भारत में सुपरपॉवर लाने के लिए बहूत सी कोशिशे जारी है, और हमें विश्वास है की, जल्द ही जागतिक तौर पर कुछ बेहतरीन इंडस्ट्रीज के साथ आगे आनेवाले है. तो आइये जानते है, की ये कौनसी नई 7 इंडस्ट्रीज है, जिसमें भारत कुछ अच्छा और बढ़िया कर के दिखाएगा.
ऑटोमोटिव टेक्नॉलॉजी
देश में ऑटो उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 2006 में AMP प्लान लाया गया है. और इसका पहला चरण 2006 से 2016 के बीच में लागू किया है. लेकिन इसका एर्गोनॉमिक विकास देखते हुए इसका दूसरा चरण इस साल के अंत तक लाया जाएगा, लेकिन इसका AMP प्लान 2016 से 2026 तक लागू होगा.
VFX
भारत में अब तक हॉलीवूड मूव्ही की तरह बॉलीवूड मूव्हीज में स्पेशल इफेक्ट्स इस्तेमाल नहीं किये जा रहे है. जिसकी वजह से भारतीय VFX स्टूडियोज को कुछ इफेक्ट्स हॉलीवूड से लेने पड़ रहे है, जिसके लाइफ ऑफ पाय, स्कायफॉल, अवतार जैसे मूव्हीज उदाहरण है. लेकिन इन इफेक्ट्स जरुरतों को देखते हुए जल्द ही भारतीय VFX स्टूडियोज बदलाव किए जाएगें, जिसकी वजह से जागतिक तौर पर भारतीय VFX स्टूडियोज दर्जा मिलेगा.
टेलिकॉम
इसमे कोई छुपाने की बात नहीं है की, भारत दुनिया सबसे बड़ा टेलिकम्युनिकेशन्स मार्केट है. उसकी साथ हमारे कॉल टैरिफ भी अन्य देशों की तुलना में बहूत कम है, जिससे हम टेलिकॉम जगत में अन्य देशों की कडक टक्कर दे सकते है. 300 मिलियन से भी ज्यादा लोग टेलिकॉम सेवाओं से कनेक्टेड है.
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बँकिंग सॉफ्टवेअर
ग्लोबल डेव्हलपमेंट हॉरिजॉन्स (GDH) के रिपोर्ट नुसार, सेविंग और इन्वेसमेंट ये एक-दूसरे पर निर्भर होने वाली दुनिया है. इस लिए भविष्य में भारत के लगभग दुगने शेअर इसमें सामील हो जाएगें, ऐसा कहा जा रहा है.
मेडिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम्स
भारतीय मेडिकल बिरादरी यह दुनिया की सबसे बढ़िया सिस्टम है. भारत में डॉक्टर: मरीज प्रमाण (1:1700) है, जो WHO ने (World Health Organization) 1:1000 करने की सिफारिश की है. इसकी वजह से भारतीय डॉक्टर इतर राष्ट्रों की तुलना मे एक दिन में ज्यादा मरिज ऑपरेट करते हैें. लेकिन इसकी वजह से डॉक्टरों का मानसिक संतुलन बिघड जाता है.इसी कारण हमें जागतिक तौर मेडिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम बढ़ाने की जरुरत है.
इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT)
इंटरनेट ऑफ थिंग्स कन्सेप्ट भारत में बहूत ही तेजी से आगे बढ़ रही है. तथापि, कुछ भारतीय कंपन्यांनी पहले से गेमिंग के लिए इस कन्सेप्ट को इस्तेमाल करना शुरु किया है.
टेक्स्टाइल टेक्नोलॉजी
भारत में अपने पहनावे पर ज्यादा महत्त्व दिया जाता है. तथापि, टेक्स्टाइल मार्केट न केवल भारत के सीमित रहा है, बल्कि यह आंतरराष्ट्रीय हिसाब से भी महत्त्वपुर्ण माना गया है. भारत में कूलमिलाकर 27% विदेशी एक्सचेंज टेक्स्टाइल निर्यात की वजह मिलता है. भारतीय टेक्स्टाइल की इस बढ़ती हुई लोकप्रियता को देखते हुए कुछ सालों मे भारतीय टेक्स्टाइल का रुप पूरी तरह से बदल जाएगा.
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