YouTube पर फ्री में देख डालें ये 5 हिंदी साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्में-सीरीज, 5वीं वाली का तो अलग ही फैनबेस!

हिंदी साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्में आपको इंसान के दिमाग और भावनाओं की एक रोमांचक यात्रा पर ले जाती हैं। ये फिल्में हमारी सोच और भावनाओं की जटिलताओं को गहराई से दिखाती हैं, और अक्सर सस्पेंस, रहस्य, दोष, लालसा और पाप मुक्ति जैसे विषयों में भी गहराई से उतरती हैं। अपनी आकर्षक कहानियों और दमदार परफॉर्मेंस के साथ ये फिल्में आपको इंसान के अनुभव के अंधेरे पक्ष के बारे में गहराई से सोचने पर मजबूर करती हैं।
अगर आप भी साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्में देखना पसंद करते हैं तो आज हम आपके लिए इसी जॉनर की हिंदी फिल्मों के 5 दमदार ऑप्शंस लेकर आए हैं जिन्हें आप YouTube पर फ्री में देख सकते हैं।
Being Cyrus (2005)

यह साइकोलॉजिकल थ्रिलर होमी अदजानिया के निर्देशन में पहली फिल्म थी। इसमें सैफ अली खान, नसीरुद्दीन शाह और डिम्पल कपाड़िया जैसे शानदार कलाकार हैं। कहानी साइरस मिस्त्री के बारे में है, जिसका जीवन अव्यवस्थित सेठना परिवार के साथ तब जुड़ जाता है जब कैटी दिनशॉ उसे एक खतरनाक अपराध करने के लिए उकसाती है। जो एक सिम्पल प्लान के तौर पर शुरू होता है वह बाद में धोखे, लालसा और बुरे इरादों के एक जाल में बदल जाता है। इस फिल्म ने अपनी कहानी और दमदार परफॉर्मेंस से भारतीय सिनेमा में एक अलग पहचान पहचान बनाई है।
No Smoking (2007)
अनुराग कश्यप की इस दिमाग घुमा देने वाली थ्रिलर में जॉन अब्राहम एक लगातार सिग्रेट पीने वाले व्यक्ति की भूमिका निभा रहे हैं जिसकी जिंदगी पुनर्वास केंद्र में जाने के बाद एक बुरे सपने में बदल जाती है। फिल्म तब एक अंधेरा मोड़ ले लेती है जब उसके परिवार को अलौकिक खतरे का सामना करना पड़ता है, अगर वह स्मोकिंग छोड़ने की अपनी प्रतिबद्धता को छोड़ता है। इस फिल्म में आयश टाकिया, रणवीर शोरे और परेश रावल भी हैं। यह साइकोलॉजिकल थ्रिलर पारंपरिक कहानी सुनाने के तरीके को चुनौती देती है और साथ ही लत और कंट्रोल जैसी थीम को भी दिखाती है।
Gupt (1997)
बॉबी देओल, काजोल और मनीषा कोइराला की इस आईकॉनिक थ्रिलर ने बॉलीवुड में साइकोलॉजिकल थ्रिलर जॉनर को एक नई परिभाषा दी थी। यह कहानी साहिल की है, जो अपने सौतेले पिता की हत्या के लिए कैद में है। शीतल की मदद से जेल से भागने के बाद कई घटनाएं शुरू हो जाती हैं, जबकि इंस्पेक्टर उधम सिंह लगातार उसका पीछा करता है।
Phobia (2016)
इस फिल्म में राधिका आप्टे ने महक की भूमिका में शानदार अभिनय किया है, जो एक कलाकार है और एक दर्दनाक हमले के बाद गंभीर एगोराफोबिया से जूझ रही है। उसका नए अपार्टमेंट में शिफ्ट होना एक मनोवैज्ञानिक युद्ध का मैदान बन जाता है क्योंकि उसे पिछले किरायेदार के गायब होने के बारे में कुछ परेशान करने वाले रहस्य पता चलते हैं। इस फिल्म को देखते हुए आखिर तक दर्शकों के मन में यह सवाल रहता है कि क्या असली है और क्या काल्पनिक है।
Asur (2020)
बनारस के पवित्र शहर में पौराणिक कथाओं और हत्याओं का एक गहरा रहस्य छिपा है। कहानी निखिल नायर की है। जब एक सनकी सीरियल किलर शहर में तबाही मचाता है, तो निखिल CBI में अपनी नौकरी पर वापस लौटते हैं। इस जटिल मामले को सुलझाने के लिए वह अपने पुराने गुरु, धनंजय राजपूत के साथ मिलकर काम करते हैं। लेकिन, जैसे-जैसे वो जांच-पड़ताल करते हैं, उन्हें लगता है कि हत्यारा हर कदम पर उन्हें मात दे रहा है और वो एक कभी खत्म न होने वाली उलझन में फंस जाते हैं।
Faiza Parveen
फाईज़ा परवीन डिजिट हिंदी में एक कॉन्टेन्ट राइटर हैं। वह 2023 से डिजिट में काम कर रही हैं और इससे पहले वह 6 महीने डिजिट में फ्रीलांसर जर्नलिस्ट के तौर पर भी काम कर चुकी हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक स्तर की पढ़ाई कर रही हैं, और उनके पसंदीदा तकनीकी विषयों में स्मार्टफोन, टेलिकॉम और मोबाइल ऐप शामिल हैं। उन्हें हमारे हिंदी पाठकों को वेब पर किसी डिवाइस या सेवा का उपयोग करने का तरीका सीखने में मदद करने के लिए लेख लिखने में आनंद आता है। सोशल मीडिया की दीवानी फाईज़ा को अक्सर अपने छोटे वीडियो की लत के कारण स्क्रॉलिंग करते हुए देखा जाता है। वह थ्रिलर फ्लिक्स देखना भी काफी पसंद करती हैं। View Full Profile