AI Voice Fraud ने मचाया हड़कम्प, नकली आवाज से लाखों लूट रहे स्कैमर्स, कैसे करें बचाव?
सोशल मीडिया पर वीडियोज़ शेयर करना आपको AI वॉइस क्लोनिंग के खतरे में डाल सकता है।
अपने ऑनलाइन कनेक्शंस और शेयर की गई पोस्ट पर संभावित पहुँच को ध्यान में रखें।
हमेशा अनजान फोन कॉल्स और वॉइस नोट्स से सतर्क रहें, खासकर जो फाइनेन्शियल मुद्दों से जुड़े हों।
जैसे-जैसे AI टूल्स का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है, वैसे ही साइबर क्रिमिनल्स वॉइस स्कैम्स करने के लिए इस तकनीक का फायदा उठा रहे हैं जिससे कई लोगों को फाइनेन्शियल नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। रिसर्च से पता चला है कि अब तक काफी बड़े पैमाने पर लोग अपने पैसों की भारी रकम को खो चुके हैं। इस बढ़ते हुए फ्रॉड से खुद को बचाने के लिए कुछ कदम बड़े कदम उठाने जरूरी हैं। इसलिए यहाँ हम आपको AI वॉइस फ्रॉड से बचने के लिए 5 बेहद जरूरी टिप्स बताने जा रहे हैं।
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1. अपनी आवाज को ऑनलाइन शेयर न करें
सोशल मीडिया पर वीडियोज़ शेयर करना आपको AI वॉइस क्लोनिंग के खतरे में डाल सकता है। यहाँ तक कि 3 सेकंड की छोटी-सी ऑडियो भी AI वॉइस जनरेटर द्वारा ऐसे शब्द बनाने के लिए इस्तेमाल की जा सकती है जो आपने कभी बोले ही नहीं। स्कैमर्स आपके दोस्तों और परिवार को निशाना बनाकर फोन कॉल्स या वॉइस नोट्स के जरिए इसका फायदा उठा सकते हैं। अपनी प्राइवसी और सिक्योरिटी सेटिंग्स को एडजस्ट करना जरूरी है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आपकी सोशल मीडिया प्रोफाइल्स को केवल जानने वाले लोग ही एक्सेस कर सकते हैं। इसके अलावा, अनजान लोगों की फ्रेंड या फॉलो रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करते समय भी सतर्क रहें।
2. कहीं भी क्लिक और शेयर करने से पहले सोच लें
अपने ऑनलाइन कनेक्शंस और शेयर की गई पोस्ट पर संभावित पहुँच को ध्यान में रखें। जितना अधिक आप अपने नेटवर्क को बढ़ाते हैं और अधिक कॉन्टेन्ट शेयर करते हैं, उतना ही अधिक आपकी डिटेल्स फैलने का और दूसरों द्वारा आपकी पहचान चुराने का खतरा बढ़ता है। यह याद रखें कि ऑनलाइन दुनिया इंटरकनेक्टेड है इसलिए जो कदम आप उठाते हैं उनके बहुत दूर तक के नतीजे निकल सकते हैं। इसलिए कहीं भी क्लिक या शेयर करने से पहले उससे जुड़े संभावित खतरे को पहचान कर सावधानी से काम लें।
3. अनजान कॉल्स से सावधान रहें
हमेशा अनजान फोन कॉल्स और वॉइस नोट्स से सतर्क रहें, खासकर जो फाइनेन्शियल मुद्दों से जुड़े हों। कभी भी सामने वाले व्यक्ति की पहचान पर अंधा विश्वास न करें जब तक आप उसे पूरी तरह से वेरिफाई न कर लें। अनजान कॉल्स पर लोगों द्वारा पर्सनल या फाइनेन्शियल जानकारी की मांग करना खतरे का संकेत होता है। साइबर क्रिमिनल्स चालाकी से कॉलर ID की जानकारी निकाल सकते हैं, हालांकि वे ऐसा दिखाएंगे कि कॉल किसी जानने वाले कॉन्टैक्ट से आ रही है। अगर आपको शक हो तो कोई भी अगला कदम उठाने से पहले इस जानकारी को वेरिफाई करने के लिए सीधे उस व्यक्ति से कॉन्टैक्ट करें।
4. स्कैमर्स की चालबाज़ी को पहचानें
अक्सर स्कैमर्स इमोशनल होकर चालाकी करने की कोशिश करते हैं और पीड़ितों को अपने जाल में फँसाने के लिए अलग-अलग चालें चलते हैं। ऐसे में स्कैमर्स द्वारा ये चालें चली जा सकती हैं: आपके किसी अपने जानने वाले और पसंदीदा व्यक्ति को अचानक पैसों की भारी जरूरत पड़ सकती है या फिर वह किसी मुसीबत में फँसा हो सकता है। इसके अलावा किडनैपिंग स्कैम हो सकता है, जहां स्कैमर्स फिरौती के लिए आपके परिवार के किसी सदस्य को पकड़े होने का दावा करेंगे। कई पीड़ितों के जरिए ऐसी रिपोर्ट्स सामने आई हैं कि स्कैमर्स ने जल्दबाज़ी और घबराहट वाला माहौल बनाकर उनके अपनों के सामने नकल करने के लिए AI-जनरेटेड वॉइस का इस्तेमाल किया है। ऐसे में जरूरी है कि आप शांत रहें, एक कदम पीछे लें और कोई भी पर्सनल या फाइनेन्शियल जानकारी देने से पहले अच्छी तरह से सोचें।
5. कोड वर्ड सिस्टम का इस्तेमाल करें
वॉइस क्लोनिंग टूल्स अब बिल्कुल सटीक हो गए हैं जिससे असली और नकली आवाजों के बीच अंतर कर पाना एक चुनौती बन गया है। परिवार के सदस्यों, नजदीकी दोस्तों और विश्वसनीय लोगों के बीच एक कोड वर्ड या कोई वाक्य होने से वॉइस फ्रॉड के खिलाफ बचाव करने में मदद मिल सकती है। यह कोड वर्ड केवल विश्वसनीय लोगों को ही पता होना चाहिए और फोन कॉल्स, टेक्स्ट मेसेजेस या मदद मांगने वाले ईमेल्स के दौरान एक वेरिफिकेशन मेज़र की तरह इस्तेमाल होना चाहिए।
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AI वॉइस फ्रॉड लगातार बढ़ता जा रहा है, इसलिए खुद को और अपनों को ऐसे स्कैम्स से बचाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाना जरूरी है। ऊपर बताए गए टिप्स को फॉलो करके आप AI वॉइस फ्रॉड के विक्टिम बनने के खतरे को काफी कम किया जा सकता है। इन बातों को ध्यान में रखकर आप अपने फाइनेन्शियल और पर्सनल सिक्योरिटी को बरकरार रख सकते हैं।
Faiza Parveen
फाईज़ा परवीन डिजिट हिंदी में एक कॉन्टेन्ट राइटर हैं। वह 2023 से डिजिट में काम कर रही हैं और इससे पहले वह 6 महीने डिजिट में फ्रीलांसर जर्नलिस्ट के तौर पर भी काम कर चुकी हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक स्तर की पढ़ाई कर रही हैं, और उनके पसंदीदा तकनीकी विषयों में स्मार्टफोन, टेलिकॉम और मोबाइल ऐप शामिल हैं। उन्हें हमारे हिंदी पाठकों को वेब पर किसी डिवाइस या सेवा का उपयोग करने का तरीका सीखने में मदद करने के लिए लेख लिखने में आनंद आता है। सोशल मीडिया की दीवानी फाईज़ा को अक्सर अपने छोटे वीडियो की लत के कारण स्क्रॉलिंग करते हुए देखा जाता है। वह थ्रिलर फ्लिक्स देखना भी काफी पसंद करती हैं। View Full Profile