भविष्य बदल सकते हैं ये सात आविष्कार

भविष्य बदल सकते हैं ये सात आविष्कार
HIGHLIGHTS

वैज्ञानिक हर दिन नए आविष्कार कर रहे हैं। हम इनमें 7 ऐसे आविष्कारों को हाइलाइट कर रहे हैं जो वास्तव में हमारा भविष्य बदलने की क्षमता रखते हैं।

इतिहास का विज्ञान से बड़ा अजीब रिश्ता है। इलेक्ट्रिसिटी का अगर उदाहरण लें इंसानों ने लाइट के लिए हाजारों वर्ष लगाए। हमारा मुख्य इतिहास का विज्ञान और जानने की इच्छा के साथ बड़ा अजीब नाता है। इसी के कारण आज हम इस जगह पहुंच पाए हैं। इस जागरुकता के साथ बीते कल का ज्ञान और भविष्य की कल्पनाओं के साथ हम आज को जान सकते हैं। इसे ही ध्यान में रखते हुए हम यहां कुछ बहुत नए आविष्कारों की चर्चा कर रहे हैं जो हमारे विचार भविष्य के लिए क्रांतिकारी साबित हो सकते हैं।

इलेक्ट्रो-टेलीपैथिक कम्यूनिकेशन

साइंस फिक्शन में यह मुख्य रूप से प्रयोग होता है। कॉन्सेप्ट के रूप में यह बहुत आसान है जिसके अनुसार किसी की सोच को दूसरे की सोच से जोड़ सकने की क्षमता। लेकिन आज यह कॉन्सेप्ट कल्पनाओं से निकलकर हकीकत बनने की ओर बढ़ रहा है।

न्यूरोसाइंटिस्ट, रोबोटिसिस्ट्स, इंजीनियर्स और रिसर्चर का एक इंटरनेशल ग्रुप ने ब्रैन-टू-ब्रेन कम्यूनिकेशन को संभव बनाया है। प्रोजेक्ट हालांकि अभी शुरुआती दौर में है लेकिन 8,000 किलोमीटर्स दूर रह रहे लोगों ने सफलतापूर्वक इसके द्वारा इंटरनेट की मदद से ब्रेन-टू-ब्रेन बातें की।

हैक न किया जा सकने वाला क्वांटम इंटरनेट

ऑनलाइन रिसर्चर इंटरनेट को सुरक्षित करने के लिई क्वांटम टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं। इसे ‘क्वांटम-की डिस्ट्रिब्यूशन या क्यूकेडी (QKD) नाम दिया गया है।

इसका मुख्य आधार यह होगा कि अगर किसी क्वांटम-की को हैक करने की कोशिश की तो यह यूजर्स को अलर्ट कर देगा कि उसका ‘की’ हैक किए जाने की कोशिश में है। रिसर्च अभी चल रहा है और जो शायद आज के इंटरनेट प्रारूप को पूरी तरह बदल देगा।

सस्ती नैनोट्यूब हाइड्रोजन फ्यूअल

ईंधन की कीमतों में उतार-चढ़ाव, प्राकृतिक ईंधन की घटती मात्रा, अक्षय ऊर्जा के नए स्रोत और बदलते वातावरण का प्रभाव वैश्विक माहौल को डरा रहा है। पूरी पृथ्वी पर 7 बिलियन लोगों के लिए खाना, घर और रहने की व्यवस्था करने में यह स्थिति और बिगड़ रही है और विकल्प के रूप में कुछ नए आविष्कार के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

ऐसे मे सस्ती मनुफैक्चरिंग और सफाई से जलने वाले हाइड्रोजन ईंधन के आविष्कार का प्रयास किया जा रहा है। रट्जर्स यूनिवर्सिटी, न्यू जर्सी ने पानी से कार्बन मोनोट्यूब्स को पानी से अलग कर हाइड्रोजन ईंधन के रूप में उपयोग कर पाने की विधि खोज निकाली है। हालांकि पानी को हाइड्रोजन ईंधन में बदलने की क्रिया में इलेक्ट्रोलिसिस रिएक्शन के लिए प्लेटिनम प्रयोग होने के कारण यह अभी बहुत महंगी है लेकिन इसके बदले नया कैटेलिस्ट मिल जाने पर यह ऐसा नहीं रहेगा।

लिक्विड डाटा स्टोरेज डिवाइस

हमारे आसपास डाटा की भरमार है और ज्यादातर बेकार हो जाते हैं। यह सेलफोन से लेकर क्लाउड डाटा तक भी हो सकता है। अंत में सभी डाटा सॉलिड फॉर्म में ही होते हैं। हाल के नैनो पार्टिकल डेवलपमेंट्स में यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी ने डाटा को लिक्विद फॉर्म में स्टोर कर सकने की तकनीक खोज निकाली है।

आर्टिफिशियल ब्लड सप्लाई

ह्यूमन बॉडी में ब्लड सबसे जरूरी है जो शरीर में ऑक्सीजन के बहाव के लिए जिम्मेदार होता है। ब्लद की जरूरत होने पर ब्लड न मिलने पर किसी की जान भी जा सकती है। यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग और स्कॉटिश नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन सर्विसेस ने अप्राकृतिक ब्लड तैयार करने में सफलता पाई है। इसे सफलतापूर्वक स्टेम सेल्स में ओ-नेगेटिव ब्लड के लिई प्रयोग भी किया गया है।

आकार बदलने वाले रोबोट

रोबोट का मेटल स्ट्रक्चर उनके हमेशा इंसानों की तरह दिखने में बाधा बनते हैं। यूनाइटेड स्टेट्स के मैक्स प्लैंक इंस्टिट्यूट फॉर डायनेमिक एंड सेल्फ-ऑर्गनाइज्ड एंड स्टॉनी ब्रूक यूनिवर्सिटी एक ऐसा मैटीरियल डेवलप किया है जो रोबोट को सॉफ्ट को बनाएंगे। यह उन्हें सस्ता और आसानी से उपयोग कर सकनेवाला बनाएंगे।

कैंसर कंट्रोलिंग जीन

एद्स से ज्यादा कैंसर से रोगी मरते हैं। सबसे ज्यादा खतरनाक लंग कैंसर है जिससे हर साल 19% रोगी मरते हैं। इसका सबसे खतरनाक पार्ट यह है कि यह शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल जाता है। सॉल्क इंस्टिट्यूट के साइंटिस्ट्स ने डिक्स्ड सी1 (DIXDC1) जीन का आविष्कार किया है जो लंग कैंसर को शरीर के दूसरे हिस्सों में फैलने से रोकेगा।

Samir Alam
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