँ सवाल उठता है कि जिस देश में आज भी लगभग 40 फीसदी जनता गरीबी ने बोझ टेल दबी हुई हो, उस बड़ी जनसंख्या के लिए इस योजना का क्या लाभ, क्या इस बड़ी जनसंख्या के लिए सरकार महज़ रोटी का ही इंतज़ाम कर सकती है. तो उतना ही काफी है, आज भी हमारे देश की सडकों पर न जाने कितने ही बच्चे अपनी मासूम आँखों से आपकी ओर एक रोटी की मांग कर रहे हैं. क्या उन्हें रोटी मिल सकती है. जो महिलाएं अपने बच्चों के साथ सडकों पर अपना जीवन यापन कर रही हैं क्या उन महिलाओं को इस योजना का कोई फायदा मिलने वाला है ऐसे ही कई सवाल और भी हैं जो इस योजना के सामने सवाल बनकर खड़े है. क्या इसं सवालों के जवाब हैं सरकार के पास?
इसके साथ ही आपको बता दें कि इस योजना के हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लगभग 9 स्तम्भ भी तय किये हैं जिनके इर्द गिर्द ये योजना काम करेगी. इसके साथ ही कहा जा रहा है कि इन स्तंभों के माध्यम से आमजन की जिंदगी बेहतर और आसान हो जायेगी. डिजिटल लॉकर सिस्टम जिसमें कागजात की जगह ई-डॉक्यूमेंट पर जोर होगा, mygov.in, स्वच्छ भारत मिशन जैसे कार्यक्रम मोबाइल पर आ जाएंगे, ई-हॉस्पिटल के जरिए अस्पतालों में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा होगी, नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के जरिए छात्रों को हर छात्रवृत्ति की जानकारी मिलेगी, भारतनेट मतलब हाई स्पीड डिजिटल हाइवे जो ढाई लाख पंचायतों को जोड़ेगा, बीपीओ नीति के तहत पूर्वोत्तर राज्यों और छोटे शहरों में 48 हजार बीपीओ बनाए जाएंगे आदि. इस योजना के बारे में ज्यादा जानें यहाँ से
जुलाई महीने के शुरुआत से लेकर यह कार्यक्रम लगभग एक साप्ताह तक चलेगा, इसके साथ ही जानकारी मिल रही है कि कार्यक्रम में देश के बड़े बिज़नेस पर्सन भी शामिल होंगे. इस मौके पर देश-दुनिया से आए तमाम उद्योगपति प्रधानमंत्री नरेंद्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर डिजिटल इंडिया में अपनी भागीदारी और निवेश का ऐलान करेंगे. सवाल यहाँ अब भी वाही उठता है कि हमारे देशा में आखिर कितने लोग हैं जो इस योजना का लाभ ले पायेंगे? क्या यह देश के हर वर्ग, हर तबके को लाभ पहुंचाने वाली योजना है या ऐसा भी कहा जा सकता है कि पहले की बाकी सभी योजनाओं को फिर चाहे वह किसी भी राजनैतिक दल द्वारा सरकार में रहते हुए बनाई गई हो, की तरह ही केवल कागजों तक ही सीमित रहकर कहीं खो सी जायेगी.