चर्चा में: एंड्रॉयड के लिए फ्री आया स्लोफो

चर्चा में: एंड्रॉयड के लिए फ्री आया स्लोफो
HIGHLIGHTS

स्लोफो.कॉम (SloPho.com) अपनी तरह का अकेला प्लेटफॉर्म है जो आपको अनोखे कॉन्टेस्ट और चैलेंजेज में भाग लेने का मौका देकर इसके बदले पुरस्कार पाने का अवसर भी देता है।

प्रसिद्ध भारतीय क्रिकेटर कपिलदेव ने बुधवार को एक नए मोबाइल एप्लिकेशन ‘स्लोफो’ की घोषणा की। सोशल नेटवर्किंग और गेम्स पर फोकस करने वाले इस एप्लिकेशन की खूबी यह है कि इस एप्लिकेशन के माध्यम से यूजर्स कई प्रकार के गेम्स, कॉन्टेस्ट, पॉल्स आदि में भाग लेकर पॉइंट्स जुटाते हैं जिसके बदले बाद में उन्हें गिफ्ट प्राइज या विज्ञापन स्पेस आदि मिलता है।

साधारण यूजर क्लास के साथ ही यह एप्लिकेशन समान रूप से बिजनेस क्लास के लिए भी है। इस एप्लिकेशन के जरिए कंपनियां क्षेत्र या भाषा विशेष पर आधारित कैंपेन चला सकती हैं। गेम आधारित प्रमोशनल कैंपेन इसपर आसानी से चलाए जा सकते हैं।

मतलब साफ है कि टेक सेवी यूथ तथा एक बड़ी आबादी का मोबाइल इंटरनेट तथा स्मार्टफोन्स के प्रति बढ़ते रुझान मे बिजनेस की संभावनओं को स्लोफो ने पहचाना है और इसका टार्गेट यूजर भी यही है। स्लोफो के डेवेलपर्स ने युवाओं में मोबाइल का इस्तेमाल सिर्फ कॉलिंग या टेक्स्ट मैसेजिंग के बजाय मोबाइल एप्लिकेशन पर ज्यादा समय गुजारने की बढ़ रही आदतों को देखते हुए ही यह एप्लिकेशन बनाने की योजना बनाई। वे भविष्य में इसी एप्लिकेशन के जरिए फोटो शेयर कर सकने की सुविधा देने की योजना भी बना रहे हैं। पर इसके साथ इनका विशेष ध्यान इसपर भी है कि इससे किसी भी प्रकार की जानकारी शेयर करना सुरक्षित हो।

एक बड़ी आबादी में सोशल नेटवर्किंग और गेमिफिकेशन के लिए बढ़ते रुझान को भांपते हुए जिस उद्येश्य से यह एप्लिकेशन लाया गया है वह वास्तव में एक अनोखी और रचनात्मक पहल है। इस चर्चा में शामिल होते हुए हमने भी एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म के लिए बनाए गए इस स्लोफो एप्लिकेशन की पूरी जांच की। आइए देखें इसके नतीजे क्या रहे:

एप्लिकेशन कैसे पाएं?

फिलहाल स्लोफो सिर्फ गूगल प्ले स्टोर पर ही उपलब्ध है लेकिन जल्द ही यह एप्पल एप स्टोर पर भी उपलब्ध होगा। एंड्रॉयड वर्जन के लिए यूजर https://play.google.com/store/apps/details?id=com.slopho पर विजिट कर सकते हैं। यह लगभग 7 एमबी साइज का है और इसका लेटेस्ट वर्जन 1.1 है। एंड्रॉयड 2.3 और न्य पर अच्छी तरह चलता है।

लुक एंड फील

एप्लिकेशन की लॉन्च पर आपसे फेसबुक, ट्विटर या ईमेल के जरिए साइन अप या लॉग इन होने की जरूरत होती है। इसके बाद आप होम पर आते हैं। पहली बार स्लोफो एप्लिकेशन उपयोग कर रहे यूजर्स को यह कॉन्टेस्ट, चैलेंजेज, कॉर्पोरेट कॉर्नर, पॉल तथा प्रोफाइल जैसे अपने फीचर्स की जानकारी देता है। फिर आप कंटिन्यू बटन के साथ आगे बढ़ जाते हैं। सबसे ऊपर बाएं कोने पर आपको एक बटन नजर आता है जो आपको ‘फीड, माइ ग्रुप्स, पब्लिक गैलरी, हेल्प, एबाउट और लॉग आउट के विकल्प देता है।

दाहिने कॉर्नर पर एक लीडरबोर्ड बटन आता है जो यूजर्स को ज्यादा से ज्यादा पॉइंट्स लेने के लिए दिशानिर्देश देते हैं। दाहिनी ओर ही आपकी प्रोफाइल इमेज तथा अन्य पर्सनल जानकारियां भी होती हैं।

कुल मिलाकर इसका इंटरफेस बेहद साधारण है और यूजर्स को इसके फीचर्स समझने में ज्यादा समय नहीं लगता। हालांकि यह एप थोड़ा स्लो है, खासकर दो कैटगरीज के बीच स्विच करने में स्लोनेस की यह परेशानी आती है जिसमें रेफ्रेशिंग फीड पर ‘लोडिंग’ मैसेज आ जाता है। 

फीचर्स

स्लोफो का ज्यादातर फीचर गेमिंग पर आधारित है। कॉन्टेस्ट या पॉल्स में हिस्सा लेते हुए आपको पॉइंट्स मिलते हैं। हर कॉंन्टेस्ट में इसे स्पॉन्सर करनेवाले ब्रांड का नाम, भाग लेने के लिए निर्धारित अंतिम समय और इसमें अब तक भाग लेने वालों की संख्या भी देखी जा सकती है। एक फोटो चैलेंज में भाग लेने पर मुझे 10 पॉइंट्स मिले जबकि एक पॉल में भाग लेने पर 1 पॉइंट्स।

इसके साथ ही स्लोफो आपको सोशल होने की सुविधा भी देता है। इसपर आप अपना ग्रुप बना सकते हैं या अपने ई-मेल आइडी के जरिए अपने दोस्तों को आमंत्रित कर सकते हैं। इसपर पब्लिक गैलरी भी चेक की जा सकती है और दोस्तों के सुरक्षित रूप से आप अपने फोटोज भी शेयर कर सकते हैं।

इसके अलावा इस एप्लिकेशन का बेहद अहम फीचर यह है कि इसपर आप अपने पसंदीदा ब्रांड को फॉलो कर सकते हैं और एक ही फीड पर आप उनके द्वारा चलाए जा रहे सभी कॉन्टेस्ट और अपडेट्स पढ़ सकते हैं। प्रोफेशनल्स को भी स्लोफो उनके फॉलोअर्स बनाने और उसे बढ़ाने का मौका देता है। 

हमारी राय

स्लोफो एक मनोरंजक एप्लिकेशन है इसमें कोई दो राय नहीं है लेकिन अभी भी इसमें सुधार की आवश्यकताएं हैं। गेम आधारित प्लेटफॉर्म होना और रिवार्ड सिस्टम इसका मुख्य यूएसबी है जिसपर बिना किसी खास प्रयास के आपके प्राइजेज जीतने का मौका मिलता है। हमारे विचार से कम से बार जूजर्स को इसे मौका जरूर देना चाहिए और उपयोग कर देखना चाहिए।

 

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