चीन, ट्रंप और टिम कुक.. ये 3 बदल देंगे सारा हिसाब-किताब, 1 लाख में मिल सकता है 79,990 रुपये वाला iPhone, जानें

Updated on 05-Apr-2025

अप्रैल 2025 आते-आते एक बड़ी खबर ने टेक की दुनिया में हलचल मचा दी है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ ने Apple को मुश्किल में डाल दिया है. चीन से आने वाले सामानों पर 54% टैरिफ लगने से iPhone की कीमतें आसमान छू सकती हैं. यानी iPhones के दाम में 43% तक का इजाफा देखने को मिल सकता है.

यानी आपका पसंदीदा iPhone 16 जो अभी $799 (लगभग 79,900 रुपये) में मिलता है, वो $1,142 (करीब 98,000 रुपये) तक जा सकता है. अगर बात प्रीमियम मॉडल्स की करें तो iPhone 16 Pro Max की कीमत $1,599 (1,19,900 रुपये) से बढ़कर $2,300 (लगभग 1,97,000 रुपये) तक पहुंच सकती है. चलिए, आपको पूरा गणित समझाते हैं.

टैरिफ का तूफान: Apple की मुसीबत

आपको बता दें कि चीन Apple के लिए iPhone बनाने का सबसे बड़ा ठिकाना है. यहां 90% से ज़्यादा iPhones असेंबल होते हैं. अब 54% टैरिफ का मतलब है कि हर फोन की कॉस्ट में भारी इजाफा होगा. Rosenblatt Securities के एनालिस्ट्स का कहना है कि अगर Apple इस बढ़ी हुई लागत को कवर करना चाहे, तो उसे कीमतें 43% तक बढ़ानी पड़ेंगी.

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उदाहरण के तौर पर:

iPhone 16: $799 से $1,142

iPhone 16 Pro Max: $1,599 से $2,300

iPhone 16e (हाल ही में लॉन्च हुआ AI-फ्रेंडली किफायती फोन): $599 से $856 (59,900 रुपये से 72,200 रुपये)

ये बढ़ोतरी सिर्फ फ्लैगशिप फोन्स तक सीमित नहीं है. इसका असर हर मॉडल पर पड़ेगा. Apple के सामने अब दो रास्ते हैं या तो वह अतिरिक्त खर्च खुद उठाए या फिर ग्राहकों की जेब पर बोझ डाले.

पहले की तरह छूट नहीं: ट्रंप का नया रुख

ट्रंप के पहले कार्यकाल में Apple ने चीनी टैरिफ से छूट हासिल कर ली थी. लेकिन इस बार कहानी अलग है. Rosenblatt Securities के एनालिस्ट बार्टन क्रॉकेट का कहना है, “हमें लगा था कि अमेरिका की आइकॉनिक कंपनी Apple को इस बार भी नरमी मिलेगी, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा.” अभी तक कोई छूट नहीं मिली है, और टैरिफ का पूरा असर Apple की सप्लाई चेन पर पड़ रहा है.

Apple ने कुछ प्रोडक्शन Vietnam (46% टैरिफ) और India (26% टैरिफ) में शिफ्ट किया था. लेकिन इन देशों पर भी नए टैरिफ लग गए हैं. यानी बचने की जगह कम ही बची है.

एनालिस्ट्स का मानना है कि Apple शायद पूरी 43% बढ़ोतरी ग्राहकों पर न थोपे. CFRA रिसर्च के एंजेलो ज़िनो कहते हैं कि Apple 5% से 10% तक का बोझ ही कंज्यूमर्स पर डाल सकता है. बाकी लागत को वो खुद झेल सकता है या फिर iPhone 17 की लॉन्चिंग तक बड़ा फैसला टाल सकता है, जो इस साल के अंत में आएगा.

लेकिन सच यह है कि iPhone की सेल्स पहले से ही कुछ बड़े मार्केट्स में धीमी पड़ रही हैं. नए AI फीचर्स भी अपग्रेड के लिए लोगों को लुभा नहीं पाए हैं. ऐसे में कंपनी की कमाई पर दबाव बढ़ रहा है.

आपको बता दें कि Apple हर साल 220 मिलियन iPhones बेचता है. अमेरिका, चीन और यूरोप इसके सबसे बड़े मार्केट्स हैं. लेकिन अब ये त्रिकोणीय रिश्ता खतरे में है. चीन इसका मैन्युफैक्चरिंग हब है, अमेरिका रेगुलेटर और बड़ा मार्केट है. Rosenblatt Securities का अनुमान है कि इन टैरिफ्स से Apple को 40 बिलियन डॉलर तक का नुकसान हो सकता है. यह किसी अमेरिकी आइकन के लिए बड़ा झटका है.

Apple के CEO टिम कुक का ट्रंप के साथ पुराना रिश्ता रहा है—रणनीतिक और प्रैक्टिकल. आने वाले दिनों में व्हाइट हाउस और China के साथ बातचीत की उम्मीद है. अगर पहले की तरह छूट मिली, तो शायद कीमतों में इतना उछाल न आए. लेकिन अभी इस पर कुछ भी कहना जल्दीबाजी होगी.

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Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं.

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